खेल मंत्री के ‘ट्वीट के खेल’ से गर्माई राजनीति

Saturday, Feb 28, 2015 - 01:18 AM (IST)

(राकेश संघी) हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज की ओर से पिछले कुछ दिनों से ट्वीट करने का शुरू किया गया खेल न केवल सुर्खियों में बना रहा, बल्कि इन ट्वीट्स ने प्रदेश की राजनीति विशेषकर सत्तारूढ़ भाजपा में भी गर्माहट ला दी। अनिल विज की छवि एक ईमानदार व बेबाक राजनीतिज्ञ की रही है। वह 2 बार निर्दलीय तौर पर विधायक बनने सहित अब तक 5 बार विधायक चुने जा चुके हैं। पिछली राज्य विधानसभा में वह भाजपा विधायक दल के नेता भी रहे।

राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार में अनिल विज व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा की गणना वरिष्ठ विधायकों के रूप में भी होती है। जिस दिन अनिल विज को मंत्री बनाया गया था, उसी दिन उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज किए जाने और फिर विभागों के वितरण को लेकर भी उनकी अनदेखी के चर्चे अक्सर सत्ता के गलियारों में सुनने को मिलते रहे।

अनिल विज का जब यह ट्वीट सामने आया कि ‘मेरे विभागों में गहरी दिलचस्पी लेने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद, मैं बहुत निश्चिंत हूं’, इस व्यंग्यात्मक ट्वीट से सत्ता के गलियारों में हलचल पैदा हो गई। उनका यह ट्वीट राई में स्थित मोती लाल नेहरू स्पोर्ट्स स्कूल के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बतौर मुख्यातिथि के तौर पर शामिल होने से संबंधित था। प्रदेश के खेल मंत्री होने के बावजूद उन्हें इस कार्यक्रम की सूचना तक नहीं दी गई थी। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में खेल विभाग की नई योजना ‘खेलेगा हरियाणा, बढ़ेगा हरियाणा’ की शुरूआत की थी।

अनिल विज को इस बात का गिला रहा कि उन्हें अपने विभाग से संबंधित कार्यक्रमों की सूचना अधिकारियों की बजाय मीडिया के माध्यम से ही मिलती है। इससे पहले सोनीपत के ही खानपुर कलां मैडीकल कालेज में भी मुख्यमंत्री एक नई यूनिट का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बतौर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को करनी थी लेकिन उन्हें इस कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र ही उस दिन मिला, जिस दिन उद्घाटन होना था। इस मामले को लेकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश तक जारी कर दिए थे। एक अन्य विवाद पंचकूला में सिविल अस्पताल के नए भवन के उद्घाटन को लेकर था। इस कार्यक्रम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री से समय भी ले लिया था लेकिन स्वास्थ्य मंत्री को इसकी सूचना तक नहीं दी गई। उन्हें इस कार्यक्रम के संबंध में मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली थी।

दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम पर भी उन्होंने यह ट्वीट किया था कि ‘नेता आयात करने की अपेक्षा भाजपा यदि दिल्ली में नेतृत्व निर्माण करने पर बल देती तो ये हालात न होते।’ उनके कुछ अन्य ट्वीट्स भी काफी चर्चित रहे हैं, जिनमें से एक ट्वीट यह भी है कि ‘मैं राजनीति में कांग्रेस का ठेला धकेलने नहीं आया, चुनाव जीतना कोई बड़ी बात नहीं होती, जीत को बरकरार रखना बड़ी बात है।’ उनके इन ट्वीट्स ने यह संदेश दिया कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन को इन ट्वीट्स पर सफाई देते हुए यह कहना पड़ा कि सरकार में कोई मतभेद नहीं है। यह सब तथाकथित विवाद मीडिया के दिमाग की उपज है। इससे पहले मुख्यमंत्री भी यह कह चुके हैं कि उनका अपने मंत्रियों के साथ कोई विवाद नहीं है।

