मणिपुर के आंदोलनकारी : उखाड़े गए बिजली खम्भों से तोपें व अन्य हथियार बनाने लगे

Tuesday, Jul 18, 2023 - 04:54 AM (IST)

पूर्वोत्तर में भारत का सीमावर्ती राज्य मणिपुर गत 73 दिनों से मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के बाद से हिंसा और आगजनी की चपेट में आया हुआ है। परिणामस्वरूप अब तक सम्पत्ति की भारी तबाही के अलावा 150 के लगभग लोगों की जान भी जा चुकी है। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा गत मास राज्य के दौरे के बाद मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा, पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी की घोषणा तथा हिंसा के कारणों की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने के आश्वासन के बावजूद हिंसा थम नहीं रही। 

अब तो आंदोलनकारी राज्य में उखाड़े गए बिजली के खम्भों व पानी की पाइपों से हथियार बनाकर उनका इस्तेमाल करने लगे हैं। सुरक्षाबलों द्वारा हाल ही में उपद्रवियों से जब्त हथियारों में एक बड़ा हिस्सा ऐसे हथियारों का है। बिजली के खंभों का उपयोग तोप बनाने में किया जा रहा है। इसमें गोलियों या छर्रों के रूप में अन्य धातु की वस्तुएं भरी जाती हैं। मणिपुर के सुगनू शहर के अधिकारियों के अनुसार इस पहाड़ी समुदाय के लोग पारंपरिक रूप से शिकारी तथा घातक हथियार बनाने में माहिर हैं। 

मणिपुर जैसे सीमावर्ती राज्य में इतने लम्बे समय से हिंसा का जारी रहना खतरनाक संकेत है। इससे न केवल मणिपुर का सामाजिक तानाबाना बिखर रहा है और समाज में तनाव और दुर्भावना पैदा हो रही है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है।—विजय कुमार

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