जेलेंस्की का एक जोखिम भरा जुआ

punjabkesari.in Monday, Mar 27, 2023 - 04:27 AM (IST)

रूढि़वादी चर्च को उसके पारस्परिक पवित्र क्षेत्र से बाहर निकाल कर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की शायद एक आग को प्रज्वलित कर सकते हैं जो बलकान क्षेत्र में फैल जाएगी। यह एक जोखिम भरा जुआ है क्योंकि जेलेंस्की एक यहूदी हैं। उनका कहना है कि मेरे बाद जल प्रलय होगी। लेकिन सबसे पहले हम इस मुद्दे से संबंधित तथ्यों को जान लेते हैं। 

यूक्रेन की राजधानी कीव में मठों का 1980 वर्ष पुराना अति सुंदर पेशरस्क लावरा परिसर है जो जल्द ही अपने विशिष्ट वस्त्र वाले बिशप और पादरियों से खाली हो जाएगा। भले ही इस परिसर ने पश्चिमी टी.वी. एंकरों के कैमरों के लिए पृष्ठभूमि प्रदान की है मगर पादरियों का पलायन एक प्रमुख कहानी नहीं बनेगा। यह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की द्वारा की गई एक दिलचस्प घोषणा थी जिसके तहत उन्होंने कहा, ‘‘इस सप्ताह हमारी आध्यात्मिक स्वतंत्रता को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम उठाया गया।’’ 

यह कदम पादरियों को निष्कासित करना था। 35 मिलियन या फिर 80 प्रतिशत आबादी रूढि़वादी होने पर क्या प्रभाव पड़ता है? केवल 10 प्रतिशत या 1.5 मिलियन लोग कैथोलिक चर्च से संबंध रखते हैं। क्या इन दोनों के बीच टकराव को निर्मित किया जा रहा है? रूस-यूक्रेन संघर्ष के दूसरी तरफ देखें तो 80 प्रतिशत रूसी आबादी भी रूढि़वादी है। क्या इसका मतलब यह है कि यूक्रेनी और रूसी आबादी अपने राष्ट्रवाद पर कायम है लेकिन पादरी अवांछित संयम का एक पुल प्रदान करते हैं। 

जेलेंस्की और उनके कुछ समर्थकों ने प्राचीन यूक्रेनी आर्थोडॉक्स चर्च पर रूसी आर्थोडॉक्स चर्च से निर्देश लेने का आरोप लगाया है जिससे यूक्रेनी एकता को कम करके मास्को का चालाकी से पक्ष लिया जा रहा है। जेलेंस्की द्वारा रूढि़वादी बिशप और पादरियों के एक प्रतिनिधिमंडल को दूर कर दिया गया है। वहीं चर्च ने इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए पोप से सम्पर्क किया है। 

क्या सोवियत संघ के पतन के बाद विभाजित होने वाली एक समग्र रूढि़वादी चर्च विरासत में समस्या की उत्पत्ति निहित है? 2004 की ‘ऑरेंज क्रांति’, 2014 की यूरो मैदान गड़बड़ी ने देशभक्ति के विस्फोटों का अनुकरण किया और एक विशिष्ट यूक्रेनी राष्ट्रवाद को प्रेरित किया। रूस से स्वतंत्र एक चर्च का विचार अंकुरित हुआ। युद्ध के इस मोड़ पर जब यूक्रेन मलबे में तबदील होने की प्रक्रिया में है तो जेलेंस्की के दिमाग में सनकी मामले सबसे ऊपर नहीं हो सकते। 

पश्चिम मीडिया की कवरेज के विपरीत जेलेंस्की इस युद्ध को जीतने के करीब नहीं हैं। वास्तव में यूक्रेनी राष्ट्रपति काफी बैकफुट पर हैं। पश्चिमी हथियार और खजाना अब धार वाली बात नहीं है। यूरोप, विशेष रूप से जर्मनी सभी प्रकार की आर्थिक और राजनीतिक कठिनाइयों में है। बढ़ते जर्मनी संकट का प्रतीक 1380 में स्थापित प्रतिष्ठित ईसेनवर्क एरला स्टील वक्र्स द्वारा अपने को दिवालिया घोषित करना है। यह एक मुकुट में से रत्न खोने जैसा है। 