अनिल विज ने भी कहा कि वह तो केवल ट्वीट्स के माध्यम से अपनी रचनात्मक सोच को प्रकट करते हैं। गत रविवार को अम्बाला छावनी में आयोजित हुई मैराथन दौड़ में मुख्यमंत्री ने अनिल विज के साथ भाग लेकर उन्हें अपने ट्वीट में मिठास भरने के लिए विवश कर दिया। इस दौड़ के पश्चात उनका ट्वीट था कि ‘हम साथ-साथ हैं।’

आपसी गुटबाजी के चलते पांव जमाने का प्रयास
दिल्ली विधानसभा के चुनाव में अभूतपूर्व जीत प्राप्त करने से उत्साहित आम आदमी पार्टी अब हरियाणा में भी अपनी पार्टी का विस्तार कर पांव जमाने के प्रयास में जुट गई है। पार्टी के नेताओं की राज्य में सक्रियता अचानक बढ़ गई है लेकिन माहौल बनने से पहले ही राज्य से जुड़े पार्टी के नेताओं में आपसी मतभेद खुल कर सामने आने लगे हैं।

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रदेश प्रभारी योगेन्द्र यादव ने गत दिनों पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की चंडीगढ़ में बैठक बुलाई थी। उसी दिन पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एक अन्य सदस्य नवीन जयहिंद ने भी प्रदेश के कार्यकत्र्ताओं की रोहतक में अलग से बैठक बुला ली। रोहतक की यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार का कार्य करने वाले राज्य के प्रमुख कार्यकत्र्ताओं को सम्मानित करने के लिए बुलाई गई थी। एक ही दिन में 2 जगह बैठकें होने पर कुछ नेता चंडीगढ़ पहुंच गए व कुछ रोहतक में जमा हो गए जबकि कुछ नेताओं ने पार्टी की गुटबाजी के चलते दोनों ही बैठकों से दूरी बनाए रखना ही उचित समझा। इन बैठकों के 2 दिन के पश्चात योगेन्द्र यादव ने एक पत्रकार सम्मेलन में यह घोषणा कर दी कि पार्टी राज्य में 21 फरवरी से ‘जय किसान अभियान’ की शुरूआत करेगी। यह घोषणा होते ही नवीन जयहिंद ने भी यह ऐलान कर दिया कि सभी जिलों में पैट्रोल व डीजल पर वैट की दर बढ़ाने के विरुद्ध पार्टी की ओर से प्रदर्शन किए जाएंगे।

गत लोकसभा चुनावों के दौरान भी योगेन्द्र यादव व नवीन जयहिंद के बीच आपसी मतभेद साफ तौर पर देखने को मिलते रहे थे। योगेन्द्र यादव ने गुडग़ांव व नवीन जयहिंद ने रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। पार्टी के राज्य से संबंधित इन दोनों प्रमुख नेताओं सहित पार्टी के अन्य 8 उम्मीदवार चुनाव जीतना तो दूर, अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे। इसी कारण पार्टी ने राज्य विधानसभा के चुनाव से किनारा कर लिया था। आपसी झगड़ों में फंसी आम आदमी पार्टी भविष्य में कितना प्रभाव राज्य में छोड़ पाएगी, यह तो समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल उसे गुटबाजी से उबरने के प्रयास करने होंगे।

अब अफसरों पर कसेगा शिकंजा
हरियाणा में पहली बार गठित भाजपा सरकार के मंत्रियों व विधायकों को अधिकारियों से यह शिकायत रही है कि वे जन-प्रतिनिधियों की सुनवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते। पार्टी के विधायकों की गत दिनों हुई बैठक में यह मुद्दा काफी गर्म रहा। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने यह आश्वासन देकर सभी को शांत करने का प्रयास किया कि जन-प्रतिनिधियों का सम्मान न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की योजना बनाई जाएगी। सजा के तौर पर मात्र उनका तबादला ही नहीं किया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक व विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। ऐसी सजा के बावजूद भी यदि किसी अधिकारी के विरुद्ध फिर से ऐसी शिकायत आई तो उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि तक रोक दी जाएगी।

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