ऑस्ट्रेलिया की जेल में आदिवासी बच्चों को ऐसे दी जाती है यातना

Tuesday, Aug 02, 2016 - 03:05 PM (IST)

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया में युवा कारावास में आदिवासी बच्चों के साथ ऐसा सलूक किया जाता है कि किसी से सोचा भी नहीं होगा। बच्चों के ऊपर टीयर गैस का इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें  कारावास में आदिवासी बच्चों के साथ उत्पीड़न का मामला सामने आया। मामले सामने आने के बाद संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये घटना यूएन उत्पीड़न संधि का हनन हो सकती है। उत्पीड़न के उस वीडियो के सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र ने बाल कैदियों के खिलाफ हुड और कंट्रोल में रखने के कदमों के इस्तेमाल को रोक दिया गया है।

वीडियो फुटेज में दिखाया गया कि कैसे बच्चों को अधनंगे कर उसके सिर को ढककर कुर्सी से बांधा गया। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार की जांच के लिए एक रॉयल कमीशन का गठन किया है लेकिन राष्ट्रीय जांच ठुकरा दी है।उन्होंने जांच आयोग गठित किए जाने का स्वागत किया है लेकिन चेतावनी दी है कि उसके दायरे को छोटा न किया जाए। उन्होंने कहा, "वीडियो और प्रेस रिपोर्टिंग के आधार पर कुछ कहना मुश्किल है लेकिन मैं समझता हूं कि यह बहुत ही चिंताजनक बात है, जो उत्पीड़न या हर हाल में क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक हो सकता है।

यह वीडियो 2010 से 2014 के बीच डार्विन के निकट डॉन डेल यूथ डिटेंशन सेंटर में रिकॉर्ड हुए हैं. नॉर्दर्न टेरिटरी के बाल कमिश्नर की 2015 की रिपोर्ट में गार्डों के व्यवहार में गलती पाई गई। यह मामला आदिवासी बच्चों के असमान अनुपात में जेल में होने की समस्या की ओर ध्यान दिलाता है। ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के नेता राजनीतिज्ञों से देश में आदिवासियों के साथ व्यवहार के जुड़े मुद्दों पर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

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