विदेशी महिलाओं के साथ भी हो रहे हैं बर्बर बलात्कार

Monday, Oct 29, 2018 - 04:36 AM (IST)

बेशक बलात्कार के विरुद्ध हाल के वर्षों में कड़े कानून बनाने के दावे किए जा रहे हों परंतु आंकड़ों पर नजर डालते ही पता चल जाता है कि कड़े कानूनों के बावजूद बलात्कार की वारदातें जरा भी कम नहीं हो रही हैं। ऐसे में ये आंकड़े कानून और महिला सुरक्षा के तमाम दावों का मजाक उड़ाते प्रतीत होते हैं। इतना ही नहीं, बलात्कार की शिकार केवल हर उम्र की भारतीय महिलाएं ही नहीं हो रही हैं बल्कि भारत आई विदेशी महिलाओं के साथ भी बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 

हाल में विदेशी महिलाओं के साथ हुई बलात्कार की घटनाओं का उल्लेख किया जाए तो हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय हिल स्टेशन मनाली में कुछ ही महीनों में दूसरी विदेशी महिला के साथ बलात्कार हुआ है। एक रिसर्च ग्रुप के साथ मनाली पहुंची 33 वर्षीय रूसी महिला के साथ 2 पुरुषों ने गैंगरेप किया। अपनी शिकायत में उसने बताया है कि बलात्कारियों ने उसे गैस्ट हाऊस तक छोडऩे आए एक स्थानीय युवक की पिटाई की और उसे खींच कर अपनी कार में बैठा कर एक अनजान जगह ले जाकर उसके साथ बारी-बारी बलात्कार किया। इसी साल मई में एक जापानी महिला के साथ मनाली में ही एक स्थानीय टैक्सी ड्राइवर ने बलात्कार किया था। 

मई में ही डिप्रैशन का उपचार करवाने के लिए केरल आई एक आयरिश महिला की बेहद क्रूरता तथा अमानवीय ढंग से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस का कहना है कि केरल के एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक सैंटर में डिप्रैशन के इलाज के लिए आई 33 वर्षीय लीगा नामक इस महिला को दो स्थानीय पुरुषों ने बहला कर धोखे से पहले नशा देकर बलात्कार किया और फिर विरोध करने पर सिर काटने के बाद उसकी लाश को जंगल में उलटा लटका दिया था। जून में दिल्ली में कनाडा की एक महिला को नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ बलात्कार के बाद उसे एम्स के बाहर फैंक कर अपराधी फरार हो गया था। जून में ही केन्या की एक महिला को लिफ्ट देने के बहाने गुडग़ांव के 5 लोगों ने गैंगरेप किया था।

जुलाई में मुम्बई दर्शन के दौरान 37 वर्षीय इतालवी महिला से टूरिस्ट गाइड ने टैक्सी में ही बलात्कार किया। जुलाई में तमिलनाडु के धार्मिक नगर तिरुवन्नामलाई में घूमने के लिए आई एक अमेरिकी महिला से कुछ लोगों ने गैंगरेप किया और उसे यातनाएं भी दी गई थीं। उसके चेहरे और हाथों तथा शरीर पर कई जगह काटने के कई निशान भी थे। यह भी एक विडम्बना ही है कि एक ओर विदेशी महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं जबकि दूसरी ओर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के.जी. एल्फोन्स का कहना है कि भारत को 2020 तक 2 करोड़ विदेशी पर्यटकों का लक्ष्य रखना चाहिए। उनके अनुसार पर्यटन उद्योग देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में 6.8 प्रतिशत का योगदान देने के साथ 8 करोड़ 40 लाख लोगों को रोजगार भी दे रहा है।

वह कहते हैं, ‘‘गत वर्ष देश में 1 करोड़ विदेशी पर्यटक आए थे परंतु यह कुछ भी नहीं है। भारत को पर्यटन में बहुत कुछ करते हुए 2020 तक 2 करोड़ पर्यटकों के लक्ष्य को हासिल करना है।’’  परंतु सवाल उठता है जब तक भारत में विदेशी महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्वक बलात्कार की एक के बाद एक घटनाएं होती रहेंगी तो भला वे किस तरह से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के बारे में सोच सकते हैं। ऐसी घटनाओं की वजह से ही विदेशी दूतावास अपने नागरिकों को भारत में प्रवास के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतने की हिदायत देते रहे हैं। ऐसे माहौल में विदेशी पर्यटकों में भय का माहौल बनना स्वाभाविक है। विदेशियों के साथ बलात्कार के अधिकतर मामलों में यह बात भी नजर आती है कि उन्हें भी बेहद कम मामलों में ही न्याय मिल पाता है। अधिकतर ऐसे मामलों में अभियुक्त बरी हो जाते हैं क्योंकि विदेशी पक्ष के पास इतना समय नहीं होता कि वे बार-बार कोर्ट में सुनवाई के लिए मौजूद रहें। उनका वीजा भी सीमित समय के लिए ही होता है जो अक्सर अदालत में कुछ पेशियां पूरी होते-होते ही खत्म हो जाता है।

Pardeep

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