‘नाबालिगों द्वारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल रोकेंगे’ ‘आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री’

punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2024 - 05:13 AM (IST)

मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित होने वाली अश्लील सामग्री से हर आयुवर्ग के लोगों का चरित्र भ्रष्ट होने के साथ-साथ अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है। अभी कुछ ही मास पूर्व मध्य प्रदेश के रीवा में एक किशोर ने मोबाइल पर पोर्न देखने के बाद अपनी ही छोटी बहन से बलात्कार करने के पश्चात उसकी हत्या कर डाली। यही नहीं, मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया के अधिक इस्तेमाल से बच्चे अनेक बीमारियों के शिकार भी हो रहे हैं। इनमें याददाश्त कमजोर होना, आंखों के रोग, अनिद्रा, थकान, बेचैनी, मानसिक स्वास्थ्य तथा सोचने की शक्ति पर दुष्प्रभाव, गलत चीजें सीखने के रुझान में वृद्धि, ट्यूमर, भावनात्मक अस्थिरता, मांसपेशियों की तकलीफ आदि प्रमुख हैं। 

सोशल मीडिया के इन्हीं दुष्प्रभावों को देखते हुए आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ‘एंथनी अल्बानीज’ ने 10 सितम्बर को 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की योजना की घोषणा की है। ‘एंथनी अल्बानीज’ के अनुसार, ‘‘सरकार सोशल मीडिया और अन्य प्रासंगिक डिजीटल प्लेटफार्मों तक पहुंच के लिए न्यूनतम आयु सीमा लागू करने के उद्देश्य से इसी वर्ष एक कानून लाएगी क्योंकि सोशल मीडिया सामाजिक नुकसान पहुंचा रहा है और यह बच्चों को वास्तविक दोस्तों और वास्तविक अनुभवों से दूर ले जा रहा है।’’

आस्ट्रेलिया के सरकारी ब्राडकास्टर ‘आस्ट्रेलिया ब्राडकासिं्टग कार्पोरेशन’ ने इसी वर्ष अगस्त में एक सर्वेक्षण करवाया था जिसके अनुसार 16 प्रतिशत आस्ट्रेलियनों ने 17 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों (किशोरों) के लिए सोशल मीडिया की पहुंच को प्रतिबंधित करने का समर्थन किया है। इस बीच, साऊथ आस्ट्रेलिया के प्रमुख ‘पीटर मालिनौस्कस’ ने पूर्व संघीय न्यायाधीश राबर्ट फ्रैंच को 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया से प्रतिबंधित करने के लिए कानूनी रास्ते तलाशने का काम सौंपा है। किशोरावस्था जीवन की सर्वाधिक नाजुक अवस्था होती है। इस लिहाज से किशोरों को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की उक्त योजना अत्यंत उपयोगी है। भारत में भी जल्द से जल्द इस तरह की कोई व्यवस्था लागू की जाए ताकि देश के युवाओं में बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। -विजय कुमार


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