सज्जाद गनी लोन ने कहा जमानत देने में वी.आई.पी. आरोपी और साधारण आरोपी में भेदभाव क्यों?

punjabkesari.in Thursday, Oct 17, 2024 - 04:46 AM (IST)

‘अवामी इत्तेहाद पार्टी’ के प्रधान व सांसद इंजीनियर रशीद उर्फ शेख अब्दुल रशीद की जमानत की अवधि को दूसरी बार बढ़ाया गया है। उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर 3 अक्तूबर तक जमानत पर रिहा किया गया था। बाद में उनकी जमानत 13 अक्तूबर तक बढ़ाई गई और अब उसे 28 अक्तूबर तक बढ़ा दिया गया है। इस पर ‘पीपुल्स कांफ्रैंस’ के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखीे एक पोस्ट में कहा कि ‘‘जिस प्रकार बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर रशीद को जमानत दी जा रही है उसी तरह अदालतों को आम आरोपियों को भी जमानत देनी चाहिए।’’ 

‘‘मैं दिल्ली की अदालत से हाथ जोड़ कर अनुरोध करता हूं कि मेहरबानी करके क्या आप जमानत देने या बढ़ाने में वैसी ही दरियादिली दिखा सकते हैं जैसी आपने एक वी.आई.पी. आरोपी व सांसद के मामले में दिखाई है?’’ सज्जाद गनी लोन ने दिल्ली की अदालत द्वारा आतंकी वित्त पोषण केस में आरोपी इंजीनियर रशीद की जमानत 28 अक्तूबर तक बढ़ाने पर कहा :

‘‘ऐसे या इससे मिलते-जुलते केसों के मामलों में 2 लोगों की जेल में मौत हो गई लेकिन उन्हें जमानत नहीं दी गई। अधिकांश अन्य आरोपी बूढ़े और कई बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें भी इसी प्रकार की राहत देनी चाहिए। उनके भी परिवार हैं, उनकी भी घरेलू समस्याएं हैं, वे भी इंसान हैं।’’ 

‘‘न्यायपालिका के उच्चतम मापदंड और निष्पक्षता का पालन संबंधित अदालतों और जांच करने वाली एजैंसियों की जिम्मेदारी है। ऐसी ही भावना अदालतों द्वारा दिखाई जानी चाहिए। जांच एजैंसियां (इंजीनियर रशीद की) जमानत  की अवधि में वृद्धि को चुनौती नहीं दे रहीं। उन्हें इसी तरह की भावना दूसरे आरोपियों के मामले में भी दिखानी चाहिए। 2 तरह के नियम नहीं होने चाहिएं। एक ही तरह का नियम सब पर लागू हो।’’ सज्जाद गनी लोन की उक्त मांग बारे हम सिर्फ इतना ही कहेंगे कि न्यायपालिका को उनके सुझाव पर विचार करना चाहिए।—विजय कुमार 


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