वर्षों से जारी हैदराबाद, केरल और गुजरात से ‘महिलाओं की तस्करी’

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2023 - 05:09 AM (IST)

अपहरण करके, खरीद कर या नौकरी का प्रलोभन देकर देश के विभिन्न राज्यों तथा खाड़ी आदि के देशों में ले जाई जाती विभिन्न धर्मों की महिलाओं की तस्करी वर्षों से जारी है जहां उनका धर्मांतरण करने के अलावा उन्हें देह व्यापार तथा बंधुआ मजदूरी में धकेला जा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को विदेशों में अच्छी नौकरियों का झांसा देकर निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में ओमान में फंसी पंजाब की ऐसी 35 महिलाओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

28 जनवरी, 2023 को हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने लगभग 400 पीड़ित महिलाओं को वेश्यावृत्ति में धकेलने के आरोप में बंगलादेश की एक महिला सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया। 6 मई, 2023 को हैदराबाद की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (महिला सुरक्षा) निकिता पंत ने बताया कि हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने गत 7 महीनों में 100 मामले दर्ज करके 200 महिलाओं को मुक्त करवाया है।

इनमें उज्बेकिस्तान और बंगलादेश से तस्करी करके लाई गई महिलाएं भी शामिल थीं। इन गिरोहों को चलाने वाले आरोपियों में से लगभग 25 आरोपियों के दूसरे राज्यों के अलावा विदेशी मानव तस्करों तक से संबंध थे जिन्होंने हजारों पीड़ितों को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया। कुछ समय पूर्व कुवैत से मुक्त करवाकर लाई गई एक मलयाली महिला ने बताया कि उसे कुवैत में कम से कम 15 ऐसी महिलाएं मिलीं जिन्हें बहला-फुसला कर वहां लाकर अमानवीय हालत में रखा गया था।

केरल की विशेष शाखा एस.एस.बी. ने गत वर्ष मानव तस्करी रैकेट  द्वारा कुवैत के परिवारों को बेची गई 3 मलयाली महिलाओं को वहां से मुक्त करवाने के बाद जांच के दौरान पाया कि खाड़ी देशों के अरब परिवारों में केरल की अनेक महिलाएं फंसी हुई हैं। गत 12 अप्रैल को सऊदी अरब में बेचने के लिए त्रिपुरा की महिला को लखनऊ लेकर आई  एक महिला की गिरफ्तारी के बाद मानव तस्करों द्वारा सऊदी अरब में तस्करी करके ले जाई गई महिलाओं से देह व्यापार कराने के बाद उनके अंग निकाल कर बेचने के अंतर्राष्ट्रीय रैकेट का खुलासा हुआ है जिससे प्राप्त धन टैरर फंङ्क्षडग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

‘राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो’ के ताजा आंकड़ों के अनुसार गत 5 वर्ष में गुजरात से 41,621 से अधिक महिलाएं लापता हुई हैं। राज्य पुलिस के अनुसार लड़कियों के लापता होने के लिए मानव तस्कर जिम्मेदार हैं। 7 मई को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में पुलिस ने 17 वर्षीय एक लड़की को मुंबई में बेहतर नौकरी दिलाने के बहाने अपने झांसे में फंसा कर 50,000 रुपए में बेचने के आरोप में एक महिला सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया।

महिलाओं पर हो रहे इस तरह के अत्याचारों के बीच 5 मई को रिलीज फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ भारी चर्चा में आई हुई है। इस फिल्म के विरुद्ध केरल हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं परन्तु अदालत ने इस फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया। यह फिल्म केरल में रहने वाली 3 युवतियों की कहानी है जो धर्म बदल कर आतंकवादी संगठन आई.एस.आई.एस. में शामिल हो जाती हैं। इसी को लेकर केरल में समुदाय विशेष के कुछ लोग इस फिल्म का प्रदर्शन रोकने की मांग कर रहे हैं।

यह फिल्म दावा करती है कि केरल में 32,000 महिलाएं धर्म परिवर्तन कर आई.एस.आई.एस. की सदस्य बन गईं। एक पक्ष जहां इस फिल्म को नफरत फैलाने वाली बता रहा है तो दूसरे पक्ष के अनुसार इसमें आज का यथार्थ दिखाया गया है परन्तु इसके साथ ही इस फिल्म को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्य सरकारों ने इस फिल्म को मनोरंजन टैक्स से मुक्त कर दिया है, परन्तु पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस फैसले को गलत बताते हुए कहा है कि यह फिल्म धर्म परिवर्तन के भयावह नैक्सस का पर्दाफाश करने वाली फिल्म है। हालांकि तमिलनाडु में इस फिल्म पर रोक तो नहीं लगाई गई है परन्तु वहां की ‘थिएटर एसोसिएशन’ ने कुछ लोगों के विरोध तथा धमकियों से डर कर इस फिल्म को दिखाने से मना कर दिया है।

3 महिलाओं की कहानी पर आधारित फिल्म को तो इस खास समय पर दिखाया भी जा रहा है और उसका विरोध भी हो रहा है, परंतु इनके अलावा जो हजारों की संख्या मेंं महिलाएं विदेशों में वर्षों से शोषण का शिकार हो रही हैं, क्या वे भारत की बेटियां नहीं? उनके पक्ष में इतने वर्षों से कोई आवाज क्यों नहीं उठी? -विजय कुमार


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