‘उत्तर प्रदेश’ बन गया ‘अपराध प्रदेश’ हत्याएं, बलात्कार, लूटमार जोरों पर

Saturday, Jul 20, 2019 - 12:23 AM (IST)

उत्तर प्रदेश में आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं ने राज्य में कानून- व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है तथा 17 जुलाई को सोनभद्र जिले के घोरावल गांव में जमीन के विवाद में 2 गुटों में भीषण टकराव के चलते फायरिंग में 3 महिलाओं सहित 11 लोगों की मृत्यु ने, जो हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुई सर्वाधिक रक्तिम घटना है, पूरे देश का ध्यान यहां लगातार होते आ रहे विभिन्न अपराधों की ओर खींचा है :

14 जुलाई को लखनऊ में गोल्फ सिटी के पीछे बने अपार्टमैंट से एक युवती की लाश बरामद हुई। उसके फटे हुए कपड़ों से आशंका जताई जा रही है कि उसके साथ बलात्कार किया गया। 15 जुलाई को फैजाबाद में महाराज गंज थाना के कनकपुर गांव के समाजवादी पार्टी के एक युवा नेता अखिलेश यादव की हत्या कर दी गई। 15 जुलाई को ही प्रतापगढ़ जिले के सोनपुर गांव में विहिप के स्थानीय नेता ओम मिश्र प्रणव को घात लगाकर बैठे हमलावरों ने मार डाला।

16 जुलाई को लखनऊ में एक व्यक्ति की मारपीट के बाद हत्या। 17 जुलाई को सम्भल में घात लगाकर बैठे बदमाश 2 पुलिस कर्मियों की गोली मार कर हत्या करने के बाद 3 कैदियों को छुड़ा ले गए। 17 जुलाई को कानपुर देहात के डेरापुर में तैनात तथा किराए के मकान में रह रहे एक सिपाही ने किराएदार की बेटी से बलात्कार कर डाला।

18 जुलाई को नोएडा में 2 महिलाओं से बलात्कार किया गया। 19 जुलाई को इटावा की फ्रैंड्स कालोनी में अज्ञात बदमाशों ने एक बाइक सवार युवक को अंधाधुंध गोलियां चला कर भून डाला। 19 जुलाई को हाथरस के ‘नगला हीरा लाल’ गांव में पड़ोसन से विवाद के चलते उसके 3 वर्ष के मासूम बेटे की गला घोंट कर हत्या कर दी गई। प्रदेश में लाकानूनी को लेकर कोहराम मचा हुआ है। लोगों को शिकायत है कि उन्हें पुलिस से न्याय नहीं मिलता तथा आदित्यनाथ योगी सरकार पर अपराधियों के आगे नतमस्तक होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अपराध बढ़े नहीं हैं बल्कि इसलिए बढ़े हुए लगते हैं क्योंकि पहले अपराध दर्ज नहीं होते थे और अब दर्ज हो रहे हैं परंतु राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने स्वीकार किया है कि 19 मार्च, 2017 को सरकार के गठन से लेकर 9 मई, 2019 तक राज्य में 729 हत्याएं, 803 बलात्कार, 60 डकैती, 799 लूट और 2682 अपहरण की घटनाएं हुई हैं। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है जिस पर नियंत्रण पाने में योगी आदित्यनाथ की सरकार नाकाम दिखाई दे रही है।—विजय कुमार

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