देवी-देवताओं और महान नेताओं की प्रतिमाएं तोड़ने का गलत रुझान

Friday, Mar 29, 2024 - 04:57 AM (IST)

एकता और भाईचारा किसी भी देश की तरक्की के लिए पहली शर्त है, परंतु आज कुछ समाज विरोधी तत्व तरह-तरह के गलत कामों से देश में एकता और भाईचारे को चोट पहुंचाने का अपराध कर रहे हैं।
इन्हीं में से एक है विभिन्न धर्मों से जुड़ी महान हस्तियों तथा सम्मानित राजनेताओं की मूर्तियों के साथ तोड़-फोड़ करके उनका निरादर करना। इसके इसी वर्ष के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 8 जनवरी, 2024 को रांची (झारखंड) में ‘बरियातु’ स्थित ‘श्री राम जानकी मंदिर’ में स्थापित प्रतिमाओं को तोड़े जाने और वहां रखी पूजा सामग्री को चुरा लिए जाने से भारी रोष पैदा हो गया। 
* 23 जनवरी को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के शाहपुर थाना के ‘दिनकरपुर’ गांव में कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रभु श्री राम की मूर्ति को खंडित कर दिया जिसे देख कर लोगों में भारी रोष फैल गया। 
* 24 जनवरी को कलबुर्गी शहर (कर्नाटक) में कुछ शरारती तत्वों ने बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा को खंडित कर दिया। 

* 25 जनवरी को उज्जैन (मध्य प्रदेश) के ‘मकड़ोन’ में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूॢत को ट्रैक्टर से तोड़ देने के विरुद्ध लोगों में रोष फैल गया और उग्र भीड़ ने पथराव करके अपना रोष व्यक्त किया।
* 31 जनवरी को गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में चंद शरारती तत्वों द्वारा बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति खंडित किए जाने के परिणामस्वरूप इलाके में तनाव पैदा हो गया। 
* 24 फरवरी को ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के पास स्थित गांव पनिहार में स्थित मंदिर में स्थापित ‘श्री राधा कृष्ण भगवान’ की मूॢत खंडित किए जाने से तनाव फैल गया और स्थिति संभालने के लिए पुलिस तैनात करनी पड़ी। 

* 26 मार्च को जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के ‘सरोखनपुर’ गांव में भाजपा नेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा तोड़ दी गई। 
* 27 मार्च को राजगढ़ (मध्य प्रदेश) के ‘खिलचीपुर’ कस्बे में सरकारी महाविद्यालय के परिसर में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा को कुछ अज्ञात लोगों ने क्षति पहुंचा दी जिनकी तलाश की जा रही है।
ऐसे आचरण से समाज में कटुता पैदा करना देशद्रोह से कम नहीं है। अत: ऐसे कृत्यों में संलिप्त लोगों को कठोरतम दंड देने की जरूरत है ताकि इस बुराई पर रोक लग सके और देश का वातावरण खराब न हो।—विजय कुमार  

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