स्तन कैंसर अब ‘छिपी हुई बीमारी’ नहीं

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 02:16 AM (IST)

कई उत्पाद विनिर्माता अपने उत्पादों पर गुलाबी रिबन लगाकर या उन्हें गुलाबी रंग से रंग कर स्तन कैंसर जागरूकता माह को भुनाते हैं। दुर्भाग्य से इन खाद्य उत्पादों में से कई वास्तव में स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं और विनिर्माताआें को इसके बारे में पता है, इसलिए उनका इसमें  शामिल होना अजीब-सा लगता है, कुछ-कुछ सिगरेट कंपनियों के लिए फेफड़े के कैंसर पर अनुसंधान के लिए धन मांगने जैसा ही। केंटुकी फ्राइड चिकन में चिकन उत्पादों की भयानक गंदगी के लिए गुलाबी बाल्टी हैं। बार में गुलाबी मार्टिनी होती हैं, सॉसेज कंपनियों में गुलाबी रिबन होता है। 

लेकिन पनीर सबसे खराब चीज है। फिजिशियंस कमेटी फॉर रिस्पांसिबल मैडीसिन जिसमें 12,000 से अधिक डाक्टर सदस्य हैं, ने 3 अक्तूबर, 2019 को अमरीका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को याचिका दी कि पनीर निर्माताआें को अपने उत्पाद पर इस आशय का एक लेबल लगाना चाहिए कि डेयरी चीज में ऐसे प्रजनन हार्मोन होते हैं जो स्तन कैंसर से मृत्यु के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। फिजिशियन कमेटी के अध्यक्ष और द चीज ट्रेप एंड यूअर बॉडी इन बैलेंस के लेखक नील बर्नार्ड, एम.डी. का कहना है कि ‘‘फिलाडेल्फिया क्रीम चीज और मैकरोनी एंड चीज जैसे उत्पादों पर क्राफ्ट जैसे विनिर्माताआें द्वारा पिछले स्तन कैंसर जागरूकता माहों के दौरान गुलाबी रिबन लगाए जाने के बजाय चेतावनी का लेबल लगाना चाहिए। हम चाहते हैं कि महिलाआें को पता चले कि डेयरी पनीर उन्हें स्तन कैंसर से मरने के खतरे में डाल सकता है।’’

एस्ट्रोजेन को स्तन कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। डेयरी उत्पादों में गायों से एस्ट्रोजेन होते हैं और जब दूध को पनीर में बदल दिया जाता है, तो एस्ट्रोजेन अधिक केंद्रित हो जाते हैं। ये एस्ट्रोजेन स्तन कैंसर की मृत्यु दर को बढ़ाते हैं। कैन, स्टर्नफेल्ड, गुंडरसन, कोट्स, क्यूसेनबेरी, स्लेटरी द्वारा किए गए 2321 प्रारंभिक स्तन कैंसर के बचे हुए लोगों के लाइफ आफ्टर कैंसर-कैंसर एपिडेमियोलॉजी स्टडी नामक एक अध्ययन वर्ष 2000 में यह जांचने के लिए शुरू किया गया था कि व्यवहार संबंधी जोखिम कारक जीवन की गुणवत्ता और दीर्घकालिक अस्तित्व को कैसे प्रभावित करते हैं। 

अध्ययन में 13 साल तक महिलाआें पर नजर रखी गई और पाया गया कि पहले स्तन कैंसर का पता चलने वाली उन महिलाआें, जो उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों (जैसे पनीर, आइसक्रीम, पूर्ण दूध) का रोजाना एक या एक से अधिक बार सेवन करती थीं, उनमें स्तन कैंसर से मृत्यु की दर 49 प्रतिशत अधिक थी, बजाय उनके जो प्रतिदिन इन उत्पादों का उपभोग उनकी तुलना में आधे से कम कर रही थीं। डेयरी उत्पादों में दूध के साथ अनाज, स्वयं दूध, मक्खन, कॉफी या चाय में क्रीम या क्रीमर, हलवा, कस्टर्ड या फ्लान जैसे डेजर्ट कम वसा या वसा रहित जमे हुए डेजर्ट और दही। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन महिलाआें में शारीरिक क्रियाकलापों का स्तर अधिक था, शराब का सेवन कम करती थीं और धूम्रपान नहीं करती थींलेकिन सबसे अधिक मात्रा में डेयरी उत्पाद खाती थीं, फिर भी कैंसर की पुनरावृत्ति के लिए बहुत जोखिम में थीं। 

