अमित शाह की मेहनत से भाजपा बनी ‘दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी’

Friday, Aug 11, 2017 - 01:16 AM (IST)

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष के रूप में बुधवार को 3 साल पूरे हो गए हैं, यह मौका इसलिए भी अहम है क्योंकि इसी समय वह गुजरात से पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं, दूसरी अहम बात यह है कि अभी 2 सप्ताह पहले ही बिहार में भी नीतीश कुमार के साथ गठबंधन कर भाजपा सत्ता में पहुंची है, राजनीतिक विश्लेषक इस वक्त भाजपा के दौर को उसका ‘गोल्डन पीरियड’ कह रहे हैं हालांकि अमित शाह ऐसा नहीं मानते।

उनके मुताबिक अभी पार्टी को बहुत आगे जाना है और उसका सर्वश्रेष्ठ समय आना बाकी है, वह उसी लक्ष्य के साथ आगे भी बढ़ रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में हम जानते हैं कि अमित शाह के हाथ में पार्टी की बागडोर आने के बाद भाजपा कहां से कहां पहुंची है? कांग्रेस के बाद भाजपा पहली ऐसी पार्टी बन गई है जिसकी 18 राज्यों में सत्ता है, इनमें से 7 राज्य ऐसे हैं जहां पहली बार पार्टी सत्ता में आई है, लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के सबसे ज्यादा सदस्य हैं, राज्यसभा में पिछले दिनों 58 सदस्यों के साथ यह कांग्रेस को पछाड़कर उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से इस वक्त अमित शाह 110 दिवसीय राष्ट्रव्यापी दौरा कर रहे हैं। इन 3 वर्षों में अमित शाह ने देश भर में 560000 किलोमीटर की यात्रा की है, 303 आऊट स्टेशन टूर किए हैं, देश के 680 में से 315 जिलों की यात्रा की है। अमित शाह ने अध्यक्ष बनने के बाद सदस्यता अभियान शुरू किया और उसका नतीजा यह हुआ कि 2015 में ही पार्टी के सदस्यों की संख्या 10 करोड़ से भी पार हो गई है। 

यह पहला प्रयास था जब पार्टी को सीधे जनता के साथ जोडऩे का व्यापक स्तर पर प्रयास किया गया। इसके चलते भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनी। इस अभियान से पहले भाजपा के 3.5 करोड़ सदस्य थे, इसके बावजूद पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 17.16 करोड़ वोट पाकर अपने बूते पहली बार सत्ता में आने का इतिहास रचा। अमित शाह ने पार्टी के परम्परागत वोट बैंक को बढ़ाने के लिए राज्यवार सोशल इंजीनियरिंग के नए फार्मूले पर जोर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में यू.पी. में भाजपा ने 80 में से 71 सीटें जीतीं और राज्य में हालिया हुए विधानसभा चुनावों में 403 सीटों में से 312 पर कामयाबी का नया इतिहास रचा, भाजपा को 2012 के विधानसभा चुनावों में 1.3 करोड़ वोट मिले और अब की बार 2017 में 3.4 करोड़ वोट मिले, वोट आधार में यह बढ़ौतरी भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग की कामयाबी को दर्शाती है। 

2019 के लिहाज से अमित शाह का इस वक्त फोकस उन राज्यों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है जहां फिलहाल भाजपा कमजोर स्थिति में है, इस लिहाज से पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में वह पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं, इन राज्यों की कुल 120 लोकसभा सीटें हैं। आज देश की जनता ने यह महसूस किया है कि मोदी जी की सरकार आम आदमी की सरकार है,जो देश के नागरिकों के जीवन को सर्व सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए प्रयासरत है। 2019 का चुनावी परिदृश्य स्पष्ट है कि एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारी बहुमत से केन्द्र में भाजपा की सरकार बनेगी। 

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