मूक-बधिर स्कूल की लगभग सभी लड़कियां यौन उत्पीडऩ की शिकार

punjabkesari.in Wednesday, Apr 18, 2018 - 03:20 AM (IST)

महाराष्ट्र के कर्जत स्थित मूक-बधिर बच्चों के लिए एक बोॄडग स्कूल के केयर टेकर के खिलाफ दुष्कर्म की दो शिकायतें तो मात्र शुरूआत थी। 30 मार्च को एक छात्रा की मां द्वारा की गई शिकायत के आधार पर मामले की जांच में कई अन्य लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीडऩ का खुलासा हुआ है। 

पुलिस अब अन्य छात्राओं के बयान रिकार्ड करने की प्रक्रिया में है। कर्जत पुलिस स्टेशन की सीनियर इंस्पैक्टर सुनीता तानावाड़े ने बताया कि उन्होंने अभी तक 7 लड़कियों के बयान रिकार्ड किए हैं। वे सभी 6 से 13 वर्ष आयु की हैं। गत दिवस पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म की शिकार दो लड़कियों, उनकी माताओं तथा एक चश्मदीद, जो स्कूल कर्मचारी है, के बयान सी.आर.पी.सी. की धारा 164 के तहत दर्ज किए।

जांच में मदद के लिए पुलिस ने अली यावर जंग नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसेबिलिटीज के सांकेतिक भाषा दुभाषिए की सेवाएं ली हैं। तानावाड़े ने बताया कि लड़कियां सांकेतिक भाषा से सब कुछ बता सकती हैं। एक बयान रिकार्ड करने में लगभग 3 घंटे लगते हैं क्योंकि दुभाषिया पहले उनकी बात समझता है और फिर उन्हें (पुलिस) बताता है। और शिकायतकत्र्ताओं के आगे आने पर उनके नाम भी मामले में शामिल किए जाएंगे। लगभग हर लड़की (स्कूल में) के साथ छेड़छाड़ की गई है। पुलिस के अनुसार केयर टेकर ने छात्राओं के साथ कई बार छेडख़ानी की। 

पुलिस ने बताया कि कुछ दिन पूर्व दो शिकार लड़कियां एक पहचान परेड में केयर टेकर को पहचानने में सफल रही थीं। जांच में खुलासा हुआ कि केयर टेकर छात्राओं के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण भी करता था। पुलिस ने बताया कि वह लड़कियों के नहाते हुए अथवा शौच आदि करते हुए वीडियो भी बनाता था क्योंकि शौचालयों की खिड़कियों पर शीशे नहीं थे। पुलिस ने बताया कि एक छोटी लड़की की जांच में उसके गुप्तांग पर चोट के निशान पाए गए। स्कूल में 40 विद्यार्थी हैं मगर केवल 8 लड़कियां तथा 9 लड़के होस्टल में रहते हैं। स्कूल के विद्यार्थी कर्जत के नजदीकी गांवों और कुछ दूर से हैं। उनमें से अधिकतर के माता-पिता घरों में नौकर का काम करते हैं। वे अपने बच्चों को बोॄडग स्कूल में रखते हैं और सप्ताहांत अथवा छुट्टियों पर उन्हें घर ले जाते हैं। पुलिस ने लड़कों से भी बात की, जिन्होंने बताया कि केयर टेकर उनसे नशे की हालत में दुव्र्यवहार करता है और सभी विद्यार्थियों को पीटता है। आरोपी उस दम्पति का भतीजा है, जो स्कूल को चला रहे हैं।

यौन उत्पीडऩ का मामला तब प्रकाश में आया जब विद्यार्थी 28 मार्च को शुरू हुए लम्बे सप्ताहांत के दौरान अपने घर गए। अंतिम बार यौन उत्पीडऩ 27 मार्च को किया गया। 30 मार्च को पुलिस ने आई.पी.सी. की धाराओं 376 (2) (सरकारी नौकर के संरक्षण में दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक दुष्कर्म), 354 (छेड़छाड़) तथा पोक्सो की उचित धाराओं के साथ-साथ बाल न्याय कानून के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। स्कूल के प्रिंसीपल तथा अधीक्षक को भी गिरफ्तार किया गया मगर उन्हें जमानत मिल गई। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को सामाजिक न्याय विभाग से ग्रांटें मिलती हैं।-आर. गायकवाड़


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Pardeep

Recommended News