क्या भारतवर्ष पर ‘साढ़ेसाती’ और ‘शनि’ का प्रकोप है?

punjabkesari.in Friday, Dec 02, 2016 - 01:39 AM (IST)

जब कोई व्यक्ति लगातार संकटों में घिरा रहे तो अक्सर कहा जाता है कि उस पर ‘साढ़ेसाती’ का प्रकोप है या ‘शनि महाराज’ उससे नाराज हो गए हैं। आजकल देश में जैसे हालात बने हुए हैं उन्हें देखते हुए भी अनेक लोग यही कह रहे हैं कि शनि देव इस समय भारत को टेढ़ी नजर से देख रहे हैं। 

इस समय विभिन्न घटनाओं के प्रभाव से जनता का जीवन दूभर हो रहा है-कश्मीर घाटी में ऐतिहासिक बंद, पड़ोसी बंगलादेश में हिन्दुओं पर हमलों के अतिरिक्त सीमा पार से जारी आतंकवाद, नोटबंदी से आर्थिक उथल-पुथल बढऩे तथा इसी मुद्दे पर लगातार लोकसभा व राज्यसभा ठप्प रहने के अलावा कानपुर रेल दुर्घटना से रेल यात्रा में सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। 

100 से अधिक दिनों से अशांत कश्मीर घाटी : 8 जुलाई 2016 को कश्मीर घाटी में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से पाक समर्थित अलगाववादियों की शह पर जारी आंदोलन 100 लोगों की मृत्यु व  100 दिन जारी रहने के बाद भी थमा नहीं है। अभी भी वहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है तथा 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की क्षति राज्य को हो चुकी है।

बंगलादेश में हिन्दुओं के मकानों और धर्मस्थलों पर हमले : 30 अक्तूबर 2016 को बंगलादेश में 10,000 से अधिक कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं के मकानों को जलाने के अलावा 17 हिन्दू मंदिरों पर हमला करके उन्हें भारी क्षति पहुंचाई और अनेक देव प्रतिमाओं को खंडित कर दिया। बंगलादेश को मित्र देश माना जाता है जिसे आजाद करवाने में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  
 
नोटबंदी से मचा कोहराम अभी भी जारी : 8 नवम्बर को देश से काला धन और नकली करंसी समाप्त करने के लिए 500 और 1000 रुपए के नोट रद्द किए जाने के 22 दिन बाद भी लोगों में कोहराम मचा हुआ है। अभी 70 से अधिक खाताधारियों व 11 के लगभग बैंक कर्मियों की मौत हो चुकी है। और पहली दिसम्बर को वेतन दिवस पर लोगों को वेतन के लाले पड़े रहे। इतना ही नहीं, जालसाजों ने 2000 के नए नकली नोट बाजार में पहुंचा भी दिए हैं। 

लोकसभा और राज्यसभा 11वें दिन भी ठप्प : नोटबंदी पर सरकार एवं विपक्ष में गंभीर टकराव से 16 नवम्बर से शुरू संसद का शीत अधिवेशन 11वें दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया तथा लोकसभा और राज्यसभा ठप्प रहीं। 

जम्मू में सरहद पर लगातार हमले जारी : एक ओर नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा रखी है तो दूसरी ओर जम्मू क्षेत्र में सीमाओं पर पाकिस्तानी सेना व उसके पाले आतंकवादियों के लगातार हमले जारी हैं :

11 सितम्बर को पुंछ में सेना व पुलिस की लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों से मुठभेड़ में 1 नागरिक व 5 जवानों की मृत्यु हो गई, 18 सितम्बर को उड़ी में सेना मुख्यालय पर हमले में 20 जवान शहीद कर दिए गए और 29 नवम्बर को जम्मू क्षेत्र में नगरोटा और रामगढ़ में सेना के ठिकानों पर आतंकी हमलों तथा पाक सेना द्वारा कवर फायर से मेजर गोसावी कुनाल और मेजर अक्षय गिरीश कुमार सहित 7 जवान शहीद हो गए। 

उल्फा के हमले में 3 जवान शहीद : 19 नवम्बर को पूर्वी असम में सेना के काफिले पर प्रतिबंधित संगठन उल्फा तथा एम.एस.एस.एल. खापलांग के हमले में सेना के 3 जवान शहीद हो गए। 

भयानक रेल दुर्घटना में मौतें : 20 नवम्बर को कानपुर के निकट भारत की अब तक की तीसरी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना में 146 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 400 के लगभग यात्री घायल हो गए।  

हाई सिक्योरिटी नाभा जेल से 6 गैंगस्टर फरार : 27 नवम्बर को अति सुरक्षित मानी जाने वाली नाभा जेल से के.एल.एफ. के चीफ हरमिंद्र सिंह मिंटू, सदस्य कश्मीर सिंह व उनके 4 गैंगस्टर साथी भाग निकले।   

सोने पर पाबंदी : नोटबंदी के बाद अब 1 दिसम्बर को केंद्र सरकार ने विवाहित महिलाओं के पास 500 ग्राम, अविवाहित लड़कियों के पास 250 ग्राम और पुरुषों के पास 100 ग्राम से अधिक सोना पाए जाने पर अपने नियमों के अनुसार टैक्स वसूलने का निर्णय किया है। सरकार के इस निर्णय से महिलाओं में भारी रोष फैल गया है।

धुंध का कहर : देश के अनेक भागों में धुंध का कहर जारी है। 1 दिसम्बर को यमुना एक्सप्रैस वे पर दर्जनों वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मृत्यु तथा एक दर्जन के लगभग लोग घायल हो गए। 

संक्षेप में देश इस समय कुछ इस तरह के हालात से जूझ रहा है जिसमें बड़ी संख्या में लोग असंतुष्ट, असुरक्षित व विभिन्न अभावों का सामना कर रहे हैं। शनि देव नाराज हैं या नहीं, यह अलग बात है, हम समझते हैं कि सरकार को अपनी व्यवस्था चाक-चौबंद करने और प्रत्येक समस्या से प्रभावशाली ढंग से निपटने की आवश्यकता है चाहे वह घरेलू हो या बाहरी!     
 


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