जूता, चप्पल, हरी मिर्च, बंद गोभी और बाल्टी हैं बिहार की अपंजीकृत पार्टियों के चुनाव निशान

Friday, Sep 25, 2015 - 02:10 AM (IST)

बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखें निकट आने के साथ-साथ चुनावी गतिविधियों और टिकटों को लेकर घमासान तथा मारामारी तेज हो चुकी है व अनेक नई दिलचस्पियां देखने में आ रही हैं, जिनमें से कुछ निम्न में दर्ज हैं :

* बिहार में चुनाव लडऩे वाली पाॢटयों को अजीबो-गरीब चुनाव निशान मिले हैं जिनमें हरी मिर्च, बंद गोभी, टैलीफोन, आईसक्रीम, जूता, चप्पल और बाल्टी तक शामिल हैं। इसी प्रकार कुछ पार्टियों के नाम भी कम दिलचस्प नहीं। इनमें ‘आप और हम पार्टी’, ‘नैशनल टाइगर पार्टी’, ‘साथी और आपका फैसला पार्टी’ तथा ‘नैशनल रोड मैप पार्टी आफ इंडिया’ जैसे नाम शामिल हैं। 
 
* पहली बार इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत नोटा अर्थात उपरोक्त में से कोई नहीं) के लिए भी चिन्ह प्रदान किया गया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि भविष्य में सभी चुनावों में ई.वी.एम. मशीनों के पैनल के अंत में यह निशान अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
 
* बिहार में पहली बार 1957 में बेगूसराय के मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के कचहरी टोला नामक मोहल्ले में बूथ पर कब्जा करने की घटना हुई थी और वह बूथ अभी तक उस घटना की याद दिलाने के लिए वहां मौजूद है। 
 
* बिहार में जातीय समीकरण का ध्यान रखते हुए भाजपा ने  लालू यादव के वोट काटने के लिए 22 यादव उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। 
 
* विभिन्न पार्टियों द्वारा उम्मीदवारों की सूचियां जारी करने के साथ ही टिकटों से वंचित रह गए उम्मीदवारों के बागी तेवर तीखे तथा उग्र होते जा रहे हैं। पटना में भाजपा नेता कैलाशपति मिश्र की बहू को टिकट न मिलने पर उनके समर्थक भड़के हुए हैं जबकि बक्सर से विधायक सुखदा पांडे के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय का गेट ही उखाड़ फैंका। मधुबनी में कांग्रेस कार्यालय में वर्करों ने भारी तोड़-फोड़ की व कुर्सियों को आग तक लगा दी। 
 
* हालांकि आल इंडिया मजलिस ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (ए.आई.एम. आई.एम.) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य के सीमांचल में 24  सीटों पर चुनाव लडऩे की घोषणा की है परंतु इस इलाके के मुसलमानों की ओवैसी और उनकी पार्टी में कोई दिलचस्पी नहीं है। 
 
मोहम्मद सौराव आलम नामक व्यक्ति से जब ओवैसी के बारे में पूछा गया तो उसने तिरस्कारपूर्वक कहा, ‘‘वो कौन? वो हैदराबादी? उसका यहां क्या काम?’’ इसी प्रकार एक अन्य मतदाता ने कहा, ‘‘भाई साहब यह बिहार है। हम ऐसे वोट कटुआ (वोट काटने वाले) को वोट नहीं देंगे। हम बेवकूफ नहीं हैं और ओवैसी की वजह से राजग को जीतने नहीं देंगे।’’
 
* बिहार के चुनावी घमासान के बीच सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी ‘जन अधिकार पार्टी’ का घोषणापत्र जारी करते हुए यह बयान दिया कि ‘‘गरीबों के पास मनोरंजन के लिए सिर्फ बीवी होती है इसलिए मैं उन्हें टी.वी. दे रहा हूं।’’ पप्पू यादव ने यह भी कहा कि राजद, जद (यू) और कांग्रेस ने 50-50 लाख रुपए लेकर टिकट बांटे हैं और कुछ उम्मीदवारों को महागठबंधन में 5-5 स्कॉॢपयो गाडिय़ां लेकर टिकट दिए गए हैं।
 
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के चुनावों में 5, झारखंड में 8, जम्मू-कश्मीर में 9, हरियाणा में 11 और महाराष्ट में 27 रैलियां की थीं। बिहार में वह अभी तक 3 रैलियां कर चुके हैं तथा अमरीका से लौटने के बाद लगभग 23 रैलियां और करने का उनका कार्यक्रम है।
 
* पटेलों को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाले हार्दिक पटेल ने भाजपा पर पटेल समुदाय के लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए बिहार के चुनावों में राजग का खेल बिगाडऩे के लिए 4 रैलियां करने की घोषणा की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हार्दिक पटेल की सराहना करते हुए उसे युवा व उभरता हुआ नेता बताया और कहा कि ‘‘वह एक सही ‘कॉज़’ के लिए संघर्ष कर रहा है।’’ 
 
बिहार के चुनावों की दिलचस्पियों के बारे में हम लगातार जानकारी दे रहे हैं। इनमें अनेक नई बातें जुड़ रही हैं जिनके चलते ये चुनाव एक विशेष रूप धारण कर गए हैं।  
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