‘भारत के साथ सम्बन्ध सुधारो’ अमरीकी सांसदों ने ट्रम्प को लिखा पत्र!
punjabkesari.in Sunday, Oct 12, 2025 - 03:16 AM (IST)
डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वर्ष 20 जनवरी को दूसरी बार अमरीका के राष्टï्रपति का पद संभालते ही 1 फरवरी को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करके कनाडा और मैक्सिको से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैेरिफ लगाने की घोषणा कर दी जिसे 4 मार्च से लागू कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने 2 अप्रैल के दिन को ‘लिबरेशन डे’ घोषित करते हुए अमरीका को सामान निर्यात करने वाले सभी देशों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। ट्रम्प प्रशासन ने पहले 9 अप्रैल को ये दरें लागू करने की घोषणा की थी, पर बाद में इन्हें अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया था।
टैरिफ पर स्थगन के दौरान ट्रम्प प्रशासन ने 3 महीनों तक अपने विभिन्न व्यापार सहयोगियों के साथ वार्ता की जिसके बाद 9 अगस्त से सम्बन्धित देशों पर ‘ट्रम्प’ द्वारा घोषित 10 प्रतिशत वृद्धि का टैरिफ लागू कर दिया गया। इस से पहले 30 जुलाई को राष्टï्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया अकाऊंट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा था कि,‘‘अमरीका से भारत अधिक टैरिफ वसूल करता है, अत: अमरीका भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा।’’ लेकिन 7 अगस्त को टैरिफ लागू होने की तिथि से एक दिन पहले 6 अगस्त को एक आदेश जारी कर के अमरीका ने भारत पर लगाए टैरिफ को बढ़ा कर 50 प्रतिशत कर दिया।
‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने आरोप लगाया कि भारत चूंकि रूस से तेल खरीद रहा है और भारत के पैसे से हथियार खरीद कर रूस यूक्रेन में बेकसूर लोगों को मार रहा है, इसलिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ जुर्माने के रूप में लगना चाहिए। अब भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू है। इस दौरान भारत व अमरीका के बीच ‘ट्रेड डील’ पर भी बातचीत चल रही थी। अमरीका से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के मामले में भारत अग्रणी था और इसने जून में ही कई मुद्दों पर अमरीका के साथ सहमति बना ली थी परंतु अमरीका द्वारा अपने डेयरी व कृषि उत्पादों के लिए भारत का बाजार खोलने की मांग को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत अटक गई। भारत ने अमरीका के इस रवैये को अनुचित, निराधार और अव्यावहारिक बताया था। हालांकि अब दोनों देशों में ट्रेड डील पर बातचीत फिर शुरू हो गई है पर अब इस मुद्दे पर ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ अपने घर में ही घिर गए हैं।
8 अक्तूबर को अमरीकी कांग्रेस के 19 सदस्यों ने ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ को लिखे पत्र में भारत के साथ रिश्ते सुधारने की नसीहत दी है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि‘‘भारत से आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाने से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ अमरीका की दोस्ती पर चोट लग रही है तथा भारत ट्रम्प के इस कदम से चीन तथा रूस के और करीब जा सकता है।’’ सांसदों ने यह चेतावनी भी दी कि‘‘यदि टैरिफ बढ़ता रहा तो अमरीकी लोगों को महंगा सामान खरीदना पड़ेगा।’’ इन सांसदों ने बलपूर्वक ट्रम्प से भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने को कहा है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच व्यापार और आपसी सम्मान के लिए बहुत जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि भारत द्वारा जून में पाकिस्तान के विरुद्ध शुरू किए गए ‘आप्रेशन सिन्दूर’ को रोकने में अमरीका की भूमिका से इंकार करने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों में भी कुछ कटुता देखने को मिली थी लेकिन हाल के दिनों में ट्रम्प द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन की बधाई देने और भारत द्वारा ट्रम्प के गाजा शांति प्लान की सराहना करने के बाद रिश्तों पर पड़ी बर्फ कुछ पिघली है और अब दोनों देशों के मध्य ट्रेड डील होने की कुछ संभावना बनी है। अमरीकी सांसदों द्वारा डोनाल्ड ट्रम्प को लिखा पत्र भी इस मामले में भूमिका अदा करेगा और नोबेल पुरस्कार न मिलने का गम भुला कर दोनों देशों के मध्य जितनी जल्दी ‘ट्रेड डील’ कर लेंगे उतना ही दोनों देशों के व्यापारिक हितों और आपसी संबंधों के लिए अच्छा होगा। -विजय कुमार
