बजट से मजबूत होगी मोदी सरकार की आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 05:01 AM (IST)

2023 -24 का जो केन्द्रीय बजट पेश किया गया है, वह भारत के लिए एक ऐसा ऐतिहासिक बजट है, जिससे हर क्षेत्र और हर वर्ग की तरक्की का मार्ग खुलेगा। आजादी के अमृतकाल का पहला बजट सर्वसमावेशी है और यह बजट आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद को बुलंद करने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने एक ऐसा बजट देश को दिया है, जिसने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को साकार किया है। 

इस केंद्रीय बजट में एक ओर जहां सूक्ष्म आर्थिक स्तर पर सभी के समेकित कल्याण पर ध्यान दिया गया है, वहीं वृहद आर्थिक स्तर पर वृद्धि पर जोर देने की व्यवस्था की गई है। अगले 25 साल भारत के अमृत काल में प्रवेश करते हुए बजट में जिन चार प्राथमिकताओं में विकास पर जोर दिया गया है, उससे आत्मनिर्भर भारत के साथ ही सशक्त और समृद्ध भारत बनेगा। यह बजट समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाएगा। सबसे बड़ी अन्न भंडारण की योजना बनाई गई है। यह ग्रामीण विकास का केंद्र है और इससे डिजिटल भुगतान कृषि क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा। बहुत बड़ी आबादी को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही यह बजट ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देगा। अमृत काल का यह पहला बजट आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति के लिए आधार प्रदान करने वाला है। बजट आकांक्षाओं से भरे समाज, किसानों, मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करेगा। बजट में वंचित वर्ग को प्राथमिकता दी गई है। 

अमृत काल का पहला बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नेतृत्व को दर्शाने वाला है। यह बजट हमारी स्थिर अर्थव्यवस्था, युवा भारत की शक्ति और बहुसांस्कृतिक कार्य नैतिकता को दर्शाता है। यह बजट हमारी सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाते हुए अंतिम व्यक्ति के लिए विकास की किरणें लेकर आया है। यह बजट पढ़ाई, कमाई और भलाई पर बल देने वाला है। आयकर में छूट की नई सीमा मध्यम वर्ग को लाभ देगी। पैंशनर्स, फैमिली पैंशनर्स और तय वेतन पाने वाले लोगों को नई व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन में राहत मिलेगी। गैर-सरकारी वेतनशुदा कर्मचारियों को रिटायरमैंट पर लीव एनकैशमैंट में आयकर छूट की सीमा 2002 में तीन लाख रुपए तय की गई थी। उस वक्त सरकार में उच्चतम बेसिक पे 30 हजार रुपए होती थी। इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया जा रहा है। यानी 25 लाख रुपए तक के लीव एनकैशमैंट पर टैक्स नहीं लगेगा। 

एग्री स्टार्टअप बढ़ेंगे, कृषि ऋण लक्ष्य बढ़कर होगा 20 लाख करोड़ रुपए। एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड से एग्री स्टार्टअप बढ़ेंगे। इससे किसानों को मदद मिलेगी और उन्हें चुनौतियों का सामना करने में आसानी रहेगी। इससे उत्पादकता बढ़ेगी। यह किसानों, स्टेट और इंडस्ट्री पार्टनर के बीच होगा। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा। अगले 3 साल में एक करोड़ किसानों को नैचुरल फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सैंटर स्थापित होंगे। इसके लिए माइक्रो फर्टिलाइजर पर जोर दिया जाएगा। कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी। 

केंद्रीय बजट 2023-24 में जनगणना 2021 और इससे जुड़ी कवायद के लिए कुल 1,564 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। कोरोना महामारी को लेकर जनगणना की गतिविधियां 3 साल से अधिक समय से रुकी हुई हैं। जनगणना की कवायद के लिए पिछले साल के बजट अनुमानों में 3,676 करोड़ रुपए की तुलना में आबंटन नई राशि आधे से भी कम है। मगर पिछले साल जनगणना के लिए आबंटित की गई राशि को 3,676 से कम करके 552.65 करोड़ रुपए कर दिया गया। यह गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.) को 1.96 लाख करोड़ रुपए के कुल बजट आबंटन का हिस्सा है। 

सरकार ने रेलवे क्षेत्र के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए का पूंजी परिव्यय प्रदान किया है। यह 2013-14 के बजट से 9 गुना अधिक है। सड़कों एवं राजमार्गों, रेलवे, आवासन और शहरी कार्य पर विशेष जोर देने के लिए पूंजीगत व्यसय में बढ़ौतरी हुई है। ये सीधे तौर पर देश के आर्थिक विकास को प्रभावित करते हैं। बजट में गरीबों के लिए केंद्र सरकार का सबसे बड़े आवासीय योजना के बजट में 66 फीसदी की बढ़ौतरी की गई है। अमृतकाल का यह पहला बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। यह बजट वंचितों को वरीयता देता है। यह बजट गांव -गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, सभी के सपनों को पूरा करेगा। 

पी.एम. विश्वकर्मा कौशल सम्मान यानी पी.एम. विकास, करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा। परंपरागत रूप से, अपने हाथ से, औजारों और टूल्स से कड़ी मेहनत कर कुछ न कुछ सृजन करने वाला है। बजट में नए प्राइमरी को-ऑपरेटिव्स बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना का भी ऐलान हुआ है। समृद्ध और विकसित भारत के सपनों को पूरा करने के लिए मध्यम वर्ग एक बहुत बड़ी ताकत है। मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार ने बीते वर्षों में अनेकों निर्णय लिए हैं।-तरुण चुघ(भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री)


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