प्रतिरक्षा मंत्री यह क्या फरमा रहे हैं

Monday, Nov 28, 2016 - 02:08 AM (IST)

विश्व विख्यात कवि होमर के अनुसार 9 शक्तियां अथवा यूनानी देवियां हैं, जिनका राजनीतिज्ञ अपनी जनता को अच्छी या बुरी प्रेरणा देने के लिए आह्वान करते हैं। ये कला, संगीत, गणित, भूगोल, नृत्य, कविता, अंग विक्षेप और नक्षत्र विज्ञान का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनके अलावा 2 ऐसी शक्तियां भी हैं, जिनकी संभवत: यूनानियों को भी जानकारी नहीं थी परन्तु आधुनिक राजनीतिज्ञ इनसे भली-भांति परिचित हैं और प्राय: इनका इस्तेमाल भी करते हैं। ये हैं :  ‘विकर्षण’ तथा ‘कुविचारित बात’। ये दोनों ही शक्तियां बिना सोचे-समझे कही जाने वाली बातों से जन्म लेती हैं। 

संभवत: ‘कुविचारित’ एक ऐसा शब्द है, जिस पर अपने आचरण में हमारे प्रतिरक्षा मंत्री श्री मनोहर पार्रिकर इन दिनों अत्यधिक अमल कर रहे हैं। पाकिस्तान के संबंध में उनके हाल ही के बयानों की और भला किस रूप में व्याख्या की जा सकती है। 

सितम्बर में पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी कैम्पों पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान लगातार कश्मीर की भुम्बर घाटी, कृष्णा घाटी और नौशहरा में युद्ध विराम का उल्लंघन करता आ रहा है। वास्तव में पिछले कुछ दिनों के दौरान पाकिस्तान 5 मोर्चों पर भारतीय सीमा का अतिक्रमण करता आ रहा है लेकिन पार्रिकर के अनुसार सीमा पर स्थिति शांत है।

इससे भी आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा है कि ‘‘हमने बड़ी मजबूती से उनके हमलों का जवाब दिया है और परसों हमें उनका (पाक) फोन आया, जिसमें उन्होंने हमसे जवाबी कार्रवाई रोकने का अनुरोध किया।’’ इस सप्ताह मंगलवार को एक भारतीय सैनिक के शव के साथ बर्बरता करने जैसे अमानवीय आचरण से स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना अक्सर जैनेवा कन्वैंशन का घोर उल्लंघन करती आई है। अत: भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया है। 

इन हालात में बदले के लिए चिल्ला रहे हिन्दी फिल्मों के हीरो धर्मेन्द्र जैसे आचरण के विपरीत प्रतिरक्षा मंत्री की भाषा अधिक उत्तरदायित्वपूर्ण और नपी-तुली होनी चाहिए थी। प्रतिरक्षा मंत्री को अपनी सुप्रशिक्षित, धर्म निरपेक्ष और भली-भांति तैयार सेना को किसी भी प्रकार के विवाद से दूर रखना चाहिए। दुर्भाग्यवश अतीत में भी भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के अत्याचार झेले थे, लेकिन टी.वी. और मीडिया में इनकी घोषणा किए बिना उनका माकूल जवाब भी दिया है।  
 

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