वी.आई.पी. संस्कृति ‘मैं चाहे ये करूं, मैं चाहे वो करूं’

Wednesday, Nov 06, 2019 - 12:31 AM (IST)

देश की स्वतंत्रता से पूर्व हम लोग अंग्रेजों के अत्याचार और उत्पीडऩ के शिकार थे और स्वतंत्रता के बाद देश अपने ही राजनेताओं और उनके सगे-संबंधियों की कानून विरोधी गतिविधियों का शिकार हो रहा है। लगता है जैसे इन्होंने ‘मैं चाहे ये करूं, मैं चाहे वो करूं, मेरी मर्जी’ वाला सिद्धांत अपना लिया है :

28 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि राज्य के मंत्रियों और विधायकों पर 13000 करोड़ रुपए के बिजली के बिलों की अदायगी बकाया है जिसकी वसूली के लिए बिजली विभाग किस्तों में अदायगी का विकल्प देने जा रहा है।

29 अक्तूबर को यह चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन हुआ कि अपने बड़बोलेपन के लिए कुख्यात केरल के बिजली मंत्री एम.एम. मणि ने सिर्फ 2 वर्षों में अपनी एक कार के 34 टायर बदलवा डाले जिसे कोई भी मानने को तैयार नहीं है और उनका यह टायर स्कैंडल विवादों के घेरे में आ गया है।

30 अक्तूबर को बंगाल से फारवर्ड ब्लाक पार्टी के विधायक इमरान अली के विरुद्ध अपने साथियों के साथ बिहार के किशनगंज में आकर एक व्यक्ति से जबरन 10 लाख रुपए की मांग करने तथा उसकी प्रापर्टी को कब्जाने का प्रयास करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है।

30 अक्तूबर को ही झारखंड के सराय केला जिले में ईचागढ़ के भाजपा विधायक साधुचरण महतो ने एक समारोह में राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के रसोइए अरुण प्रामाणिक को पीट डाला।

02 नवम्बर को भाजपा की दीव दमन शाखा के अध्यक्ष गोपाल टंडेल का एक महिला के साथ अश्लील मुद्रा में वीडियो वायरल होने के बाद टंडेल को अपने पद से त्यागपत्र देने को विवश होना पड़ा।

02 नवम्बर को बिजनौर में चांदपुर की भाजपा विधायक कमलेश सैनी को एक समारोह में ड्यूटी पर मौजूद 2 दारोगाओं गजेन्द्र सिंह और जयवीर मान ने सैल्यूट नहीं किया तो उन्होंने नाराज होकर उन दोनों की शिकायत एस.पी. से करके उन्हें लाइन हाजिर करवा दिया।

04 नवम्बर को भुवनेश्वर में बीजद के वरिष्ठ नेता प्रमोद कुमार साहू को एक महिला का यौन उत्पीडऩ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

04 नवम्बर को ही बंगाल के मिदनापुर में भाजपा के विधायक नेता अनीसुर रहमान और उसके एक साथी को एक तृणमूल कांग्रेस के नेता की 7 अक्तूबर को हुई हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।

प्रभावशाली लोगों की दबंगई के ये तो चंद उदाहरण हैं। इसके अलावा भी अनेक घटनाएं हुई होंगी जो प्रकाश में नहीं आ पाईं। जब तक इस मन:स्थिति पर रोक नहीं लगाई जाएगी, कानून के रखवाले कहलाने वाले लोगों द्वारा कानून का उल्लंघन होता ही रहेगा।         —विजय कुमार 

Advertising