वर्षा ऋतु में पौधारोपण को पर्व की तरह मनाएं

punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2019 - 04:11 AM (IST)

जलवायु परिवर्तन व प्रदूषित पर्यावरण को लेकर विश्व भर में चर्चा चल रही है। औद्योगिक क्रांति के कारण भारत में भी दोपहिया व चार पहिया वाहनों के निर्माण में लगातार वृद्धि हो रही है। देश की प्रगति के लिए सड़कों, पुलों इत्यादि का निर्माण इस समय जोरों पर है। पंजाब में भी राष्ट्रीय राजमार्गों को बनाने का काम चल रहा है जिनके निर्माण के समय लाखों की संख्या में पेड़ों को काट दिया गया तथा इस संबंधी भारत सरकार द्वारा सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद नए पौधे लगाने के भी आदेश जनहित में जारी किए गए हैं। 

उल्लेखनीय है कि पंजाब में सड़क निर्माण कार्यों के चलते लाखों की संख्या में पेड़ काट दिए गए हैं। गौरतलब है कि वृक्ष पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त व संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 19 क्यूबिक फुट के करीब शुद्ध आक्सीजन की आवश्यकता होती है जबकि एक पेड़ एक वर्ष में औसतन 260 पाऊंड के करीब आक्सीजन छोड़ता है। इसी प्रकार 100 वर्ष से भी पुराने वृक्ष की छाया गर्मी के मौसम में भी नीचे बैठने वालों को ठंडक का एहसास दिलाती है। 

गौरतलब है कि वृक्ष सुबह से लेकर शाम तक आक्सीजन छोड़ते हैं परन्तु पीपल, नीम व अन्य कई पौधे ऐसे भी हैं जो 24 घंटे आक्सीजन छोड़ते हैं। पंजाब सरकार ने ‘तंदरुस्त पंजाब’ मुहिम के अन्तर्गत ‘घर-घर हरियाली’ के अभियान को देखते हुए श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर प्रत्येक गांव में 550 नए पौधे लगाने की योजना तैयार की है तथा इसी प्रकार 66 लाख नए पौधे लगाने की योजना है।

समाजसेवी संस्थाओं के अतिरिक्त स्कूलों व कालेजों में भी बच्चों को प्रेरित किया जाए कि वे अपने घरों में ऐसे पौधे लगाएं जो पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर जहां पर वृक्षों की कटाई की गई है, मनरेगा के अन्तर्गत नए पौधे लगाने का प्रावधान करना चाहिए। अत: हमें वर्षा ऋतु में पौधारोपण को पर्व की तरह मनाना चाहिए।—रजत कुमार महेंद्रू, जालंधर


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