जब देश में ‘वी.आई.पी.’ ही लुटने लगें तो फिर आम जन ‘किस खेत की मूली हैं’

Sunday, Jun 30, 2019 - 04:25 AM (IST)

देश में कानून व्यवस्था का भट्ठा बैठा हुआ है और आम आदमी तो क्या सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े वी.आई.पी. भी अब अपराधी तत्वों के निशाने पर आने लगे हैं। मात्र एक दिन में सामने आई 3 घटनाओं से इसकी पुष्टिï होती है। पहली 2 घटनाएं महाराष्टï्र की हैं जहां 24 जून को कांग्रेस और शिवसेना  के 2 विधायकों को अज्ञात व्यक्तियों ने उस समय लूट लिया जब ये विधायक विधानसभा के मानसून अधिवेशन में भाग लेने के लिए 2 अलग-अलग रेलगाडिय़ों से मुम्बई आ रहे थे। 

मलकापुर से विदर्भ एक्सप्रैस द्वारा मुम्बई आ रहे कांग्रेस विधायक ‘राहुल बोंद्रे’ की ट्रेन जब कल्याण रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 5 पर रुकी तब कोई अज्ञात व्यक्ति उनके कोच में घुस कर उनकी पत्नी का पर्स एवं एक फाइल झपट कर चम्पत हो गया। इसी दिन एक अन्य घटना में ठाणे और कल्याण स्टेशनों के बीच कोई लुटेरा देवगिरी एक्सप्रैस द्वारा जालना से मुम्बई आ रहे शिवसेना विधायक ‘संजय रायमुलकर’ का मोबाइल छीन कर भाग गया। 

इसी दिन वी.आई.पी. लूट की तीसरी घटना नई दिल्ली के अति सुरक्षित कहलाने वाले लुटियंस क्षेत्र में सुबह के समय मंडी हाऊस के निकट विधानसभा में विपक्ष के नेता ‘विजेंद्र गुप्ता’ की पत्नी ‘शोभा’ के साथ घटित हुई। पुलिस के अनुसार ‘शोभा’ जब मंडी हाऊस के निकट पहुंचीं तो स्कूटर सवार कुछ अज्ञात लोगों ने उनसे कहा कि उनकी कार से तेल जैसा कुछ रिस रहा है। जैसे ही ‘शोभा’ अपने ड्राइवर एवं सहयोगी के साथ कार से बाहर निकलीं, आरोपी कार में रखा उनका सामान लेकर चम्पत हो गए। 

उक्त तीनों घटनाएं देखने में भले ‘छोटी’ प्रतीत हों परंतु ये बहुत बड़ा प्रश्र खड़ा करती हैं कि जब हमारे देश में वी.आई.पी. लोग ही सुरक्षित नहीं हैं तो फिर आम लोगों की तो बिसात ही क्या है! हम बार-बार इस बारे लिखते रहे हैं तथा अखबारों में भी इस बारे छपता रहता है परंतु सरकारों ने खास कुछ नहीं किया। अब जबकि वी.आई.पी. लोगों पर हमले होने लगे हैं तो हम आशा करते हैं कि सरकारें जागेंगी और इस बारे कोई कठोर कदम उठाएंगी।—विजय कुमार 

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