घाटी में खूनखराबे के लिए ‘तरल विस्फोटक’ व ‘सैटेलाइट फोन’ का इस्तेमाल

punjabkesari.in Tuesday, Apr 19, 2022 - 04:00 AM (IST)

लश्कर-ए-तोयबा, जैश-ए-मोहम्मद तथा हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकवादी गिरोहों को पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई. अपना समर्थन और सहायता प्रदान करना जारी रखे हुए है तथा अब उसने सीमा पार से ड्रोनों द्वारा भारतीय क्षेत्र में हथियार भी फैंकना शुरू कर दिया है। अब पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ट्रिनिट्रोटोल्यूइन (टी.एन.टी.) या नाइट्रोग्लिसरीन जैसे तरल विस्फोटकों के इस्तेमाल की सजिश रचने लगे हैं। इनका प्रयोग 2007 के दशक में दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी किया करते थे पर उसके बाद से तरल विस्फोटकों के इस्तेमाल का कोई मामला सामने नहीं आया था। 

जम्मू-कश्मीर के डी.जी.पी. श्री दिलबाग सिंह के अनुसार कुछ समय पूर्व पाकिस्तानी ड्रोनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में आर.एस. पुरा सैक्टर के अॢनया सब-सैक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सफेद रंग के तरल विस्फोटकों की एक-एक लिटर वाली 3 बोतलें डेटोनेटरों के साथ फैंकी गईं। इन बोतलों में भरे गए तरल पदार्थ की शुरूआती जांच में इनके ट्रिनिट्रोटोल्यूइन (टी.एन.टी.) या नाइट्रोग्लिसरीन होने का संकेत मिलता है जिसे आमतौर पर डायनामाइट में इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारियों के अनुसार चूंकि इस तरह के विस्फोटकों को डिटैक्टरों अथवा स्निफर कुत्तों द्वारा आसानी से पकड़ पाना संभव नहीं है, अत: तरल विस्फोटकों का इस्तेमाल हमारी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। 

एक अन्य चिंताजनक घटनाक्रम में पिछले चंद महीनों के दौरान जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों द्वारा प्रतिबंधित ‘इरिडियम थुरया’ सैटेलाइट फोन तथा विशेष रूप से रात के समय सुरक्षा बलों की घेराबंदी से उन्हें बचाने में सहायक वाईफाई सक्षम थर्मल इमेजरी उपकरणों के इस्तेमाल के 15 संकेत मिले हैं। इन उपकरणों से आतंकवादी अपनी ओर आ रहे सिक्योरिटी स्टाफ की तस्वीर, उनके छिपने के अड्डों के आसपास का दृश्य भी देख सकते हैं। 

इसी को देखते हुए सावधानी के तौर पर सुरक्षा बल अब सभी सिग्नलों को जाम करने के लिए अपने साजो सामान के साथ-साथ जैमर भी लेकर जाने लगे हैं ताकि आतंकवादियों को वहां से भागने का मौका न मिले। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि इन फोनों के इस्तेमाल की गतिविधियों पर नजर रखी जाने के कारण घबराने की आवश्यकता नहीं है मगर सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामले में छोटी सी भूल भी महंगी पड़ सकती है।—विजय कुमार  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News