विश्व का घटनाक्रम दे रहा अच्छे बदलावों के संकेत

punjabkesari.in Thursday, Oct 27, 2022 - 03:52 AM (IST)

कोरोना महामारी ने सारी दुनिया को 2 वर्ष से अधिक समय तक भारी मुसीबत में डाले रखा और अब इससे कुछ राहत मिलने के बाद जन-जीवन सामान्य होने लगा है तथा दीवाली के आसपास देश-विदेश में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले। जहां मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली वहीं ज्वैलरी मार्कीट में भी चमक आ गई। एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष धनतेरस पर लगभग 45,000 करोड़ रुपए से अधिक का खुदरा कारोबार हुआ। 

23 अक्तूबर को दीवाली से एक दिन पहले ही आस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राऊंड पर भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 वल्र्ड कप का महा मुकाबला हुआ जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 4 विकेट से हरा कर देशवासियों को दीवाली का तोहफा दिया।  

24 अक्तूबर दीवाली के ही दिन ब्रिटेन में भारतीय मूल के 42 वर्षीय ऋषि सुनक ने 57वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की जिससे भारत तथा विश्व भर के हिन्दू समुदाय में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। यह पहला मौका होगा जब सुरक्षा परिषद में वीटो के अधिकार वाले 5 देशों में से एक ब्रिटेन का नेतृत्व हिन्दू प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा किया जाएगा।

26 अक्तूबर को मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली। कांग्रेस को 24 वर्ष बाद गैर गांधी अध्यक्ष मिला है। सोनिया गांधी ने इस मौके पर कहा, ‘‘मैंने पूरी क्षमता से कत्र्तव्य निभाया। आज मैं इस जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊंगी। मेरे कंधे से एक भार उतर गया है। मुझे बड़ी राहत महसूस हो रही है। अब जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खरगे पर है।’’

22 और 23 अक्तूबर की मध्य रात को 12.07 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे भारी राकेट एल.वी.एम. 3-एम-2/वन वैब इंडिया-1 का प्रक्षेपण करके वाणिज्यिक उपग्रहों को लांच करने के लिए वैश्विक बाजार में अपनी जगह पक्की कर ली। इस मिशन में 5796 किलो वजन के 36 उपग्रहों के साथ अंतरिक्ष में जाने वाला यह पहला भारतीय रॉकेट बन गया है।

22 अक्तूबर को चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.सी.) की 20वीं कांग्रेस में उन्हें चुनौती देने वाले तमाम नेताओं पर नकेल कस दी। जिनपिंग ने पूर्व राष्ट्रपति ‘हू जिनताओ’ को जबरन मीटिंग हाल से बाहर निकाल कर अपनी तानाशाही प्रवृत्ति का परिचय दिया तथा सी.पी.सी. की हाई लैवल मीटिंग में पार्टी संविधान में उस संशोधन को भी मंजूरी दिलवा दी जिसके द्वारा उनके जिंदगी भर राष्ट्रपति रहने का रास्ता साफ हो गया। (यह इस लिहाज से अच्छा है कि विश्व का उद्योग जगत अब शी जिनपिंग के पूर्ण तानाशाही वाले देश में अपनी निर्माण इकाइयां स्थापित करने की बजाय भारत में आने के बारे में सोचने लगा है।) 26 अक्तूबर को रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की तथा राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री को बातचीत और कूटनीति से यूक्रेन के साथ अपना झगड़ा सुलझाने की सलाह दी। 

उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा। जहां पुतिन ने मात्र 3 दिनों में यूक्रेन पर कब्जा कर लेने की सोच रखी थी वहीं 8 महीने बाद भी वह अपने लक्ष्य से दूर हैं तथा यूक्रेन के डर्टी बम के संभावित उपयोग को लेकर रूस घबराया हुआ है। जिस तरह अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन की सहायता कर रहे हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पूरी हिम्मत से रूस को चुनौती दे रहे हैं उसे देखते हुए लगता है कि पुतिन को अपनी भूल का एहसास हो जाएगा। 

यदि जेलेंस्की युद्ध में नहीं हारे और रूस के साथ किसी तरह के समझौते के साथ युद्ध समाप्त हो गया तो इस क्षेत्र में शांति स्थापित होने का रास्ता खुल जाएगा और ताईवान तथा दक्षिण चीन और हिंद महासागर पर कब्जा करने के इच्छुक जिनपिंग को भी समझ में आ जाएगा कि ङ्क्षहसा एवं तानाशाही से कोई समस्या नहीं सुलझती। यह इसी तथ्य से स्पष्ट है कि पुतिन द्वारा यूक्रेन में एक्शन का उनके अपने ही देश में विरोध शुरू हो चुका है। 

यहां उल्लेखनीय है कि इस समय जबकि अमरीका, यूरोप तथा विश्व के अन्य देशों में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं, पाम आयल और कच्चे तेल की सप्लाई में बाधा पडऩे से महंगाई, बेरोजगारी और ईंधन संकट आदि समस्याओं में वृद्धि होती जा रही है, यदि किसी तरह रूस-यूक्रेन युद्ध  टल जाए तो सारी दुनिया को उक्त समस्याओं से राहत मिल सकती है। कुल मिलाकर इस समय भारत तथा विश्व में कुछ इस प्रकार का घटनाक्रम बना हुआ है। हम आशा करते हैं कि आने वाले दिनों में हालात और बेहतर होंगे तथा विश्व को दरपेश अनेक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।—विजय कुमार 


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