एक मौत जो लाखों लोगों का जीवन बचाएगी

punjabkesari.in Friday, Sep 09, 2022 - 05:59 AM (IST)

उस कार दुर्घटना के बारे में बहुत कुछ लिखा जा चुका है जिसने अरबपति साइरस मिस्त्री की जान ले ली और मैं इस झगड़े में नहीं पडऩा चाहता। यद्यपि जब मैंने दुर्घटना के बाद अपने परिवहन मंत्री की टिप्पणी को पढ़ा तो मेरे दिमाग में कुछ आया और वह था पिछली सीटों पर लगी सीट बैल्ट्स के इस्तेमाल की ओर अचानक ध्यान आकर्षित होना। जो लोग हमारे देश में कार की पिछली सीटों पर लगी बैल्ट्स पहनते हैं उन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता है। 

जब आप एक सैकंड हैंड कार खरीदते हैं तो एकमात्र इस्तेमाल न की गई चीज, जो अभी भी नई की तरह ही अच्छी होती है, कार की पिछली सीट्स पर लगी सुरक्षा बैल्ट्स ही होती हैं। मगर अचानक एक ऐसा व्यक्ति जिसकी नैट वर्थ 29 अरब रुपए से ज्यादा है, जो देश के सर्वाधिक सुरक्षा प्राप्त लोगों में से एक होना चाहिए, केवल इसलिए मर जाता है क्योंकि उसने सीट बैल्ट नहीं पहनी थी, सारे देश को यह एहसास होता है कि कैसे अत्यंत लापरवाही के कारण एक जान गंवा दी गई लेकिन अब और भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि हम देखने वाले हैं कि कैसे वह मौत हजारों-लाखों लोगों की जान बचाने वाली है क्योंकि अब ध्यान पिछली सीट पर लगी सुरक्षा बैल्ट्स को बांधने की जरूरत की ओर चला गया है। 

कुछ सप्ताह पूर्व मुम्बई में ताज में एक गैट-टुगैदर में मैं एक आकर्षक युवक से मिला जिसने मुझे अपना परिचय दिवंगत बाल ठाकरे के पोते के रूप में दिया। मैं निश्चित था कि वह युवा राजनीतिज्ञ आदित्य नहीं था और उसे पूछा कि क्या वह उस ठाकरे का बेटा है जिसका निधन बाम्बे-पुणे हाईवे पर एक कार दुर्घटना में हो गया था, जिसे वास्तव में एक डैथ ट्रैप के तौर पर जाना जाता है। उसने उत्तर दिया कि हां वह वही है। 

आपस में बातचीत करने के दौरान मैंने उससे नरम लहजे में कहा, ‘‘निहार, तुम्हारे पिता के निधन के कारण अब हजारों लोग नव-निर्मित मुम्बई-पुणे एक्सप्रैस-वे पर सुरक्षित यात्रा करते हैं।’’ उसने स्वीकृति में सिर हिलाया और मैंने कहना जारी रखा, ‘‘तुम्हारे पिता बहुत से लोगों के लिए एक शहीद की मौत मरे हैं जो केवल इसलिए सुरक्षित हैं कि उनके निधन के कारण एक सुरक्षित एक्सप्रैस-वे निर्मित किया गया।’’ सैंकड़ों की संख्या में ऐसे ‘शहीद’ हैं जिन्होंने अपनी दुखद मृत्यु के माध्यम से उन सुरक्षा जरूरतों की ओर ध्यान आकर्षित करवाया है जिन्हें हम अभी तक दर-किनार करते आए हैं।

एक नन्ही लड़की, जिसे मैं जानता हूं, ने कई वर्ष पूर्व एक मोटरबाइक दुर्घटना में अपनी एक करीबी मित्र को खोने के बाद महाराष्ट्र में हैल्मेट को जरूरी बनाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया। उस मौत ने हजारों की जिंदगियां बचा लीं। और जब मैं साइरस मिस्त्री तथा दिवंगत बाला साहिब ठाकरे के बड़े बेटे के बारे में सोचता हूं तो मुझे हैरानी होती है कि क्या प्रत्येक आपत्तिजनक मृत्यु को किसी जीवनदायी राहत के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है?

मुझे याद है कि एक व्यक्ति जिसने कैंसर के कारण अपनी एक किशोर बेटी को खो दिया था, ने ऐसे लोगों के लिए एक फंड की शुरूआत की जो कैंसर के उपचार का खर्च वहन नहीं कर सकते थे। उसने मुझे बताया कि जिन लोगों की उसने जान बचाई है उनके माध्यम से उसकी बेटी जीवित है और मेरा मानना है कि हम सभी अपने सामने आने वाली प्रत्येक त्रासदी के साथ ऐसा कर सकते हैं ताकि मृतक कभी भी न मरे। 

जब आप किसी प्रियजन का शोक मनाते हैं तो इस बारे में सोचें कि किसी उद्देश्य के लिए दुख को एक शक्तिशाली विचार में बदला जा सकता है जिसके माध्यम से आपके प्रिय व्यक्ति को हमेशा  एक संत की तरह याद किया जाए, एक शहीद के तौर पर जो बहुत से आभारी लोगों के मन में जीवित रहता है।-दूर की कौड़ी राबर्ट क्लीमैंट्स     
 


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