6 महीने के अंदर ' Flex Fuel इंजन' लगाने के लिए केंद्रीय सरकार ने जारी की एडवाइज़री

Friday, Dec 24, 2021 - 12:12 PM (IST)

ऑटो डेस्क: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कार निर्माताओं के लिए एक एडवाइज़री जारी की है। जिसके तहत कार निर्माताओं को 6-महीने के अंदर वाहनों में Flex Fuel इंजन पेश करने की सलाह दी है। गडकरी ने कहा कि उन्होंने Flex Fuel इंजन पर एक फाइल पर हस्ताक्षर किए जो कार निर्माताओं को अपने वाहनों के लिए Flex Fuel इंजन बनाने की सलाह देते हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि वाहनों में इस इंजन को लगाने के लिए 6 महीने का समय उन वाहनों के लिए दिया गया है,जोकि एक से ज़्यादा ईंधन से चल सकते हैं।

ग्रीन और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग दिया जा रहा है बढ़ावा-

इस एडवाइज़री के अलावा गडकरी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ग्रीन और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि टीवीएस मोटर्स और बजाज ऑटो जैसी ऑटो कंपनियों ने अपने दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए भी फ्लेक्स-फ्यूल इंजन के प्रोडक्शन का काम शुरू कर दिया है।

गडकरी ने आगे कहा, "जल्द ही, चार पहिया वाहन 100 प्रतिशत इथेनॉल पर चलेंगे। इसलिए, हमें पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होगी ... और, हरे ईंधन के उपयोग से हमारे पैसे की बचत होगी।"

कैसे बनता है ये फ्लेक्स-ईंधन-

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्लेक्स-ईंधन एक वैकल्पिक ईंधन है जो पेट्रोल में मेथनॉल या इथेनॉल को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह ईंधन पेट्रोल की तुलना में कम प्रदूषण करता है। मौजूदा समय में, केवल ब्राजील और अमेरिका ही दो ऐसे बाज़ार हैं जहां इंजन में इथेनॉल-मिश्रित ईंधन और फ्लेक्स-ईंधन का प्रयोग किया जाता है। इसी के साथ आपको बता दें कि भारत जीवाश्म ईंधन के प्रमुख उपभोक्ताओं में से एक है और अपनी इस ज़रुरत को पूरा करने के लिए 80% इस जीवाश्म ईंधन का आयात किया जाता है।

इथेनॉल और इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल को बढ़ावा देना है भारत का मकसद-

भारत का उद्देश्य इथेनॉल और इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के प्रोडक्शन और खपत को बढ़ावा देना है। ताकि भारत में जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम किया जा सके। यदि आने वाले समय में ऐसा संभव होता है तो भारत में प्रदूषण के स्तर को काफी कम किया जा सकता है।

 

Piyush Sharma

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