चीन का जासूसी नैटवर्क दुनिया में सबसे तेज

punjabkesari.in Sunday, Nov 06, 2022 - 05:52 AM (IST)

चीन का जासूसी नैटवर्क दुनिया के सबसे तेज नैटवर्क में से एक है, चीन ने अपने कई जासूसों को अमरीका के कई क्षेत्रों में छोड़ा हुआ है, जो चीन को अमरीका की हर छोटी-बड़ी बात के बारे में जानकारी देते हैं। चीन ने अपने जासूसों को अमरीकी विश्वविद्यालयों, पुलिस सेवा, सेना, फिल्म जगत, अमरीकी थिंकटैंक, सीमा सुरक्षा समेत, अमरीकी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र, दवा बनाने की कंपनियों में भी नियुक्त कर लिया है। 

दरअसल चीन का एक सरल तरीका है जिस पर वह आसानी से काम करता है। चीन किसी भी देश के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन व्यक्ति को खरीदने के लिए उसे पैसों का भरपूर प्रलोभन देता है। इसके साथ ही चीन अपनी गुप्तचर सेवा में कार्यरत लोगों को विशेष प्रशिक्षण देकर अमरीका सहित पूरी पश्चिमी दुनिया में जासूसी के लिए भेजता है। इनमें चीनी विद्यार्थियों से लेकर चीनी शोधकत्र्ता, विदेशी शोधकत्र्ताओं के सहायक, यहां तक कि महत्वपूर्ण कार्यालयों में काम करने वाले क्लर्क तक शामिल होते हैं। 

अपने जासूसों को चीन इन देशों में भेजने के लिए पहले उस देश के कानून की पूरी जानकारी लेता है, पुलिस प्रशासन, न्यायालय और दूसरे अहम विभाग कैसे काम करते हैं, इसकी जानकारी लेकर उसमें कमियां ढूंढता है जिससे अगर चीन का कोई जासूस पकड़ा जाए तो उसे कौन से कानूनी दांव-पेंच लगाकर छुड़ाया जाए। 

हाल ही में अमरीका में दो तथाकथित चीनी खुफिया विभाग के अधिकारियों पर एक अमरीकी जांचकत्र्ता को घूस देने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। यह अमरीकी अधिकारी चीनी तकनीकी कंपनी ह्वावे कंपनी की आपराधिक मामले में संलिप्तता की जांच कर रहा था जिसे इन दोनों चीनी अधिकारियों ने रिश्वत देकर उससे अंदर की जानकारी लेने की कोशिश की थी लेकिन इन्हें अमरीकी पुलिस ने धर-दबोचा और अब इन पर अदालती कार्रवाई चल रही है। 

इन चीनी गुप्तचर अधिकारियों पर अमरीकी अधिकारी को नकद, आभूषण और डिजिटल मुद्रा में दसियों हजार डालर का भुगतान करने का आरोप लगा है, एफ.बी.आई. के प्रवक्ता ने बताया कि इन चीनियों ने सोचा कि इन्होंने इतने पैसे देकर उसे अपना आदमी बना लिया है लेकिन एफ.बी.आई. में काम करने वाला वह एजैंट डबल क्रॉस निकला। 

इस मामले पर एक संवाददाता सम्मेलन में एफ.बी.आई. प्रमुख के साथ न्याय विभाग के प्रमुख एक साथ मौजूद थे, ऐसा बहुत कम होता है व इस स्तर के दो अधिकारियों ने एक साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया हो, इससे मामले की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीनी जासूसों के कारण अमरीका कितना त्रस्त हो चुका है, वाशिंगटन लम्बे समय से बीजिंग पर अमरीकी राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा रहा है, साथ ही अमरीकी रहस्यों और बौद्धिक संपदा की चोरी का भी आरोप लगाता रहा है लेकिन मोटी चमड़ी के मक्कार चीनी अपनी छोटी आंखों और भावहीन चेहरे के साथ अमरीका ही नहीं बल्कि दुनिया भर के उन सारे देशों में जासूसी का काम करते हैं जो देश चीन के खिलाफ है या चीन के दुश्मनों का दोस्त है। 

इन दो चीनियों के अलावा पिछले सप्ताह चीन से आकर अमरीका में रहने वाले लोगों के उत्पीडऩ सहित कई तरह के अपराधों का आरोप लगाया गया है, इसे लेकर एफ.बी.आई. निदेशक क्रिस्टोफर रे ने बताया कि इससे यह साफ दिखता है कि चीन के आर्थिक हमले और उनके अधिकारों का उल्लंघन चीन की रणनीति का हिस्सा है। हालांकि चीन के खिलाफ नए मामले शी जिनपिंग के खुद को तीसरी बार राष्ट्रपति बनाने के बाद आए हैं लेकिन इसे लेकर क्रिस्टोफर का कहना है कि इन नए मामलों के समय और शी जिनपिंग की ताजपोशी को लेकर किसी भी तरह के संबंध जैसे मामले आते हैं तो हम उन्हें उजागर करते हैं, अगर चीन  सरकार, कम्युनिस्ट पार्टी हमारे कानूनों का उल्लंघन करेगी तो उन्हें हमारा सामना करना पड़ेगा।


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