चुनाव में हार से कांग्रेस और ‘इंडिया’ अलायंस को लगा झटका

punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2023 - 04:07 AM (IST)

5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में 3 राज्यों में करारी शिकस्त मिलने के बाद कांग्रेस की ‘इंडिया’ अलायंस में लोकसभा चुनाव में सीटों की दावेदारी कमजोर पड़ेगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा से चुनाव हार बैठी कांग्रेस की स्थिति विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’अलायंस में अब बिग ब्रदर की नहीं रही है। चुनाव परिणाम आने के बाद अलायंस के भागीदार राजनीतिक दलों के बयानों से साफ है कि क्षेत्रीय दल अपने राजनीतिक प्रभाव वाले राज्यों में कांग्रेस से सीटें शेयरिंग करने के मूड में नहीं हैं। तीन राज्यों में हार के बाद भी कांग्रेस सीटों की दावेदारी से पीछे हटेगी, इसकी संभावना नहीं के बराबर है। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस के अस्तित्व पर खतरा खड़ा हो जाएगा। कांग्रेस की हार से इंडिया अलायंस में रस्साकशी तेज होने के आसार हैं। 

कांग्रेस की हार के बाद इंडिया अलायंस गठबंधन के बंधन में बंधे रहना आसान नहीं है। अलायंस के सभी दलों का जोर इस बात पर रहेगा कि विधानसभा चुनाव की हार का आइना दिखाते हुए कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में सीटों की शेयरिंग में बैकफुट पर रखा जाए। अलायंस के पार्टनर्स के बयानों से यह स्पष्ट है कि चुनाव हारने से कांग्रेस का राजनीतिक वजन कमजोर पड़ गया है। इतना ही नहीं इस हार को कांग्रेस की हार बताकर अलायंस ने अपना पल्ला झटक लिया है। 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में ‘इंडिया’ अलायंस के दलों में गठबंधन नहीं हो पाया था वे अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे। अलायंस के गठन के बाद से ही दलों में मतभेद रहे हैं और वे एक-दूसरे को नीचा दिखाते रहे हैं। 

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 3 राज्यों में कांग्रेस की हार पर कहा कि इंडिया अलायंस के सदस्यों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था की कमी के कारण कांग्रेस तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हारी है। इंडिया अलायंस का चेहरा बनने को लेकर हो रही खींचातानी के बीच टी.एम.सी. सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जनता तय करेगी कि चेहरा ममता बनर्जी होंगी या राहुल गांधी या अरविंद केजरीवाल या उद्धव ठाकरे। बनर्जी ने कहा कि अगर आपको लगता है कि भाजपा की यह जीत पश्चिम बंगाल में दिखाई देगी, तो मुझे ऐसा नहीं लगता क्योंकि बंगाल का चुनाव बंगाल के मुद्दों पर लड़ा जाएगा। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश या राजस्थान में जो हुआ उस पर नहीं। 

ममता की तरह नीतीश कुमार की पार्टी के नेता ने 3 राज्यों में चुनाव हारने पर कांग्रेस को नसीहत दे डाली। जद-यू के प्रदेश महासचिव निखिल मंडल ने कहा कि ‘इंडिया’ अलायंस को अब नीतीश कुमार के अनुसार चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 5 राज्यों के चुनाव में व्यस्त होने की वजह से ‘इंडिया’ अलायंस पर ध्यान नहीं दे पा रही थी। अब कांग्रेस ने चुनाव भी लड़ लिया और परिणाम भी सामने हैं। पंजाब में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा की गिरफ्तारी के बाद ‘आप’ और कांग्रेस की तकरार सर्वविदित है। पंजाब में कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी के बाद दोनों पार्टियां एक-दूसरे के आमने-सामने आ गई थीं। सुखपाल सिंह खैहरा को सात साल पुराने एक मामले में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मामले को लेकर विपक्षी गठबंधन पर असर दिख सकता है। ‘आप’ भी यही चाहती है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दिल्ली और पंजाब से दूर रहे। इन दोनों राज्यों में ‘आप’ नाममात्र की सीटों पर कांग्रेस से शेयरिंग करने की बात कह चुकी है। 

‘आप’ की तरह समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस को अपने तीखे तेवर दिखा चुकी है। मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के सामने खड़े थे। इन तीनों पाॢटयों में प्रदेश स्तर पर कोई गठबंधन नजर नहीं आया। यहां सभी पाॢटयां एक-दूसरे की कमियां गिनाने में लगी हुई थीं। लिहाजा ये दल एक-दूसरे के खिलाफ ही चुनाव लड़ रहे थे। यू.पी. कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सभी 80 सीटों पर चुनाव लडऩे की बात कही थी। यह इस विश्वास का परिणाम था कि पार्टी विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगी। अब, अखिलेश कांग्रेस पर अपनी शर्तें थोप सकते हैं, तथा अन्य सहयोगी निश्चित रूप से उनका समर्थन करेंगे। 

कांग्रेस पार्टी के लिए दिक्कत यह है कि दक्षिणी राज्यों से उसे लोकसभा में ज्यादा सीटें मिलने की गुंजाइश कम है। पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा हिंदी भाषी राज्यों से होना है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में इन राज्यों में उसका प्रदर्शन सबसे निचले स्तर पर था। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा, अन्य हिंदी भाषी राज्य बिहार, झारखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश हैं। बिहार और झारखंड में कांग्रेस पहले से ही गठबंधन सरकार का हिस्सा है। ताजा नतीजे इन गठबंधन राज्यों में अपने सहयोगियों से अधिक लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस की सौदेबाजी की शक्ति को कम कर देंगे।-योगेन्द्र योगी


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