देश में बेरोजगारी के बढ़ते कदम पीएच.डी. व इंजीनियरों द्वारा कांस्टेबल के लिए आवेदन

Saturday, Jul 02, 2016 - 12:22 AM (IST)

देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है। वर्ष 2011 में बेरोजगारी की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत थी जो 2012 में 3.6 प्रतिशत, 2013 में 3.7 प्रतिशत और 2014 में बढ़ कर 3.8 प्रतिशत हो गई। स्थिति की गंभीरता इसी से स्पष्टï है कि गत वर्ष सितम्बर में उत्तर प्रदेश में सचिवालय लेखपालों और चपरासियों के 13,684 पदों के लिए विज्ञापन के उत्तर में 50 लाख आवेदन आए थे जिनमें अनेक पीएच.डी. और 2 लाख से अधिक स्नातक व अधिक योग्यता प्राप्त उम्मीदवार शामिल थे।
 
और अब मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कांस्टेबलों की लगभग 14000 आसामियों, जिनके लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण निर्धारित है, पीएच.डी., स्नातकोत्तर और इंजीनियरिंग के डिग्रीधारियों ने भारी संख्या में आवेदन किए हैं। लगभग 9.24 लाख उम्मीदवारों में 12 पीएच.डी. (डाक्टर आफ फिलास्फी), 9629 इंजीनियर, 14562 स्नातकोत्तर, 1.19 लाख स्नातक, 3438 डिप्लोमाधारी और 5 लाख से अधिक 12वीं कक्षा पास हैं। 
 
गत वर्ष भी मध्य प्रदेश में वन रक्षकों की आसामियों के लिए दिए गए विज्ञापन के उत्तर में आवेदकों में 34 पीएच.डी., 12000 से अधिक इंजीनियर, 23,416 स्नातकोत्तर और 1.17 लाख से अधिक स्नातक शामिल थे। वैसे तो कोई भी काम छोटा नहीं होता परंतु यदि उच्च योग्यता प्राप्त लोगों को कम योग्यता वाले पदों पर काम करने के लिए विवश होना पड़े तो समझा जा सकता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। यह समस्या एक-दो प्रदेशों की नहीं बल्कि समूचे देश की है जिससे बचने के लिए युवाओं को स्वरोजगार की प्रेरणा देने के साथ-साथ लगातार बढ़ रही जनसंख्या पर भी अंकुश लगाने के उपाय करने की अत्यधिक आवश्यकता है।
   —विजय कुमार 
Advertising