चीनी सेना के लिए नए ‘फिटनैस मानक’

Monday, Feb 23, 2015 - 01:22 AM (IST)

(के.जे.एम. वर्मा) विश्व की सबसे बड़ी चीनी सेना के 23 लाख जवानों के लिए चीन की सरकार ने नए फिटनैस मानक अनिवार्य कर दिए हैं। यदि कोई जवान इन मानकों पर पूरा नहीं उतरता तो वह अपने रैंक से हाथ धो बैठेगा।

चीन की ‘जनमुक्ति सेना’ (पी.एल.ए.) के जवानों को चेताया गया है कि वे खुद को चुस्त-दरुस्त रखें नहीं तो उन्हें तरक्की नहीं दी जाएगी। यह खुलासा चीनी जनमुक्ति सेना के समाचार पत्र ‘पी.एल.ए. डेली’ में गत शुक्रवार किया गया है। पी.एल.ए. ने सैनिकों के वजन के संबंध में मानक तय किए हैं और सैन्य शारीरिक परीक्षण पर अधिक ध्यान देने का संकल्प लिया है।

सैन्य शारीरिक परीक्षण सुधार एवं विकास (2015-2020) नामक इस निर्देशिका में कहा गया है : ‘‘शारीरिक परीक्षण को कार्मिक प्रबंधन के साथ जोड़ा जाए और इसी के आधार पर किसी जवान को तरक्की दी जाए या उसकी तरक्की छीनी जाए।’’ इसमें कहा गया है कि सैन्य शारीरिक परीक्षण भी जवानों और अफसरों की शारीरिक व मानसिक गुणवत्ता में बढ़ावा करने का आधारभूत तरीका है तथा इससे लडऩे की क्षमता का पोषण होता है।

नवोन्मेशी तरीकों का उद्घोष करते हुए इसने एक विशेष प्रकार की सैन्य शिक्षण प्रणाली का खाका तैयार किया है।

चीन में आर्थिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के कारण जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार आया है परंतु मोटापा ङ्क्षचता का विषय बनता जा रहा है। मोटे सैनिकों की समस्या से विश्व में सबसे अधिक अमरीका की सेना परेशान है और इसके बाद दूसरा नम्बर चीनी सेना का आता है। अमरीकी सेना में तो आजकल मोटापे के साथ भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी जबरदस्त अभियान चल रहा है जिसके अंतर्गत अब तक 16 शीर्ष प्रमुख जनरल और सैंकड़ों अफसर जांच में फंसे हुए हैं।

चीनी सशस्त्र सेनाओं के शीर्षस्थ निकाय ‘सैंट्रल मिलिट्री कमीशन’ (सी.एम.सी.), जिसके अध्यक्ष खुद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं, ने हाल ही में सभी सैन्य कर्मियों की 2013 और 2014 की आमदन और खर्च की जांच-पड़ताल की योजना की घोषणा की है। गत वर्ष सी.एम.सी. के पूर्व उपाध्यक्ष जू कैथू एवं पी.एल.ओ. के जनरल लोजिस्टिक विभाग के पूर्व उपाध्यक्ष गू जुनशान समेत 16 शीर्ष सैन्य अधिकारियों की भ्रष्टाचार के संदेह में जांच-पड़ताल की गई थी। (एफ.पी.जे.)

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