बोरिस जॉनसन ने छोड़ा टोरी पार्टी प्रधान पद, प्रधानमंत्री बने रहेंगे

punjabkesari.in Friday, Jul 08, 2022 - 05:24 AM (IST)

जैसा कि पिछले कुछ दिनों से ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के राजनीतिक भविष्य पर सरगर्म चर्चे थे, उन्होंने वीरवार अपने सरकारी निवास स्थान 10 डाऊङ्क्षनग स्ट्रीट के बाहर घोषणा की कि वह सत्ताधारी टोरी पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ देंगे लेकिन अक्तूबर तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। यद्यपि उनके इस निर्णय ने राजनीतिक क्षेत्रों में कुछ मामूली सी हलचल पैदा की है, लेकिन कोई हैरानी नहीं, क्योंकि यह निश्चित तौर पर नजर आ रहा था कि टोरी पार्टी और देश के अन्दर उनके व्यक्तित्व को लेकर उठे विवादों के दृष्टिगत उनका अब अपने पद पर ज्यादा देर तक टिके रहना संभव नहीं होगा। 

मंगलवार को वित्तमंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री जावेद द्वारा त्यागपत्र दिए जाने के बाद, बोरिस जॉनसन मंत्रिमंडल में शामिल सीनियर और जूनियर मंत्रियों ने इस्तीफे देने की एक झड़ी सी लगा दी थी और एक के बाद एक 50 छोटे-बड़े पदाधिकरियों के त्यागपत्र दे दिए जाने के बाद यह सोचना कि बोरिस अब अधिक समय टिक पाएंगे, बिल्कुल गलत था। कई मंत्रियों ने त्यागपत्र देने से पहले जब बोरिस जॉनसन से मुलाकात की तो समाचारपत्रों ने लिखा है कि उन्होंने स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री से कह दिया था कि अब ‘बाय-बाय’ का वक्त आ गया है। 

ब्रिटेन में इस वक्त टोरी पार्टी सत्ता में है। इस पार्टी के नियमानुसार पार्टी का प्रधान ही देश का प्रधानमंत्री होता है। इस तरह बोरिस जॉनसन भी दोनों पदों पर आसीन थे। पिछले महीने एक अविश्वास प्रस्ताव द्वारा उन्हें पार्टी प्रधानगी से हटाने का प्रयत्न किया गया था, लेकिन वह सफल नहीं हुआ। बोरिस जॉनसन ने पार्टी का विश्वास मत तो जीत लिया था, लेकिन दिल नहीं। तभी से यह शंकाएं पैदा हो गई थीं कि उनके विरोधी उन्हें चैन से नहीं बैठने  देंगे। बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री और पार्टी प्रधान पद से हटाने की आवाजें जोर पकडऩे लगीं। 

बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वह अक्तूबर तक इसलिए प्रधानमंत्री बने रहना चाहते हैं ताकि इस बीच टोरी पार्टी अपना नया लीडर चुनने की तैयारियां कर सके। नया पार्टी लीडर चुनने के लिए अभी से कशमकश शुरू हो गई है। कई आकांक्षी हैं और यह है भी स्वाभाविक। हर कोई अपनी किस्मत आजमाना चाहेगा। लेकिन इस देश की कुछ प्रक्रियाएं ऐसी हैं जो प्रभावित करती हैं आने वाली राजनीतिक घटनाओं और उनके परिणामों को। इस मामले में ‘बुकीज’, अर्थात जुआरियों की एक बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। किसी पार्टी या प्रत्याशी की जीत-हार का जो अनुमान ये ‘बुकीज’ लगाते  हैं, वह प्राय: ठीक ही निकलता है। इन ‘बुकीज’ द्वारा उम्मीदवारों का जितना मूल्यांकन किया जाता है, जुए की राशि भी उसी अनुसार निर्धारित होती है, अर्थात इतने लगाओगे तो आपका प्रत्याशी यदि जीत गया तो इतने मिलेंगे। 

बुकीज ने अपने पसंदीदा नाम अभी से प्रचारित करने शुरू कर दिए हैं, जिनमें सब से ऊपर नाम है ऋषि सुनक का, जिन्होंने सिर्फ 2 दिन पहले वित्तमंत्री पद से इसलिए त्यागपत्र दे दिया था कि वह बोरिस जॉनसन की कार्यप्रणाली से प्रसन्न नहीं थे। बोरिस के निर्णय पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं हो रही हैं। यूरोपियन यूनियन छोडऩे पर हुए रैेफरैंडम के परिणाम के बाद ब्रिटेन जिन कठिनाइयों और उलझनों में फंस गया था, उनसे निकलना ब्रिटेन के लिए बहुत मुश्किल बन गया था। यह बोरिस जॉनसन की कोशिशें थीं, जिनसे  देश को उन उलझनों से निकलने और विकसित होने का अवसर मिल गया। 

उस स्थिति के लिए राजनीतिक कारण कुछ भी रहे हों, जिसने उन्हें पद छोडऩे पर विवश किया, बोरिस अपने मनचले और विनोदी स्वभाव के कारण एक लोकप्रिय व्यक्तित्व हैं। भारत के साथ उनका विशेष लगाव है और ब्रिटेन में बसे भारतीयों के साथ बड़े प्रिय सम्बन्ध।-लंदन से कृष्ण भाटिया
 


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