चंद पुलिस कर्मियों की ‘करतूतें’ जो बिगाड़ रही हैं पुलिस विभाग का चेहरा

Friday, Oct 02, 2015 - 02:58 AM (IST)

समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है परंतु इसमें घुस आई चंद काली भेड़ें अपने अमानवीय कृत्यों से समूचे पुलिस विभाग की बदनामी का कारण बन रही हैं। हाल ही की ऐसी चंद खबरें निम्र में दर्ज हैं : 

* 7 सितम्बर को बेलगाम के खड़े बाजार में 2 महिला कांस्टेबलों सहित 6 पुलिस कर्मचारियों ने बिना किसी वजह के सैक्स वर्करों के मोहल्ले में जाकर तीन निर्दोष महिलाओं पर  बैंत बरसाने शुरू कर दिए जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंचने पर उन्हें निलम्बित कर दिया गया।  
 
* 8 सितम्बर को बरनाला अदालत परिसर की सुरक्षा में तैनात हवलदार नशे में धुत्त होकर रात भर वहीं पड़ा रहा। इसका पता 9 सितम्बर को अदालत खुलने के बाद चला और लोग उसकी हालत देख कर हंसते रहे।
 
* 8 सितम्बर को ही मोगा के थाना सिटी साऊथ में तैनात ए.एस.आई. गमदूर सिंह को एक व्यक्ति से 3 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। 
 
* 14 सितम्बर को भटिंडा पुलिस ने महेंद्र सिंह की हत्या व सबूत नष्ट करने के आरोप में उसकी पत्नी हैड कांस्टेबल बलविंद्र कौर और उसके साथी कांस्टेबल दर्शन सिंह को निलंबित कर दिया। गत 7 सितम्बर को हुई इस हत्या के बाद महेंद्र सिंह की लाश नहर से बरामद हुई थी। 
 
* 21 सितम्बर को पंजाब पुलिस को उस समय शर्मसार होना पड़ा जब इसके एक मुलाजिम ने रूपनगर के निकट भरतगढ़ में निर्वस्त्र होकर घूमना शुरू कर दिया और वहां बच्चों तथा महिलाओं के साथ गाली-गलौच  किया। लोगों के विरोध करने पर उसने उनके साथ हाथापाई भी की। 
 
* 23 सितम्बर को दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने 5 पुलिस कर्मचारियों उत्तम कुमार, सुधीर सिंह, राजेश कुमार, राजेश कुमार यादव और अरविंद के विरुद्ध अपहरण और हिरासत में टार्चर करके मनोज नामक एक युवक की हत्या के आरोप में मुकद्दमा चलाने का आदेश दिया। 
 
* 25 सितम्बर को मुम्बई के प्रसिद्ध लाल बागचा राजा गणेश पूजा पंडाल में वी.वी.आई.पी. गेट से प्रवेश कर रही नंदिता गोस्वामी नामक युवती को 2 महिला कांस्टेबलों ने बुरी तरह घसीटा और थप्पड़ मारे। सोशल मीडिया पर उनकी करतूत वायरल होने पर दोनों को निलम्बित कर दिया गया।
 
* 25 सितम्बर को देर रात बुरहानपुर से 60 कि.मी. दूर खकनार थाना के गांव दसघाट में वृद्धा देवकी बाई व उसकी बहू आशा बाई के घर में 5 पुलिस अफसर और जवान घुस आए तथा उनसे बलात्कार करने की कोशिश की।
 
दोनों महिलाओं ने वारदात में शामिल एक ए.एस.आई. की वर्दी पर लगे स्टार, उसकी सीटी की डोरी और मारपीट में इस्तेमाल डंडा छीन कर पुलिस मुख्यालय में पेश करके शिकायत दर्ज कराई। दोनों महिलाओं का आरोप है कि पुलिस वाले उनसे 20,000 रुपए मांग रहे थे तथा उन्होंने उनके बचाव में आई द्रौपदी बाई व लक्ष्मी बाई के साथ भी मारपीट की। 
 
* 29 सितम्बर को मनीमाजरा के गोबिदपुरा में किराए के मकान में रहने वाला चंडीगढ़ पुलिस के महिला प्रकोष्ठ में तैनात एक कांस्टेबल अंकित दीवार फांद कर अपनी पड़ोसी 9वीं कक्षा में पढऩे वाली 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के कमरे में जा घुसा और उसके साथ बलात्कार किया।  
 
पीड़िता के पिता की शिकायत पर आरोपी कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी चंडीगढ़ पुलिस के 5 कांस्टेबलों पर एक नाबालिगा से बलात्कार का आरोप लग चुका है। 
 
* 30 सितम्बर को जोधपुर जिले के मंडौर थाने में तैनात एक महिला कांस्टेबल शोभा चौधरी ने 2 साथी पुलिस कर्मियों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतका ने अपने सुसाइड नोट में एक ए.सी.पी. के गनमैन और एक निलंबित सिपाही दोनों पर शादी का झांसा देकर उससे बलात्कार करने और उसकी जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
 
कानून के रखवाले माने जाने वाले पुलिस कर्मियों का इस प्रकार का आचरण समूचे विभाग की छवि धूमिल कर रहा है। ऐसे पुलिसियों से आम जन भला अपनी सुरक्षा की क्या आशा रख सकता है, अत: इसके लिए दोषी पुलिस कर्मियों को कठोरतम दंड दिया ही जाना चाहिए ताकि दूसरों को नसीहत मिले और कोई भी निर्दोष उनके अत्याचार का शिकार न हो। 
 
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