उ.प्र. की योगी सरकार ने तेजी से किए कुछ अच्छे फैसले

Sunday, Apr 30, 2017 - 12:41 AM (IST)

सत्ता में आने के फौरन बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनहितकारी फैसलों की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इनमें गांवों में 18 घंटे प्रतिदिन बिजली देने, पुराने बिजली बिलों पर सरचार्ज माफ करने, आलू खरीद केंद्र बनाने, गन्ना किसानों को 14 दिनों के भीतर भुगतान और पुराने बकाए चार महीने के भीतर निपटाने आदि के आदेश शामिल हैं। 

इसी शृंखला में लखनऊ में 14 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा ऐलान करते हुए प्रदेश के स्कूलों में महापुरुषों की जयंतियों और पुण्यतिथियों पर सार्वजनिक अवकाश पर रोक लगा दी। इस बारे घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘स्कूलों में छुट्टियों की भरमार होने के कारण अध्यापकों को बच्चों को पढ़ाने का समय ही नहीं मिलता। अत: महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथियों पर छुट्टी की बजाय उनकी शिक्षाओं के संबंध में स्कूलों में विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।’’ 

वास्तव में 18 मार्च को सत्ता ग्रहण करने से लेकर 18 अप्रैल तक की एक महीने की अवधि में ही योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ अपनी कैबिनेट की 2 बैठकें ले लीं बल्कि इस अवधि में 2 दर्जन से अधिक फैसले लिए और लगभग 300 आदेश जारी करने के अलावा अधिकारियों को यह हिदायत भी दी कि इनके क्रियान्वयन में कोई ढील नहीं बरती जानी चाहिए। जनहितकारी निर्णयों का सिलसिला जारी रखते हुए अब 28 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कन्या संतान को प्रोत्साहन देने के लिए ‘भाग्यलक्ष्मी योजना’ भी शुरू करने की घोषणा की है। 

इसके अंतर्गत गरीब परिवारों में बेटी के जन्म पर 50,000 रुपए का बांड तथा बच्ची की मां को भी 5100 रुपए देने का निर्णय किया गया है ताकि बेटियों की अच्छी तरह देखभाल हो सके। इस योजना में सरकार बी.पी.एल. परिवारों के साथ-साथ 2 लाख रुपए वाॢषक तक की आय वाले परिवारों को भी शामिल करने जा रही है। योजना के अंतर्गत छठी कक्षा में आने पर 3,000 रुपए, 8वीं में आने पर 5,000 रुपए, 10वीं में पहुंचने पर 7,000 रुपए, 12वीं में पहुंचने पर 8,000 रुपए दिए जाएंगे और इस तरह लड़की की 21 वर्ष की उम्र तक 2 लाख रुपए उसके माता-पिता को दिए जाएंगे। 

बेटी के जन्म पर 50,000 रुपए का बांड देने के निर्णय से जहां बेटियों की अच्छी देखभाल हो सकेगी वहीं लोग कन्या भू्रण हत्या से भी संकोच करेंगे जिससे राज्य में बिगड़ रहा लिंगानुपात सुधरने में भी मदद मिलेगी। 28 अप्रैल को ही जन सरोकार की एक अन्य समस्या पर महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड में पानी की समस्या से निपटने के लिए ‘केन बेतवा ङ्क्षलक नहर’ के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश देने के अलावा किसी भी योजना में धन के दुरुपयोग का पता लगने पर तुरंत उन्हें सूचना देने का आदेश भी दिया। 

योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा लिए जा रहे जनहितकारी निर्णयों से उनके धुर विरोधी भी प्रभावित हो रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा और इसके नेतृत्व को पानी पी-पी कर कोसने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने भी योगी आदित्यनाथ द्वारा स्कूलों में छुट्टिïयां कम करने के निर्णय का स्वागत किया है। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने 28 अप्रैल को कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में अच्छा कदम उठाया है। हमें हमेशा दूसरे राज्यों से सीखने को तैयार रहना चाहिए।’’ इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने भी बड़ी हस्तियों की जयंती अथवा पुण्यतिथि पर दिए जाने वाले सार्वजनिक अवकाश रद्द करने के फैसले की घोषणा कर दी है। 

स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए जाने वाले जनहितकारी निर्णयों ने उनके विरोधियों को भी उनका प्रशंसक बना दिया है। अन्य राज्यों की सरकारों को भी योगी आदित्यनाथ और उ.प्र. सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों से प्रेरणा लेकर अपने राज्यों में भी ऐसे निर्णय लेने चाहिएं। —विजय कुमार  

Advertising