उदार नेतृत्व नहीं मिलने की आशंका में राजग से किया था किनारा : जदयू

Sunday, Sep 10, 2017 - 11:25 AM (IST)

पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने चार साल बाद दोबारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का दामन थामने के कारणों को लेकर उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया है। उनका कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के बाद समन्वयवादी उदार नेतृत्व नहीं मिलने की आशंका में राजग से और भ्रष्टाचार के विरोध में महागठबंधन से नाता तोडऩा पड़ा। 

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. त्यागी ने रविवार को आयोजित एक कॉन्कलेव में कहा, बाजपेयी के बाद उदार और समन्वयवादी नेतृत्व नहीं मिल पाने की आशंका में राजग से किनारा कर बिहार में महागठबंधन में शामिल हुए थे। लेकिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शीर्ष नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के लगातार लगे आरोपों और उनका इस पर जवाब नहीं देने के विरोध में महागठबंधन को छोडऩा पड़ा।

त्यागी ने जदयू के महागठबंधन से नाता तोड़ राजग में दोबारा शामिल होने को विपक्षियों द्वारा पूर्वनियोजित करार दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए इसे निराधार बताया। उन्होंने कहा कि यदि जदयू की मांग के अनुरूप पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव जनता के बीच जाकर उन पर लगे आरोपों का तथ्यपरक जवाब दे देते तो राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती।  

Advertising