कर्ज जाल में फंसाने वाले धूर्त चीन को बांग्लादेश ने दिखाया आईना

punjabkesari.in Monday, Aug 29, 2022 - 05:59 AM (IST)

भारत का पड़ोसी बंगलादेश इन दिनों विदेशी मुद्रा भंडार का संकट झेल रहा है क्योंकि अब बंगलादेश का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर है और वहां पर प्रशासकों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं उसका हाल भी पड़ोसी देश श्रीलंका जैसा न हो जाए। बंगलादेश इस बात को अच्छी तरह से समझता है कि श्रीलंका का यह हाल चीन की वजह से हुआ है। इस समय भारत के जितने भी पड़ोसी देश हैं उन सभी का कमोबेश ऐसा ही हाल है, इसमें पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश, मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार दिनों दिन लगातार कम होता जा रहा है, और एक ताजा उदाहरण श्रीलंका का है जो दिवालिया हो चुका है। 

हाल ही में बंगलादेश के वित्तमंत्री मुस्तफा कमाल ने अपने बयान से दुनिया की आंखें खोल दीं और चीन को एक जोरदार झटका दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के विकासशील देशों को चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बी.आर.आई. के तहत चीन से उधार लेने से पहले दो बार जरूर सोचना चाहिए। मुस्तफा ने चीन को सीधे संदेश देते हुए कहा था कि चीन को कर्जों का आकलन करते समय पूरी ईमानदारी दिखानी चाहिए, मुस्तफा वित्त मामलों पर अच्छी पकड़ रखते हैं और उन्होंने चीन द्वारा दूसरे देशों को दिए गए कर्जों के पीछे चीन की नीयत को साफ तौर पर देखा है। 

मुस्तफा ने आगे बताया कि चीन की कर्जों की खराब शर्तों के चलते कई देश बदहाल अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ चले हैं। मुस्तफा ने सीधे तौर पर चीन का नाम लेते हुए यह बात विकासशील देशों के लिए कही है कि श्रीलंका में चीनी निवेश के साथ कई बड़ी आधारभूत संरचना वाली परियोजनाओं ने उस स्तर पर राजस्व नहीं बटोरा जिसकी उनसे उम्मीद थी, इसके चलते श्रीलंका कंगाल हो गया। मुस्तफा का इशारा सीधे तौर पर चीन द्वारा पहले मनचाहा कर्ज ऊंची ब्याज दरों पर देने और फिर कर्ज न चुका पाने की एवज में उस देश को या तो कंगाल बना देना, या फिर उसके बंदरगाह, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, खनिज भंडार, जंगल पट्टे पर ले लेना, यहां तक कि कृषि भूमि को भी पट्टे पर लेकर अपने देश की जरूरतों के हिसाब से उसपर अन्न उगाने जैसा काम करना कर्जदार देश की कमर तोड़ देता है। 

दरअसल चीन ने जो हाल दुनिया भर के छोटे, गरीब और विकासशील देशों का किया है उसे देखते हुए चीन से मिलने वाले कर्जों पर कई अर्थशास्त्री शोध करने में जुटे हैं, बिना लाग लपेट के मुस्तफा कमाल ने चीन को आईना दिखाया और कहा कि इस समय दुनियाभर में जो हालात बने हुए हैं उसके लिए चीन जिम्मेदार है, दरअसल चीन से कर्ज लेने से पहले हर देश दो बार जरूर सोचेगा, दुनिया भर के देश चीन पर आरोप लगा रहे हैं और चीन अपने ऊपर लगने वाले आरोपों से बच नहीं सकता, यह उसका काम है। 

श्रीलंका की हालत को देखकर लगता है कि चीन सिर्फ पैसे उधार देने में ही दिलचस्पी ले रहा है और किसी परियोजना का पूर्वावलोकन नहीं करता जिसकी वजह से परियोजना का फल उस देश विशेष को नहीं मिलता फिर वो चीन का कर्ज चुका पाने में असमर्थ हो जाता है। हालांकि राजनयिक स्तर पर इससे स्पष्ट भाषा में नहीं कह सकता। मुस्तफा अपने सधे हुए शब्दों से पूरी दुनिया को आगाह कर रहे हैं कि चीन के मकडज़ाल में किसी भी देश को फंसने की जरूरत नहीं है क्योंकि साहूकार चीन आज के समय की औपनिवेशिक शक्ति बनकर पूरी दुनिया पर अपनी सत्ता काबिज करना चाहता है। 

दरअसल बंगलादेश की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मुद्रा स्फीति और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से महंगे तेल खरीदने के चलते उसका विदेशी मुद्रा भंडार कम हो रहा है, इसलिए बंगलादेश कर्ज लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास गया था। इस समय बंगलादेश के ऊपर चीन का 4 अरब डॉलर का कर्ज है। इस समय बंगलादेश को खुद को आर्थिक संकट से बचने के लिए 4 अरब डॉलर का कर्ज और चाहिए इसके लिए बंगलादेश ने विश्व बैंक, एशिया विकास बैंक, एशिया आधारभूत निवेश बैंक, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजैंसी जैसी संस्थाओं से कर्ज मांगा है। 

इस समय बंगलादेश का वस्त्र निर्यात उद्योग उसे बचा रहा है, बंगलादेश के पास सिर्फ 5 महीने के आयात का पैसा बचा है जिससे उसकी अर्थव्यवस्था चल रही है लेकिन अगर बंगलादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 39 अरब डॉलर से कम हुआ तो उसके लिए भी दिक्कतें पेश आएंगी। ऐसे में बंगलादेश के वित्तमंत्री का चेतावनी भरा बयान दुनिया को बता रहा है कि भले ही बंगलादेश इस समय मुसीबत में फंसा है लेकिन दुनिया को चीन की धूर्तता बताने और उससे आगाह करने से नहीं चूका। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News