एक करोड़ रुपए के ऑफर को ठुकरा कर निभाई गजराज से दोस्ती, गाजे-बाजे के साथ दी अंतिम विदाई

Sunday, Dec 31, 2017 - 04:50 PM (IST)

मधेपुरा(आशीष कुमार): हाथी और इंसान की दोस्ती की मिसाल वर्षों से दी जाती रही है। कई फिल्मों में भी हाथी और इंसान की दोस्ती को लोगों ने पसंद किया है। ऐसी ही एक मिसाल मधेपुरा के रामचंद्र ने कायम की है। उनकी और गजराज की दोस्ती भी लंबी चली। 

मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखंड के खुरहान गांव में रामचंद्र के हाथी का शनिवार को निधन हो गया। 25 साल से वह हाथी को पाल रहे थे। हाथी की मौत पर गांव के लोगों ने नम आंखों के साथ दफनाकर उसका अंतिम संस्कार किया। पूरा इलाका गजराज के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। किसी हाथी के संस्कार पर इस तरह का माहौल पहली बार देखने को मिला।

रामचंद्र का कहना है कि उन्होंने एक करोड़ रुपए मिलने के बावजूद भी अपने हाथी को नहीं बेचा था। आर्थिक तौर पर तंग होने के बावजूद भी उन्होंने हाथी को कभी खुद से दूर नहीं किया। शनिवार को उनके हाथी की मौत के बाद डोल नगाड़ों के साथ उसकी शव यात्रा निकाली गई।     

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