Renault Kiger के खरीदार हुए परेशान, कीचड़ पहुंच रहा गाडी के अंदर

Friday, Oct 15, 2021 - 05:36 PM (IST)

ऑटोे डेस्क। कार निर्माता कंपनियां गाड़ी को लॉन्च करने से पहले कई तरह के परीक्षण करती हैं। यानि की गाड़ी को अच्छी तरह से जांचा परखा जाता है। हर तरह के रास्ते पर उसकी टैस्टिंग होती है फिर ही उसे बाजार में उतारा जाता है। कंपनियां जितनी भी कोशिश कर लें कई बार कुछ कमियां रह ही जाती हैं। जैसे कि फ्रैंच कार निर्माता कंपनी रेनॉ की काइगर इन दिनों अपनी कमियों के चलते चर्चा में बनी हुई है।


इस मॉनसून में काइगर के खरीदारों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ी है। दरअसल, काइगर का पिछला बंपर अंदर की तरफ से खुला हुआ है, यानि कि उसे कवर नहीं किया गया है। ऐसे में धूल-मिट्टी और कीचड़ टेललाइट के पीछे जाकर जमा हो रही है और वह कार के अंदर तक भी पहुंच रही है। हाल ही के दिनों में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब कार के ऑनर्स ने इसकी शिकायत की है।

जानकारी के लिए बता दें कि कार के अंदर कीचड या धूल-मिट्टी जाने से इसमें मॉइस्चर आ जाता है, जिससे कार में जंग लगने की और उसके डैमेज होने की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं। फिलहाल कार के ऑनर इस मुद्दे पर नाखुश हैं, क्योंकि कंपनी इस मामले को पूरी तरह नकार रही है। उसका कहना है कि इससे कार के परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन बात यहां परफॉर्मेंस की नहीं, बात गाड़ी को डस्ट से बचाने की है। जानकारों की मानें तो कंपनी अगर बंपर को अंदर से पूरी तरह बंद कर दे तो इसका कोई परमानेंट सॉल्यूशन हो सकता है।

फिलहाल इस मामले में सर्विस सेंटर भी कार में जुगाड़ करके, जहां से धूल-मिट्टी आती है वहां फोम लगा रहे हैं, जिससे इसका कोई टैंपरेरी सॉल्यूशन निकल सके। बता दें कि बात यहीं खत्म नहीं होती काइगर के दरवाजों के नीचे से भी कीचड़ अंदर जाती है, जिसका कोई स्थाई समाधान ना कंपनी के पास है और ना ही सर्विस सेंटर के पास है। सर्विस सेंटर का कहना है कि सड़क पर चलने से धूल का उड़ना सामान्य है। इससे कार की पावर और टॉर्क पर कोई असर नहीं पड़ता है।

रेनो काइगर वैल्यू फॉर मनी कार है और ये पूरी तरह से शानदार है। हालांकि ये इसके मैन्युफैक्चरिंग फॉल्ट्स हैं जिन्हें कंपनी को दूर करने की जरूरत है। रेनॉ की भारतीय बाजार में अच्छी पकड़ है। अब इस मुद्दे के बाद उसकी इमेज पर क्या फर्क पड़ता है, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल कंपनी का इस मामले को नकार देना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

Akash sikarwar

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