योगी को घेरते-घेरते खुद घिरे अखिलेश

punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 05:14 AM (IST)

योगी आदित्यनाथ की सरकार में माफियाओं और गैंगस्टर्स की कमर तोडऩे का काम लगातार जारी है। पिछले 2 सालों के दौरान यू.पी. पुलिस ने आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गई सम्पत्ति पर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 2 साल में 64 गैंगस्टर्स की 2 हजार करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त की है। इस लिस्ट में मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद शामिल नहीं हैं। अगर इन दोनों की सम्पत्ति को भी जोड़ दिया जाए तो संपत्ति करीब 3 हजार करोड़ तक पहुंच जाती है। 

गैंगस्टर्स की तरफ से अवैध तरीके से हासिल की गई इन संपत्तियों की लिस्ट पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक की है। इनमें विजय मिश्र, सुशील मूच, सुंदर भाटी, अनुपम दुबे,धु्रव सिंह, सुनील राठी, बदन सिंह बद्दो आदि मुख्य तौर पर शामिल हैं। मुख्तार अंसारी की 523 करोड़ रुपए की संपत्ति और अतीक अहमद की 413 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया। मेरठ जोन में सबसे अधिक 16 गैंगस्टर्स चिन्हित किए गए। इसके बाद गोरखपुर जोन में 7, लखनऊ  जोन में 5, वाराणसी जोन में 4 बदमाश शामिल हैं। आकाश जाट, अमित कसाना, सुंदर भाटी, अजीत सिंह को अभियोजन पक्ष की कोशिश से सजा मिली है। 

इसके अलावा रिजवान जहीर, ऋषि शर्मा, अनिल चौधरी, उधम सिंह, अनुज बरखा सहित 18 बदमाश ऐसे हैं, जिनके खिलाफ रासुका लगाया गया है। पिछले एक साल के दौरान 1842 करोड़ रुपए कीमत की अवैध संपत्ति को या तो खाली कराया गया है या फिर ध्वस्त किया गया है। वहीं 2017 से अभी तक यू.पी. में पुलिस ने कुल 179 अपराधियों को एनकाऊंटर में मार गिराया है। 2020 से लेकर अभी तक के आंकड़े देखें तो 66 अपराधी ढेर किए गए हैं। ए.डी.जी. प्रशांत ने बताया कि जाति, धर्म और क्षेत्र में भेदभाव किए बिना कार्रवाई की जा रही है। 

प्रयागराज हत्याकांड में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरने के फेर में अब खुद अखिलेश यादव घिर गए हैं। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाकर उन्होंने जो पेशबंदी की थी उसे योगी की सरकार ने हत्यारों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करके ध्वस्त कर दिया। अचरज की बात यह है कि हत्या के आरोपियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर कई सपा नेता ही हायतौबा मचा रहे हैं। मीडिया पर उसके कुछ प्रवक्ता माफिया अतीक अहमद के पक्ष में बोलते नजर आ रहे हैं। यू.पी. के प्रयागराज में विगत 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके सुरक्षा गार्ड  की हत्या पिछले एक माह से मीडिया चैनलों पर चर्चा का विषय बनी हुई है। 

बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उसके परिवार वालों ने माफिया अतीक अहमद और उसके गुर्गों के खिलाफ सन् 2004 में रिपोर्ट लिखाई थी। इसमें उमेश पाल प्रमुख गवाह थे। अदालत में गवाही देने से पहले ही उनकी भी हत्या कर दी गई। इस मामले में भी माफिया अतीक अहमद, शाइस्ता, अतीक के बेटों सहित नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। योगी की सरकार इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है। 

हत्याकांड में शामिल प्रमुख शूटर पुलिस एनकाऊंटर में मारा गया है। कई गिरफ्तार किए गए हैं। कई लोगों के अवैध ढंग से और लूट के धन से बनाए गए मकानों को ध्वस्त किया गया है। यह मामला उत्तर प्रदेश विधान सभा के बजट सत्र में भी गूंजता रहा। प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में बड़े जोर-शोर से कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में सरेआम बंदूकें चलना, बम चलना ही रामराज्य है। प्रयागराज में बी.एस.पी. विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या पर उन्होंने पूछा कि क्या प्रयागराज में इस तरह गोली, तमंचा और बम चलना ही जीरो टालरैंस है। 

सपा नेता अखिलेश यादव के इन आरोपों का मुख्यमंत्री ने जिस तर्कसंगत ढंग से जवाब दिया उससे अखिलेश यादव का दांव उलटा पड़ गया। उन्होंने इस मामले में सपा का पूरा चेहरा उजागर कर दिया। मुख्यमंत्री योगी ने अखिलेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि  आप सारे अपराधियों को पालेंगे। उनका माल्यार्पण करेंगे और उसके बाद तमाशा बनाते हैं आप लोग। ये जो अपराधी और माफिया हैं आखिर ये पाले किसके द्वारा गए हैं? क्या यह सच नहीं है कि जिसके खिलाफ केस दर्ज है उन्हें सपा ने सांसद बनाया था? आप अपराधी को पालेंगे और उसके बाद आप तमाशा बनाते हैं। उन्होंने कहा कि आपको बहाना चाहिए था। ये (सपा के लोग) पेशेवर माफिया और अपराधियों के सरपरस्त हैं। इनकी रग-रग में अपराध भरा हुआ है। इसके अलावा उन्होंने कुछ सीखा नहीं है। सारा प्रदेश यह जानता है। 

योगी ने कहा कि प्रयागराज की घटना दुखद है। जिसने किया, उसको बख्शा नहीं जाएगा लेकिन ये पेशेवर अपराधी आखिर किसके द्वारा पाले-पोसे गए हैं। आखिर क्यों इतनी परेशानी हो रही है। उन्होंने दिनकर की कविता सुनाते हुए कहा कि यह पाप सपा का है। उत्तर प्रदेश की जनता को, 25 करोड़ की जनता को पहचान का संकट खड़ा हुआ, इन्हीं पेशेवर अपराधियों के कारण हुआ जो सत्ता पोषित होते थे। जिन्हें महिमामंडित करके ये लोग गौरवान्वित महसूस करते थे। जिनके सामने सत्ता नतमस्तक होती, सभी जानते हैं कि उनके खिलाफ जो कार्रवाई चली है, वह नजीर बनी है।-निरंकार सिंह   
 


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