जी-20 की अध्यक्षता-वैश्विक नेतृत्व का एक अभूतपूर्व अवसर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 20, 2022 - 06:56 AM (IST)

दुनिया भर में फैली अस्थिरता, आर्थिक  विषमता और प्रतिकूलता के मध्य विगत एक दिसम्बर को भारत ने जी-20 समूह के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाल लिया। जी-20 दुनिया के सफलतम देशों का संगठन है जिसके सदस्य  देश  दुनिया की दो तिहाई आबादी के साथ वैश्विक सकल उत्पाद के 85 प्रतिशत हिस्से, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के 75 प्रतिशत हिस्से और विकास में वैश्विक  निवेश के 80 प्रतिशत हिस्से पर काबिज हैं। ऐसे सशक्त और प्रभावी संगठन का अध्यक्ष बनना वैश्विक परिदृश्य पर भारत के एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरने का एक अहम संकेत है। 

भारत को जी-20 समूह के देशों के नेतृत्व की जिम्मेदारी ऐसे समय पर मिली है जब पूरी दुनिया सदी में एक बार आने वाली विघटनकारी महामारी, संघर्षों और बहुत सारी आर्थिक अनिश्चितताओं के बाद के प्रभावों से गुजर रही है जिसकी वजह से अनेक देशों को उच्च मुद्रास्फीति, भोजन, उर्वरक और ऊर्जा की कमी, बेरोजगारी, आर्थिक विषमता आदि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 

इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, परमाणु प्रसार आदि अन्य चुनौतियां वैश्विक अर्थव्यवस्था और समुदाय को लगातार अस्थिर कर रही हैं। कह सकते हैं भारत को कांटों का ताज मिला है। पर चुनौती यदि बड़ी है तो अवसर भी उतना ही बड़ा है। आज सारा विश्व भारत की तरफ देख रहा है। जिस तरह से भारत अपने साहसिक और दूरदर्शी नेतृत्व और विवेकपूर्ण नीतियों के बल पर कोविड-जन्य विपरीत परिस्थितियों पर पार पाने में सफल हुआ है, वह सारे विश्व को अचंभित करने वाला है। 

कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष के झटकों से निपटने में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के कारण, भारत एक अंधेरे और उदास वैश्विक परिदृश्य में आशा की किरण के रूप में उभरा है। जहां जी-20 में सम्मिलित विश्व की अनेक बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मुद्रास्फीति, घटती उत्पादकता, बढ़ती बेरोजगारी और आने वाली मंदी की आशंका से जूझ रही हैं, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। 

स्टॉक मार्कीट अपने उच्चतम स्तरों पर है। स्टार्टअप संस्कृति छोटे-छोटे शहरों में भी पांव पसार रही है, चहुं तरफा निवेश भारत में आ रहा है। विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार देश के पास है। दुनिया भर में फैले भारतीय उद्यमी और पेशेवर सफलता की नई बुलंदियां छू रहे हैं। दुनिया हतप्रभ है, वह जानना चाहती है कि भारतीय नेतृत्व में ऐसा क्या जादू है कि इतनी प्रतिकूल परिस्थितियां भी भारत के बढ़ते कदमों को नहीं रोक पाईं। 

कोविड के समय में भारत ने न केवल अपने देश वासियों की ङ्क्षचता की और उन्हें कोरोना मुक्त किया बल्कि वैक्सीन मैत्री के माध्यम से दुनिया के अनेक देशों को वैक्सीन प्रदान कर महामारी से बचाया। यह भारत का विश्वरूप था जिसे पूरी दुनिया ने देखा और सराहा। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की जिस अवधारणा को हम हमेशा से जीते आए हैं उसे भारत ने साकार कर दिखाया और न केवल आर्थिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने अप्रतिम सफलता दिखाई बल्कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में नए प्रतिमान स्थापित कर दिए। जहां आज सारा विश्व अलग-अलग खेमों में बंटा  हुआ दिखता है वहीं भारत एक ऐसा देश बन गया है जिसके या तो सभी दोस्त हैं या फिर जो नहीं हैं वे बनना चाहते हैं। 

रूस और अमरीका जैसे दो धुर विरोधी, भारत को अपना निकट का मित्र मानते है। वहीं इसराईल और अरब लीग के देश भले ही एक-दूसरे के विरोधी हों, भारत के वे दोनों ही अच्छे दोस्त हैं। ऐसे भारत का चमत्कारी नेतृत्व आज जी-20 के शक्तिशाली समूह को मिला है। नि:संदेह न सिर्फ जी-20 के देश बल्कि सारा विश्व आज भारत की तरफ टकटकी लगाए देख रहा है। 

पिछले माह अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पी.एम. ने देश को इस अवसर का उपयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक भलाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक बड़े अवसर के रूप में आई है। हमें इस अवसर का पूरा उपयोग करना चाहिए और वैश्विक भलाई व विश्व कल्याण पर ध्यान देना चाहिए। चाहे शांति हो या एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हो या सतत् विकास, भारत के पास चुनौतियों से संबंधित समाधान हैं। हमने एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य का जो थीम दिया है, वह हमारी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

अगले एक साल के दौरान देश में जी-20 देशों की 200 बैठकें होंगी, जो बड़े विचारपूर्वक देश के 50 विभिन्न शहरों में आयोजित की जाएंगी। बड़े-छोटे ये शहर देश की हर दिशा से चयनित होंगे। इस तरह भारत के पास दुनिया के सामने हमारी संस्कृति और धरोहर पेश करने का बड़ा मौका होगा। ‘विश्व स्वरूप’ भारत के इस अवतरण के पीछे हमारी हजारों वर्षों की यात्रा जुड़ी है, अनंत अनुभव जुड़े हैं। उन सब को भी दुनिया से सांझा करने का यह एक अप्रतिम अवसर होगा।-श्याम जाजू(निवर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा)


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