प्रति कार टाटा मोटर्स से दोगुना प्रॉफिट कमा रही Kia India, हर गाड़ी पर ले रही इतना मुनाफा

Monday, Nov 08, 2021 - 01:05 PM (IST)

ऑटो डेस्क। भारत जैसे कॉम्पटीटिव मार्केट में व्हीकल मार्केट को प्रॉफिट निकालने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासकर ऐसे समय में जब जनरल मोटर्स और फोर्ड जैसे स्थापित ऑटो ब्रांड्स ने भारतीय बाजार छोड़ दिया हो, लेकिन कोरियाई कार मेकर कंपनी किआ देश में अपने पहले उत्पाद के लॉन्च होने के दो साल के भीतर मुनाफा कमाने में कामयाब रही है। फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में टैक्स डिडक्शन के बाद किआ इंडिया ने 1,111 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के साथ फाइलिंग के अनुसार, कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 329 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। दुनिया भर में कोविड -19 के प्रकोप के बावजूद किआ इंडिया का कुल कारोबार इस फाइनेंशियल ईयर में 87% बढ़कर 20,290 करोड़ रुपये हो गया। इस बीच, वित्त वर्ष 2021 में कंपनी की बिक्री की मात्रा 90 प्रतिशत बढ़कर 1,96,000 यूनिट हो गई।

किआ ने भारत में अपनी लोकल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का मैक्सिमम यूज किया है। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में स्थित इस प्लांट की कुल सालाना प्रोडक्शन कैपिसिटी 3,00,000 यूनिट है। खास बात यह है कि किआ इंडिया को प्रति कार ऑपरेटिंग प्रॉफिट 91,390 रुपये हो रहा है, जो कि इसकी कॉम्पटीटर कार मेकर्स कंपनियों में सबसे अधिक है। इसकी तुलना में टाटा मोटर्स का प्रति कार ऑपरेटिंग प्रॉफिट 45,810 रुपये बताया गया है। मारुति सुजुकी का प्रति कार ऑपरेटिंग प्रॉफिट टाटा से भी कम है। किआ का ऑपरेटिंग प्रॉफिट लग्जरी ब्रांड्स के बराबर है। यह लगभग मर्सिडीज इंडिया जितना है, जिसका प्रति कार लगभग 1 लाख रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट है।

किआ ने शुरुआत से ही एसयूवी सेगमेंट पर फोकस किया है, जो पिछले कुछ सालों से काफी मांग में रहा है। कंपनी अब तक तीन मॉडलों की खुदरा बिक्री करती है- दो एसयूवी/क्रॉसओवर और एक प्रीमियम एमपीवी। फिलहाल कंपनी भारतीय बाजार के लिए अपना चौथा प्रोडक्ट डेवलप कर रही है, जो कि सेल्टोस बेस्ड 7-सीटर एमपीवी होने की संभावना है।

Akash sikarwar

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