उईगरों को गैर-इस्लामी भोजन के लिए मजबूर कर रहा चीन

punjabkesari.in Sunday, Feb 05, 2023 - 05:05 AM (IST)

चीन में कुल 56 विविध जातियां रहती हैं, ये लोग इतिहास के अलग-अलग कालखंडों में चीन के राजवंशों से भी जुड़े रहे थे, इनमें से कुछ जातियां विदेशों से आकर चीन की भूमि पर बस गई थीं लेकिन अपनी जातीय विविधता को बनाए रखा, इनमें से कुछ जातियां विदेशी पुरुषों और चीनी स्त्रियों की संकर संतानें हैं जिन्होंने अपने विदेशी पिता का धर्म और चीनी संस्कृति को माना। चीन में इन 56 विविध जातियों में से 55 अल्पसंख्यक जातियां हैं जबकि 1 जाति वालों की जनसंख्या चीन की कुल जनसंख्या का 95 फीसदी है, ये जाति हान जाति है। बाकी बची 5 फीसदी आबादी में चीन की 55 जातियां आती हैं। 

इन जातियों में शिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रांत में रहने वाले उईगर मुसलमान हमेशा चीन की आंख की किरकिरी बने हुए हैं। हालांकि उईगरों की गलती यह है कि वह खुद को चीनी नहीं मानते, ऑटोमन साम्राज्य के उभार के समय ये लोग तुर्की से आकर शिनच्यांग में बसे थे, इसीलिए इनकी बोली तुर्की से बहुत हद तक मिलती है, ये लोग जिस लिपि का इस्तेमाल करते हैं वह अरबी से मिलती है, इनके नैन-नक्श, इनके चेहरे, शारीरिक बनावट, पहनावा सांस्कृतिक गतिविधियां, खान-पान सब कुछ चीन से अलग है और ये लोग चीन से अलग एक स्वतंत्र देश का निर्माण करना चाहते हैं। इसके लिए चीन इन्हें प्रताडि़त करता है और समय-समय पर अमानवीय तरीके से इनसे पेश आता है। चीन ने इनके हिंसक विद्रोह को कुचलने के लिए सख्त रुख अपनाया है और इन्हें किसी भी कीमत पर अलग और स्वतंत्र राष्ट्र नहीं बनाने देना चाहता। 

उईगर लोगों ने हिंसक आंदोलन जारी रखने के लिए ईस्टनम तुर्कमस्तान इस्लामिक मूवमैंट की शुरूआत की है जिसके तहत इन्होंने यून्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग रेलवे स्टेशन पर 29 लोगों को चाकुओं से काट कर मार डाला था, इसके बाद शिनच्यांग की राजधानी उरुमुछि के एक पुलिस स्टेशन पर बारूद से लदी वैन से हमला कर 13 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। उईगर मुसलमानों के हिंसक आंदोलन को देखते हुए चीन सरकार इन पर तरह-तरह से नियंत्रण करना चाहती है, नित नए तरीकों से चीन सरकार इनको प्रताडि़त करती है जिससे यह अपनी अलग देश की मांग को छोड़कर चीन के साथ मिलकर रहें। 

इस वर्ष बसंतोत्सव के दौरान शिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रांत के उईगर मुसलमानों से सी.पी.सी. के अधिकारियों ने ये उत्सव मनाने को कहा, साथ ही सूअर का मांस खाने और शराब पीने को बोला। हालांकि ये दोनों ही वस्तुएं इस्लाम में हराम हैं और उईगर मुसलमान अपने धर्म का पालन करते हुए इन वस्तुओं का सेवन नहीं करते हैं लेकिन चीन की कम्युनिस्ट सरकार इन्हें जबरन सूअर का मांस और शराब परोस रही है। अगर कोई इन्हें नहीं खाता तो सी.पी.सी. के अधिकारी इन्हें किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित बताकर इन्हें सुधारगृहों में भेज देते हैं। 

दुनिया भर के मुसलमानों की तरह ही शिनच्यांग के मुसलमानों का त्यौहार भी ईद-उल-अजा और नौरोज है लेकिन चीन सरकार उनसे चीनी नववर्ष मनाने को कहती है और इसके लिए उईगरों पर मानसिक दबाव भी बनाती है। जर्मनी के म्यूनिख शहर में रहने वाले विश्व उईगर कांग्रेस के प्रवक्ता दिलशाद रक्षित ने यूरोप में बताया कि इस बसंतोत्सव के दिन चीनी कम्युनिस्ट पाटी के कार्यकत्र्ता शिनच्यांग में उईगरों के पास वाइन की बोतल, सूअर के मीट और चावल से बने केक लेकर पहुंचे, वहां पर वह ये देख रहे थे कि उईगर हान लोगों की तरह बसंतोत्सव मनाते हैं या नहीं, ऐसा इसलिए किया जा रहा था जिससे इनका दोहरा चेहरा देखा जा सके। उईगर मुसलमान सूअर का मांस खाने और शराब पीने के बाद भी खुद को चीन में सुरक्षित नहीं समझते, उन्हें लगता है कि कम्युनिस्ट सरकार उन्हें किसी न किसी बहाने शिक्षा कैम्पों में फिर से भेज सकती है जिससे वह उनका एक बार फिर ब्रेनवॉश कर सकें। 


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