लगातार गिरता चीन का विदेशी मुद्रा भंडार

punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2023 - 05:48 AM (IST)

किसी भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार उसकी आर्थिक ताकत को दुनिया के सामने दिखाता है, अगर विदेशी मुद्रा भंडार भरा हुआ है तब उस देश की आर्थिक हालत बढिय़ा है और अगर वह बढ़ रहा है तो इसे संतोषजनक तरक्की कहा जाएगा लेकिन अगर विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है और उसमें पिछले बहुत समय से न तो स्थिरता दिखाई दे रही है और न ही उसमें कोई बढ़त दिख रही है ऐसे में देश की आर्थिक हालत बहुत चिंताजनक होती है। इन दिनों कुछ ऐसा हाल भारत के पड़ोसी देश चीन का है जहां पर पिछले काफी समय से चीन का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिरावट देख रहा है। 

चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण मौजूद हैं। चीन की लगातार गिरती आर्थिक स्थिति और रियल एस्टेट में आए संकट के बाद अब चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने के कारण चीन की आॢथक हालत पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार जिसने पिछले कई वर्षों से कोई बढ़त नहीं देखी है और लगातार गिरावट देखता जा रहा है वहीं चीन के ऊपर विदेशी कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का यूरोप और अमरीका को निर्यात घटता जा रहा है। 

वहीं दूसरी तरफ अमरीकी डॉलर की तुलना में चीनी युआन के लगातार गिरते भाव से चीन की आर्थिक साख खराब हो रही है और ऐसे में विदेशी निवेशक चीन में निवेशित अपनी विदेशी मुद्रा को बाहर निकाल रहे हैं। इससे पहले से खराब चीन का विदेशी मुद्रा भंडार और तेजी से खाली हो रहा है और चीन की आर्थिक हालत भी लगातार खराब होती जा रही है। इस वर्ष सितंबर के अंत तक चीन का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 31151 अरब डॉलर का था, वैसे तो ये बुरी धनराशि नहीं है लेकिन आर्थिकविशेषज्ञों को चिंता इस बात की है कि लगातार विदेशी मुद्रा को होने वाला नुकसान चीन को लंबे समय के लिए आर्थिक संकट से नहीं बचा पाएगा। 

विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी अगस्त महीने से अब तक 45 अरब डॉलर की रही है। यह कमी पिछले 2 महीने से लगातार हो रही थी, इसके साथ ही जितनी बड़ी गिरावट अभी चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में देखी जा रही है यह पिछले 7 महीनों में भी नहीं देखी गई थी। यूनिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी, ताईवान के प्रोफैसर छिनपिंगदा, जो वित्त और अर्थशास्त्र के विषय पढ़ाते हैं, वह चीन के आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ हैं,उनके अनुसार चीन की आर्थिक स्थिति पहले की तुलना में और भी ज्यादा खराब हुई है। उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष चीन के ऊपर बाहरी कर्ज 2.4 खरब डॉलर का चढ़ चुका था, जिसके बाद चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में से कर्ज की धनराशि काट लेने के बाद मात्र 680 अरब डॉलर ही बचे थे। 


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