स्तन कैंसर : बचाव, जांच और इलाज जरूरी है

punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 06:43 AM (IST)

अक्तूबर के महीने को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, पूरे स्तन या उसके कुछ हिस्से में सूजन, दर्द, निप्पल्स का अंदर तक मुडऩा, लालिमा, खुजली, जलन, डिंपङ्क्षलग या त्वचा का मोटा होना अक्सर स्तन कैंसर के लक्षण बन सकते हैं। कोशिकाओं के अंदर होने वाला कैंसर महिलाओं में अधिक देखा जा रहा है। त्वचा कैंसर के बाद महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है। इस कैंसर पर जागरूकता, स्क्रीनिंग और चल रहे शोध के कारण घटना दर में कमी आने की उम्मीद है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ भी वैश्विक स्तनपान जागरूकता अभियान को तेज कर रहे हैं। स्तनपान के लक्ष्य को प्राप्त करने में महिलाओं और परिवारों को दरपेश बाधाओं पर गौर करने की आवश्यकता है। 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को विशेष रूप से स्तनपान कराने की आवश्यकता होती है। जन्म के बाद पहले कुछ दिनों में मां के स्तन में बनने वाले तरल पदार्थ को कोलोस्ट्रम कहा जाता है। यह शिशु के लिए सुपर-फूड के रूप में भी काम करता है। स्तन कैंसर के सामान्य प्रकारों में इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा, लोब्यूलर ब्रैंस्ट कैंसर, डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू, ट्रिपल-नैगेटिव ब्रैस्ट कैंसर, इन्फ्लामैंटरी ब्रैस्ट कैंसर और स्तन का पगेट रोग शामिल हैं। यह दुर्लभ कैंसर निप्पल की त्वचा को भी प्रभावित कर सकता है। सभी स्तन कैंसरों में से 4 प्रतिशत से कम के लिए स्तन का पगेट रोग जिम्मेदार है।

ध्यान देने की जरूरत : 
* कुछ मामलों में गांठ इतनी छोटी हो सकती है कि आप इसे महसूस कर सकते हैं, देख सकते हैं, या किसी भी बदलाव की जांच के लिए स्क्रीनिंग मैमोग्राम की आवश्यकता हो सकती है।
* अन्य मामलों में, स्तन कैंसर का पहला संकेत स्तन में एक नई गांठ या द्रव्यमान है जिसे आपके डाक्टर महसूस कर सकते हैं। एक गांठ जो दर्द रहित, कठोर और असमान किनारों वाली हो, उसके कैंसरग्रस्त होने की संभावना होती है। लेकिन कई पट्टियां कैंसर के साथ नर्म और गोल हो सकती हैं।
* मासिक स्तन स्व-परीक्षण करना आपके स्तनों में किसी भी बदलाव की जांच करने का सबसे अच्छा तरीका है। जितनी जल्दी हो सके जांच के लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।
* जन्म के बाद मां को बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए, ताकि स्तन कैंसर की दर को कम किया जा सके। मां का दूध न पिलाने की स्थिति में कई बार कुछ बीमारियां पहले साल में ही मौत का कारण बन जाती हैं।
*अधिक वजन या मोटापा होने से, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद, स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। संतुलित आहार और दैनिक व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से कई जोखिमों को रोका जा सकता है।
*दैनिक शारीरिक गतिविधि एस्ट्रोजन और इंसुलिन जैसे हार्मोन को नियंत्रित करके स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करती है।
* शराब के लगातार और अनियंत्रित सेवन से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

* धूम्रपान स्तन कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर से जुड़ा है। धूम्रपान छोडऩे से स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है, खासकर रजोनिवृत्त महिलाओं में।
* यदि लंबे समय तक कॉम्बिनेशन हार्मोन रिप्लेसमैंट थैरेपी का उपयोग किया जाए तो स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
* यदि आपके परिवार में किसी को स्तन कैंसर है, तो अनुवांशिक परीक्षण और विस्तारित स्क्रीनिंग विकल्पों के बारे में अपने डाक्टर से बात करने से आपके जोखिम को जानकर शीघ्र रोकथाम और निगरानी में मदद मिल सकती है। मैमोग्राम और स्तन परीक्षण से शीघ्र पता लगाने से स्तन कैंसर की घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
* मां  के दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं। यह जल्दी पच भी जाता है। मां का दूध बच्चों को सामान्य संक्रामक रोगों से बचाता है और साथ ही उनमें रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। बच्चे को पूरी क्षमता के साथ बढऩे और विकसित होने के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।

* यदि आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है, आपका पारिवारिक इतिहास  या आपको कैंसर का खतरा अधिक है, तो वाॢषक मैमोग्राफी और शारीरिक जांच आवश्यक है। जितनी जल्दी इसका निदान किया जाएगा, इलाज से इसके ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
* स्तन कैंसर से प्रभावित लोगों के लिए मुफ्त संसाधनों और प्रोग्रामिंग के समर्थन के लिए, मामले-दर-मामले आधार पर, हर किसी से सहायता की आवश्यकता है। हर मां को 6 माह से कम उम्र के बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए।  बीमारी के किसी भी लगातार लक्षण के मामले में, आपको तुरंत अपने पारिवारिक डाक्टर या अस्पताल से संपर्क करना चाहिए।(लेखक स्तंभकार, वैकल्पिक चिकित्सक. सामाजिक कार्यकत्र्ता हैं)-अनिल धीर


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