अध्ययन ने सब कुछ ध्यान में रखा गया था : आयु, नस्ल, स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास, रोग की गंभीरता, गर्भधारण, कीमो, रेडिएशन, टैमोक्सीफेन जैसे उपचार के विभिन्न प्रकार, धूम्रपान, व्यायाम, शराब, वसा और भोजन। और फिर निष्कर्ष निकाला गया : सभी बातों पर विचार किए जाने के पश्चात, जो अधिक मात्रा में उच्च वसा वाली डेयरी का सेवन करती थीं, उनमें स्तन कैंसर से मृत्यु दर अधिक थी। और यह डेयरी और स्तन कैंसर के बीच संबंध की पुष्टि करने वाला एकमात्र अध्ययन नहीं है। 

नैशनल कैंसर इंस्टीच्यूट द्वारा वित्त पोषित 2017 के अध्ययन में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाआें की स्तन कैंसर न होने वाली महिलाआें के आहार की तुलना में पाया गया कि जिन लोगों ने सबसे अधिक पनीर का सेवन किया, उनमें स्तन कैंसर के लिए 53 प्रतिशत का वृद्धि जोखिम पाया गया। लेखकों का कहना है कि डेयरी में इंसुलिन जैसे विकास कारक (आई.जी.एफ.-1) और अन्य विकास हार्मोन जैसे घटक कैंसर के लिए बढ़ते जोखिम के कुछ कारण हो सकते हैं। 

कम और उच्च वसा वाले डेयरी भोजन के सेवन और स्तन कैंसर के होने के मध्य संबंध का आकलन करने के लिए पहला अध्ययन 2013 में किया गया था। कैंडीस क्रोनके के नेतृत्व में इन लेखकों को नैशनल कैंसर इंस्टीच्यूट द्वारा वित्त-पोषित किया गया और इसे नैशनल कैंसर इंस्टीच्यूट के जर्नल में प्रकाशित किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि उच्च वसा वाले डेयरी भोजन का सेवन विशेष रूप से स्तन-कैंसर से जुड़ा था। प्रतिदिन उच्च वसा वाले डेयरी भोजन की आधी से कम खुराक का उपभोग करने से बीमारी से मरने का जोखिम बढ़ जाता है। डेयरी भोजन का सेवन बढऩे से जोखिम बढ़ जाता है। अध्ययन ने सुझाया कि ‘‘पौधा आधारित दूध या वसारहित डेयरी उत्पादों का सेवन प्रतिकूल परिणामों के जोखिम को सीमित करने के लिए एक उचित दृष्टिकोण हो सकता है।’’ 

मेलबोर्न कोलैबोरेटिव कोहॉर्ट स्टडी, जिसमें अस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम, इटली और ग्रीस की महिलाएं शामिल थीं, ने पाया कि डेयरी भोजन का सेवन सांख्यिकीय रूप से एस्ट्राडियोल और फ्री एस्ट्राडियोल के उच्च स्तर से अत्यधिक संबंध था। लेखकों ने परिकल्पना की है कि वाणिज्यिक डेयरी उत्पादों में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर स्पष्ट रूप से अधिक है, क्योंकि पश्चिम में अधिकांश दूध गर्भवती गायों द्वारा उत्पादित किया जाता है जिनमें एस्ट्रोजन का स्तर अधिक होता है। कैंसर दुनिया भर में एक प्रमुख जनस्वास्थ्य मुद्दा है। सभी कैंसर का 90-95 प्रतिशत या तो पर्यावरण या जीवनशैली कारकों के कारण है। यह अनुमान लगाया गया है कि भोजन सभी कैंसर के जोखिम का 35 प्रतिशत है।-मेनका गांधी
 


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