देश में नकली करंसी का धंधा जोरों पर महिलाएं भी शामिल

Saturday, May 20, 2017 - 11:03 PM (IST)

हालांकि केंद्र सरकार ने काला धन और नकली करंसी समाप्त करने के लिए 8 नवम्बर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करके 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे परन्तु नोटबंदी लागू होने के तुरंत बाद नए 500 व 2000 रुपए वाले नकली नोट भी बाजार में आ गए। यह सिलसिला अभी भी जारी है जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं: 

01 मई को मेघालय में ‘वैस्ट गारो हिल्स’ जिले के ‘तूरा’ में 2 व्यक्तियों से 1.32 लाख रुपए की नकली करंसी बरामद की गई। 04 मई को दिल्ली पुलिस ने 2 लोगों से 2000-2000 रुपए मूल्य के नकली नोटों के रूप में 1 लाख रुपए की नकली करंसी जब्त की। 04 मई को ही असम में गुवाहाटी के एक गांव से पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 4.2 लाख रुपए की नई नकली करंसी तथा नकली नोट छापने की एक मशीन जब्त की। 

08 मई को राजस्थान में जालौर के बागरा क्षेत्र में पुलिस ने एक मजदूर को रेलवे स्टेशन पर 2000 रुपए का नकली नोट चलाने की कोशिश करते हुए पकड़ा। पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान उसने बताया कि एक मकान मालिक ने मजदूरी के रूप में उसे 18,000 रुपए दिए थे जिनकी जांच करने पर इनमें से 2000 रुपए वाले 4 और 500 के 20 नोट नकली निकले। 12 मई को बंगाल के मालदा जिले के ‘कालियाचक’ थाने की पुलिस ने शेरशाही गांव में छापामारी करके वहां से 2000 रुपए मूल्य वाले 2 लाख रुपए के नकली नोट कब्जे में लेकर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। 

19 मई को औरंगाबाद में पुलिस ने एक 42 वर्षीय युवक को गिरफ्तार करके उसके कब्जे से 2000, 500 और 100 रुपए वाले नोटों के रूप में 5 लाख रुपए मूल्य की नकली करंसी बरामद की। इसके अलावा पुलिस ने उनसे स्कैनर, कम्प्यूटर और कुछ इलैक्ट्रॉनिक उपकरण भी कब्जे में लिए। 19 मई को हिमाचल प्रदेश में शिमला पुलिस ने शोघी बैरियर पर पंजाब से हिमाचल घूमने गए 2 युवाओं दौलत सिंह और हरनेक से 2000 रुपए मूल्य वाले अलग-अलग सीरियल नंबर के 70 नकली नोटों के रूप में 1.40 लाख रुपए की नकली करंसी जब्त की। 19 मई को ही पटियाला पुलिस ने 500 रुपए वाले नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर गिरोह के सरगना समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 84,500 रुपए के नकली नोट बरामद किए। 

पुलिस का कहना है कि बिहार तथा उत्तर प्रदेश में सक्रिय नकली नोटों के सौदागर पाकिस्तान से नए जाली नोटों की बड़ी खेप लाकर भारत में तेजी से खपा रहे हैं। कुछ समय पूर्व बेतिया (बिहार) में गिरफ्तार आई.एस.आई. के गुर्गे नबी ने सुरक्षा एजैंसियों को बताया था कि: 

‘‘भारत में नकली नोटों का कारोबार दुबई में बैठा ‘चाचा’ उर्फ ‘शफी’ व नूर मोहम्मद नामक व्यक्ति देखते हैं। इनका बिहार में जबरदस्त नैटवर्क है। नोटबंदी के दिनों में भी ये लोग नकली नोट खपाने में सफल रहे।’’ गुप्तचर तंत्र से जुड़े सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि बिहार से सटी नेपाल सीमा पर लगभग एक दर्जन माड्यूल जाली नोटों के धंधे में सक्रिय हैं और इसमें 100 से अधिक लड़कियों की टीम भी काम कर रही है।’’ 

कुछ समय पूर्व काठमांडू के तराई इलाके में स्थित कुछ अत्यंत आधुनिक  प्रैसों में भारतीय और नेपाली दोनों देशों की नकली करंसी छापने की बात सामने आई थी और यह भी चर्चा थी कि असली जैसे दिखने वाले जाली नोट पाकिस्तान से छाप कर लाए जाते हैं और चूंकि अधिकांश जब्तशुदा नोट असली नोटों से बहुत अधिक मेल खाते हैं, इससे यह स्पष्टï है कि जाली नोटों के व्यापारी अपने धंधे में कितने माहिर हो चुके हैं। चूंकि नकली करंसी चलाना किसी भी देश में रह कर उसकी जड़े खोदने जैसा है, अत: इनके निर्माण या सप्लाई से जुड़े लोगों के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। 

इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि जिस प्रकार अमरीकी बैंकों में जमा करने के लिए आने वाले नोट गिनने के लिए लगाई गई मशीनें गिनती के दौरान नकली पाए जाने वाले नोटों को उसी समय नष्ट कर देती हैं वैसी ही मशीनें भारतीय बैंकों में भी लगानी चाहिएं ताकि नकली नोट आम लोगों तक दोबारा पहुंच ही न सकें। —विजय कुमार

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