जिस तिरंगे में लिपटा था शहीद का शव, उसे आंचल में समेटा पत्नी ने, 2 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

Wednesday, Sep 21, 2016 - 09:16 AM (IST)

गया (बिहार):      शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
                                     वतन पर मर मिटने वालों
                                      का यही बाकी निशां होगा..


उरी आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को पूरा देश सलाम कर रहा है। मंगलवार को भी शहीदों को उनके परिजनों और अन्य लोगों ने अंतिम विदाई दी। वहीं गया के शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की तादाद में लोग वहां पहुंचे। जिस तिरंगे में शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी का शव लपेटा गया था उसे सेना के जवानों ने विधवा किरण के सुपुर्द कर दिया। शहीद सुनील की पत्नी ने तिरंगे को अपने आंचल में समेट लिया। तिरंगे को समेटे किरण चिता से दूर होकर घाट की सीढ़ियों पर बैठ गईं, उनके आसपास उनकी तीनों बेटियां थीं।

सुनील के दो साल के बेटे आर्यन ने नाना की गोद में अपने पिता को मुखाग्नि दी। हालांकि वह इस सबसे अंजान था कि हो क्या रहा है। उसे तो इस बात का इल्म तक नहीं था कि उसके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया है। शहीद के पिता की आंखों में आंसू थम नहीं रहे थे। सभी उन्हें दिलासा दे रहे थे लेकिन वे लगातार रोए जा रहे थे। वहीं श्मशान घाट पर  भारत माता की जय और सुनील विद्यार्थी अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद, पाकिस्तान हाय-हाय, शहीदों का बदला लेकर रहेंगे, नवाज शरीफ होश में आओ आदि नारे गूंज रहे थे।

6वीं बिहार बटालियन दानापुर के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया और 24 चक्र गोलियों की सलामी दी। श्मशान घाट पर बिहार सरकार की ओर से प्रभारी मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। बोकनारी से गया शहर तक सड़कों पर लोगों का हुजूम  जमा था।

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