चीन के लिए दलालों के जरिए बिकती हैं दुल्हनें

punjabkesari.in Wednesday, Jan 04, 2023 - 05:40 AM (IST)

विभिन्न देशों से उत्पन्न चीन में मानव तस्करी के दृश्य और पीड़ितों को वहां रहने के लिए मजबूर किए जाने वाले भयानक जीवन पर विस्तार से विभिन्न रिपोर्टें आई हैं। वैसे तो मानव तस्करी दुनिया के विभिन्न हिस्सों में होती है मगर चीन के लिए कुछ विशिष्ट कारक हैं जो इस उद्योग को फलने-फूलने में मदद करते हैं। ऐसी रिपोर्टें हैं कि दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के भीतर विभिन्न देशों की महिलाओं को लक्षित करने वाले चीनी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न दुल्हन तस्करी के रैकेट चल रहे हैं। 

महिला तस्करी के मुख्य कारक 
* चीन कई खराब नीतिगत फैसले लेने के लिए जाना जाता है जो उसे और बाकी की दुनिया को प्रभावित करते रहते हैं। सबसे प्रभावशाली और कुख्यातकारक ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’  है जिसे लिंग चयनात्मक गर्भपात के प्रसार के साथ जोड़ा जाता है। चीन के लिए लिंगानुपात दु:स्वप्र बन गया है। वहां पर लम्बे समय से दुल्हनों की कमी है। यही देशों से चीन में दुल्हनों की तस्करी के प्राथमिक कारणों में से एक बन गया है। 

*चीन के तीव्र आर्थिक विकास ने इन महिलाओं के बदले दलालों को आसान और भारी भुगतान करने का मार्ग प्रशस्त किया है। वहां व्यक्तिगत आर्थिक स्थितियों में सुधार हुआ है।
*आर्थिक विकास ने भी अधिक चीनी महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। कार्यबल में अधिक महिलाओं के होने का मतलब यह है कि वहां महिलाएं तेजी से अपने अधिकारों और वित्तीय स्वतंत्रता पर जोर दे रही हैं। दुखी महिलाएं विवाह के बंधन में रहने से इंकार कर रही हैं। महिलाओं का अपनी शादियों से बाहर निकलना ही चीन में इतने सारे तलाकशुदा पुरुषों का कारण बना है। यही लोग अक्सर दलालों के प्राथमिक ग्राहक होते हैं।
*चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की एक बड़ी कमी की सूचना मिली है। ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ और लिंग चयनात्मक गर्भपात दोनों के परिणामस्वरूप महिला तस्करी एक आकर्षण का केंद्र बन गई है। 

*चीन के कई क्षेत्र जैसे बीजिंग, शेन्जेन, डोंगगुआन और अधिक वेश्यावृत्ति के आकर्षण के केंद्र बन गए हैं जो यौन तस्करी के शिकार लोगों के लिए प्रमुख बाजार बन गए हैं। बड़ी समस्या यह है कि चीन में होने वाले अधिकांश वेश्यावृत्ति के धंधे जबरन धंधे बन चुके हैं। 
*चीन एक साइबर सैक्स संस्कृति होने के लिए भी प्रसिद्ध है जहां पर उस सामग्री में रुचि रखने वाले एक विशिष्ट प्रकार के दर्शकों के लिए कैमरे पर लाइव होकर महिलाओं का बलात्कार किया जाता है। इन ऑनलाइन रेप में इस्तेमाल की जाने वाली महिलाएं दूसरे देशों से तस्करी कर लाई गई हैं। 
*लिंग असंतुलन के चलते चीन में दहेज की कीमतों में भी वृद्धि हुई है इसलिए परिवारों को चीनी स्थानीय महिला से शादी करने की तुलना में आयातित दुल्हन के लिए दलालों को भुगतान करना आसान लग रहा है। 

*चीन ने तेजी से क्षेत्रीय शक्ति का स्थान हासिल किया है। चीन के पड़ोस में कई अपेक्षाकृत गरीब देश हैं। महिलाओं की तस्करी के लिए मुख्य रूप से दलालों द्वारा लक्षित देशों में कंबोडिया, मंगोलिया, वियतनाम, नेपाल, पाकिस्तान और थाइलैंड शामिल हैं। 
* इनमें से बहुत से देश चीन के साथ भूमि सीमा सांझा करते हैं जोकि बहुत अच्छी तरह से संरक्षित नहीं है और महिलाओं की आसानी से तस्करी की अनुमति देते हैं। 
* इन देशों की ग्रामीण महिलाएं जिनके पास बेहद कम वित्तीय सहायता है, वे अक्सर ही दलालों के एकाधिकार की शिकार हो जाती हैं जो शादी के झूठे वायदे करके उन्हें चीन ले जाते हैं। 
*दलाल चीन में बेहतर रोजगार के अवसर और अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी का विज्ञापन देते हैं जिन्हें देख कर अक्सर गरीब लड़कियां आकॢषत हो जाती हैं। 

महिला तस्करी के तौर-तरीके 
*महिलाओं तथा उनके पारिवारिक सदस्यों को धन से लुभाया जाता है। 
*ऑनलाइन डेटिंग एप्लीकेशन का माध्यम।
*पुलिस, सरकारी अधिकारियों के रूप में विश्वास हासिल कर पीड़ितों को फंसाया जाता है। 
*दुल्हनों को ड्रग्स देकर उन्हें चीन की सीमा से परे ले जाया जाता है। 
*शैक्षणिक कार्यक्रम के माध्यम से कुछ दलाल चीन में अच्छी शिक्षा का प्रलोभन देकर लड़कियों को फंसाते हैं। 
*विदेशी दूल्हों की तलाश में दुल्हनों की वैबसाइट चलाई जाती है। 
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान से अल्पसंख्यक इसाई समुदाय से संबंध  रखने वाली नाबालिग लड़कियों को उनके मां-बाप चीन में बड़ी उम्र के दूल्हों को बेच देते हैं। इसके बदले उन्हें बेहद 
कम राशि मिलती है। कई बार तो लड़कियों के न मानने के बाद उनके अंगों को काट कर भी बेच दिया जाता है। 


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