कनाडा की सुरक्षा व्यवस्था पंगु हो गई है

punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 06:10 AM (IST)

कनाडा में, खासकर सरे और आसपास के इलाकों में, गोलीबारी और फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं अब आम हो गई हैं। नतीजतन, जो प्रवासी समुदाय कभी बेहतर जीवन के सपने लेकर कनाडा आया था, वह अब लगातार डर के साए में जी रहा है। पिछले कई महीनों से लगातार हो रही गोलीबारी ने साफ तौर पर साबित कर दिया है कि कनाडा का सुरक्षा तंत्र पंगु हो गया है। 

हालांकि, सबसे शर्मनाक बात पंजाबी मूल के राजनेताओं, खासकर निर्वाचित प्रतिनिधियों का रवैया उदासीन है, जिन्होंने कभी चुनावों के दौरान अपने समुदाय के साथ खड़े रहने की कसम खाई थी लेकिन अब पंजाबी समुदाय के सामने जान-माल के गंभीर खतरे के बावजूद संदिग्ध रूप से चुप रहने का फैसला किया है। 

निजी लालच में आकर, ये राजनेता सरकार को एक कठोर सच्चाई से अवगत कराने में विफल रहे हैं : ‘शांतिपूर्ण सक्रियता’ की आड़ में खालिस्तान समर्थक तत्वों ने कनाडाई समाज में गहरी घुसपैठ कर ली है। वे भविष्य के खतरों की नींव रख रहे हैं, जो तेजी से संगठित आतंकवाद के रूप में विकसित हो रहे हैं। हाल की गोलीबारी की घटनाएं किसी बड़ी घटना का पूर्वाभ्यास मात्र हैं। एबॉट्सफोर्ड के शांतिप्रिय व्यवसायी दर्शन सांशी की दिनदहाड़े हत्या के बाद पंजाबी समुदाय में भय और गहरा गया है। इस बीच, रविवार को सरे में हुई नवीनतम गोलीबारी ने पहले से ही तनावपूर्ण माहौल में एक नया आयाम जोड़ दिया है। सरे पुलिस सेवा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अधिकारियों ने तड़के लगभग 2.43 बजे 124 स्ट्रीट के 7800 ब्लॉक स्थित एक आवास पर गोलीबारी की सूचना पर कार्रवाई की। 

रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घर कथित तौर पर खालिस्तानी गायक चन्नी नट का है, जो अपने गीतों में हिंसा और नशीली दवाओं की तस्करी का महिमामंडन करने के लिए जाना जाता है। चन्नी नट खालिस्तानी गुरुद्वारा दशमेश दरबार के सदस्य सुरजीत सिंह नट का बेटा है। सूत्रों का दावा है कि यह घटना खालिस्तानी-संबंधित समूहों के बीच चल रहे नशीली दवाओं के युद्ध का हिस्सा है। चन्नी कथित तौर पर चरमपंथी पेरी डुल्ले से जुड़ा है, जिसका नाम कनाडा की नो-फ्लाई सूची में है। यह भी उल्लेखनीय है कि खालिस्तानी गुट अक्सर गैर-लाभकारी चैरिटी फंडों पर नियंत्रण को लेकर विवादों में उलझे रहते हैं। 

कनाडा सरकार की रिपोर्टें पहले ही उजागर कर चुकी हैं कि कैसे खालिस्तानी चैरिटी का दुरुपयोग चरमपंथी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया जा रहा है। आगे की रिपोर्टों से पता चलता है कि एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार के बेटे नूरिंदर सिंह परमार को आई.एस.आई. समर्थित खालिस्तानी गुर्गों द्वारा गैर-लाभकारी क्षेत्र में रखा गया है, ताकि चैरिटी फंड को अवैध गतिविधियों में लगाया जा सके। 

इसी तरह, प्रतिबंधित इंटरनैशनल सिख यूथ फैडरेशन (अब ‘सिख यूथ फैडरेशन’) के अंतर्गत संचालित मोनिंदर बोयल भी इन गैरकानूनी गतिविधियों में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। फिर भी, कनाडा की सरकारी मशीनरी या तो इन घटनाक्रमों से अनजान है, या अंधे होने का नाटक कर रही है।-मनिंदर सिंह गिल


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News