ट्रम्प द्वारा जेलेंस्की को आमंत्रित कर अपमानित करना किस तरह की राजनयिक कूटनीति

punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 05:34 AM (IST)

ट्रम्प टैलीविजन पर लोगों का ध्यान खींचना जानते हैं। इसी का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने अमरीका की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता तय किया। उनका मानना है कि जो जितना अधिक चौंकाने वाला, अधिक विचित्र और अधिक अशिष्टï होगा, उतनी ही उसकी रेटिंग बढ़ेगी। 
उनका यह फार्मूला 2015 में भी सफल रहा था और 2024 में फिर से काम आया। क्या झटका देने की रणनीति आपके पद पर रहते हुए भी काम करती है जब आपको चुनाव जीतने की जरूरत नहीं रह जाती है! तो सफलता के पैमाने क्या हैं? 

यूक्रेन-रूस युद्ध समाप्त करवाने की सुगबुगाहट के बाद अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अमरीका पहुंचे लेकिन व्हाइट हाऊस के ओवल आफिस में यूक्रेन युद्ध की बात चलते ही हालात बदल गए तथा जेलेंस्की, डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस में गर्मागर्म बहस हो गई। ट्रम्प और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता में पत्रकारों ने जब बेतुके प्रश्न पूछे तो उनमें से एक प्रश्न ब्रायन ग्लेन का था जो रूढि़वादी व्हाइट हाऊस संवाददाता हैं। ग्लेन ने जेलेंस्की से पूछा, ‘‘आप सूट क्यों नहीं पहनते? क्या आपके पास कोई सूट है? आप ओवल आफिस की गरिमा का सम्मान नहीं करते?’’ इसके उत्तर में जेलेंस्की ने जवाब दिया, ‘‘मैं इस युद्ध के समाप्त होने के बाद ही सूट पहनूंगा।’’

जेलेंस्की और ट्रम्प के बीच तीखी बहस में जहां एक ओर ट्रम्प ने जेलेंस्की को बार-बार सॉरी कहने को कहा वहीं उपराष्ट्रपति वेंस ने उन्हें थैंक्यू कहने को कहा। इस बहस के बाद उनकी प्रैंस कांफ्रैंस रद्द कर दी गई। इस कांफ्रैंस में अमरीका और यूक्रेन के बीच मिनरल डील की घोषणा होनी थी तथा अमरीका द्वारा यूक्रेन के लिए लगभग 31 लाख करोड़ रुपए की मदद के बदले यूक्रेन ने अमरीका को लगभग 44 लाख करोड़ रुपए के खनिज सौंपने थे। ट्रम्प द्वारा जेलेंस्की को बोलने का मौका न देने पर और आप जा सकते हैं कहने पर जेलेंस्की आनन-फानन में व्हाइट हाऊस छोड़ कर लंदन चले गए। ट्रम्प द्वारा जेलेंस्की के साथ इस तरह का व्यवहार करने से प्रश्न पैदा होता है कि आखिर किसी नेता को आमंत्रित करके उसका अपमान कर देना यह किस तरह की कूटनीति है? 

इससे पहले ट्रम्प ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का भी अपमान करने की कोशिश की थी परंतु उन्होंने ट्रम्प का हाथ पकड़ लिया था और उनकी घोषणा को गलत बताते हुए कहा कि यूरोप ने अमरीका से ज्यादा पैसा यूक्रेन को दिया और ट्रम्प के इस कथन कि यूरोप को अपना पैसा वापस मिल जाएगा, को गलत बताया कि वह एक गिफ्ट था। ट्रम्प का यह आचरण कूटनीतिक शिष्टाचार के स्तर में आई गिरावट की एक नई मिसाल है। इसी प्रकार यू.के. के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी ट्रम्प को प्रैस कांफ्रैंस में रोकते हुए कहा कि ट्रम्प गलत कह रहे हैं। हमने अमरीका से अधिक पैसा यूक्रेन को उपहार में दिया। ट्रम्प का कहना कि उन्होंने 304 बिलियन डॉलर दिए थे, यह गलत है क्योंकि अमरीका ने 114 बिलियन डालर के शस्त्र ही दिए थे। जेलेंस्की पर यूक्रेन का मूल्यवान खनिजों वाला इलाका देने के लिए दबाव डालना भी किसी की दृष्टï से उचित नहीं कहा जा सकता।यही कारण है कि विश्व में दुनिया के 31 नेता जेलेंस्की को अपना समर्थन दे रहे हैं। इनमें कनाडा, यू.के तथा ई.यू. ब्लाक के देश शामिल हैं। कुल मिला कर ट्रम्प ने अपने इस आचरण से अपनी और अमरीका की ही हेठी करवाई है। 

कल की प्रैस वार्ता से तीन बातें उभरती हैं। जैसा कि यह माना जा रहा है कि जेलेंस्की को प्रैस के सामने बेइज्जत करना एक सुविचारित, नियोजित रणनीतिक योजना थी तो इससे क्या हासिल होगा? रूस का साथ? क्या ट्रम्प यूक्रेन के नेतृत्व को बदलना चाहते हैं? क्योंकि बिना मिले भी जेलेंस्की को ट्रम्प ‘डिक्टेटर’ कह रहे थे। जेलेंस्की के बिना वह रूस के साथ बैठ कर समझौता करना चाहते हैं ताकि मिल बांट कर यूक्रेन के खनिजों  पर कब्जा कर लें। तीसरी बात, ऐसे में उन सब अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का क्या मतलब रह जाता है जिन्हें 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी देशों को सम्मान देते हुए अमरीका ने भी हस्ताक्षर किए थे या फिर नाटो जिसमें अमरीका ने यूरोप का साथ देने के लिए हस्ताक्षर किए थे तो उनकी अहमियत क्या रह गई है? ट्रम्प के इस ओवल आफिस में हुई बैठक में केवल उनके समर्थक पत्रकारों को ही बुलाया गया वहीं दूसरी ओर रूस की न्यूज एजैंसी ‘तास’ विशेष रूप से आमंत्रित थी। तो क्या अब यह माना जाए कि अमरीका अब रूस के साथ है और बाकी यूरोप, एशिया, अफ्रीका एक ओर हैं? दूसरी ओर अमरीका में लोगों ने अपने विचार व्यक्त करने के लिए यूक्रेन के समर्थन में और ट्रम्प के विरोध में बैनरों के साथ प्रदर्शन किया।


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