अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती ‘अल नीनो’

punjabkesari.in Wednesday, May 03, 2023 - 06:00 AM (IST)

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि कृषि पैदावार में गिरावट, बढ़ती कीमतों की वजह से महंगाई  को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। मंत्रालय ने हाल ही में अपनी मासिक वित्तीय समीक्षा में यह राय व्यक्त की है कि ‘अल नीनो’ से देश की अर्थव्यवस्था को खतरा होगा। 

प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल नीनो कहा जाता है। इस वजह से समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा हो जाता है। इस गर्मी से समुद्र में चल रही हवाओं के रास्ते और रफ्तार में बदलाव आता है और मौसम चक्र बुरी तरह से प्रभावित होता है। 

अल नीनो की सक्रियता का असर दक्षिण-पश्चिम मानसून पर पड़ता है। कुछ हिस्सों में भारी बारिश होती है और कुछ हिस्सों में सूखे की गंभीर स्थिति सामने आती है। इस साल अल नीनो प्रभाव के कारण मॉनसून पर असर पडऩे की आशंका है। मौसम विभाग ने मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है लेकिन मौसम का अनुमान लगाने वाली एक निजी संस्था स्काइमेट ने मानसून के सामान्य से कम रहने की भविष्यवाणी की है। गौरतलब है कि अगर ऐसा होता है तो जी.डी.पी. और महंगाई पर अनुमान उल्टा भी पड़ सकता है। एक अनुमान के मुताबिक ‘इस साल देश की इकोनॉमी के 6.5 फीसदी की तेजी के साथ बढऩे का अनुमान है।’ 

वित्त मंत्रालय के मुताबिक अल नीनो से सूखे जैसे हालात बन सकते हैं। इससे फसलों के उत्पादन में कमी और कीमत में बढ़ौतरी हो सकती है। हाल में तेल उत्पादक देशों के एक शीर्ष संगठन  ने मई से उत्पादन में कटौती की घोषणा करके सबको चौंका दिया था। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया। यह देश के लिए ङ्क्षचता की बात है क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। 

हमें अल नीनो के कारण पैदा की जा सकने वाली अनिश्चितता को लेकर ओवर कॉफिडैंट नहीं होना चाहिए क्योंकि मौसम वैज्ञानिक इस साल अल नीनो के प्रभाव की चेतावनी दे रहे हैं। इसलिए भारत को पुख्ता उपाय करने चाहिएं क्योंकि हमारी आधी आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है।

कहना न होगा कि ‘ग्लोबल वार्मिंग’ का प्रभाव मानसून पर भी महसूस किया जा रहा है और संभावित अल नीनो प्रभाव के साथ, देश में एक लंबी शुष्क अवधि हो सकती है। यदि अल नीनो सर्दियों में चरम पर होता है और 2024 के बसंत के मौसम में जारी रहता है, तो अगला साल सबसे गर्म हो सकता है। और तो और, अल नीनो जारी रहता है तो 2024 में अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड टूट सकता है। ऐसे में देखना होगा कि क्या हमारे आॢथक नीति  विशेषज्ञ अल नीनो के संभावित परिणामों के प्रबंध के लिए मुस्तैद हैं।-डा. वरिन्द्र भाटिया
 


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