जैसा कि मैंने बोस्नियाई युद्ध के दौरान सीखा है कि बलकान की जटिलताएं आश्चर्यजनक हैं। बोस्निया क्षेत्र कभी ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। साराजेवो की 4 साल लम्बी घेराबंदी तुर्की के इस्लामिक कोर में प्रति ध्वनित हुई। यह वही भावना थी जिसने कमाल अतातुर्क की धर्मनिरपेक्षता वाली भावना को कमजोर किया था। साराजेवो तुर्की शब्द ‘सराय’ से उत्पन्न हुआ है जिसका मतलब है एक विश्राम स्थल। 

यू.के. के पूर्व लिबरल पार्टी के नेता पैडी एशडाऊन जिन्होंने बोस्निया के लिए उच्च प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया था, ने एक बार क्रोएशिया के पहले राष्ट्रपति फेजो टूजमैन के साथ अपनी बातचीत का वर्णन किया। एशडाऊन ने पूछा कि आखिर बोस्निया का भविष्य क्या है? 

टूजमैन ने खाने की मेज पर रूमाल फैलाया और रूमाल के बीच से चाकू चलाया। जाहिर है क्रोएशिया और सर्बिया दोनों के अधूरे एजैंडे का विस्तार बोस्निया में करना था। बोस्निया में कोई भी अशांति तुर्की में मई के चुनावों को प्रभावित करेगी और साथ ही निम्रलिखित दोषों ईसाई-मुस्लिम, रूढि़वादी-कैथोलिक और सहयोगी देशों के गठबंधन से ग्रस्त पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगी। 

जब यूगोस्लाविया टूट गया तो यूरोपीय संघ के गठन के बाद एक और युद्ध से बचने के लिए यूरोप ने यूगोस्लाविया के अलग हुए हिस्सों की संयुक्त यूरोपियन मान्यता पर फैसला किया। लेकिन जर्मन विदेश मंत्री ने अधीरता के अध्ययन के साथ क्रोएशिया को मान्यता दी जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान धूरी के साथ था। यह तुरन्त ब्रिटिशर्ज को सॢबया के पीछे ले आया जोकि अपने सहयोगियों के साथ था। यह संघर्ष 4 वर्ष तक चला। 

3 लाख मुस्लिम बोस्नियाई लोगों की आबादी वाला कोसोवो राज्य नाजुक स्थिति में है। नाटो के समग्र प्रभाव के तहत व्यक्तिगत यूरोपियन देशों के सशस्त्र बल कोसोवो के विभिन्न क्षेत्रों की रक्षा करते हैं जो इसकी सुरक्षा व्यवस्था को अद्वितीय बनाते हैं। मेरे प्रैस कार्ड को बख्तरबंद इतालवी सैनिकों द्वारा क्लीयर किया जाना था जो दकनी के विशाल सर्बियाई मठ की रक्षा कर रहे थे। अंधेरा होने से ठीक पहले एक पादरी केंद्रीय संरचना के चारों ओर दौड़ा और अपने कंधों पर लकड़ी का एक बड़ा झुनझुना ले आया जिसे टैलेटन कहा जाता है। माना जाता है कि यह ध्वनि भिक्षुओं को तुर्क के प्रति सचेत करती है। 

यह रस्म 14वीं शताब्दी से चली आ रही है जब कोसोवो की लड़ाई में सर्ब तुर्कों से हार गए थे। एक छोटी सेना के साथ सर्बों ने भीषण युद्ध किया लेकिन वे हार गए। उन्होंने तुर्कों को इतनी भयंकर लड़ाई दी कि तुर्क यूरोप में आगे नहीं बढ़ सके। इस उपलब्धि पर सर्बों को इतना गर्व है कि सर्ब कैलेंडर में कोसोवो की लड़ाई सबसे खुशी का दिन है। यह सर्बों को पीड़ा देता है कि लड़ाई का स्मारक वास्तव में उनके सबसे कीमती मठ कोसोवो में है। जेलेंस्की का आर्थोडॉक्स चर्च से निष्कासन यूक्रेन से परे उत्तेजक है।-सईद नकवी             


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