‘तृणमूल’ के राज में, पश्चिम बंगाल में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रहे अपराध

Saturday, Apr 16, 2022 - 03:39 AM (IST)

देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और आम अपराधियों के साथ-साथ इसमें समाज के मार्गदर्शक राजनीतिज्ञ और उनके परिवार के सदस्य शामिल पाए जा रहे हैं। ऐसे ही मामले में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेता समर गोयाला के बेटे ब्रजगोपाल गोयाला को एक नाबालिगा से 4 अप्रैल को बलात्कार व हत्या के आरोप में 11 अप्रैल को तथा अगले दिन उसके मित्र को गिरफ्तार किया गया है। 

सी.बी.आई. जांच के दौरान मृतका के पिता ने आरोप लगाया कि ब्रजगोपाल गोयाला ने उसे धमकी दी थी कि यदि उन्होंने इलाज के लिए पीड़िता को किसी डाक्टर या अस्पताल में पहुंचाया तो वह उनके पूरे परिवार को मार देगा और यदि वे पुलिस के पास जाएंगे तो उन्हें वहां मार दिया जाएगा। हथियारों का भय दिखाकर उसकी बेटी का शव छीन लिया गया और गांव के पास ही उसे श्मशान में ले जाकर जला दिया। 

11 अप्रैल को ममता बनर्जी के इस बयान से विवाद खड़ा हो गया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘संभव है लड़की की मौत बीमारी से हुई हो। आपको कैसे पता चला कि उसके साथ बलात्कार हुआ? क्या वह गर्भवती थी या लव अफेयर का मामला था? अगर कपल रिलेशनशिप में है तो हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं। यह यू.पी. नहीं है जहां लव जेहाद के नाम पर ऐसा होता है।’’ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ममता के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि ‘‘एक महिला होने के नाते उन्हें दूसरी महिला का दर्द समझना चाहिए। ममता द्वारा एक पीड़िता पर उंगली उठाना गलत है।’’ 

यही नहीं अब तो तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत राय ने यह कह कर ममता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि ‘‘एक महिला मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले राज्य में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की एक भी अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए और ऐसी घटनाओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।’’ ‘‘यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य में महिलाओं के विरुद्ध एक भी घटना होती है तो यह शर्म का विषय है। महिलाओं के विरुद्ध अपराध अस्वीकार्य हैं।’’ 

किसी राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य और उनके परिवार के लोग ही जब इस तरह की अनैतिक और अनुचित घटनाओं में शामिल पाए जाने लगेंगे तो फिर अन्य लोगों से कानून का पालन करने की आशा करना तो व्यर्थ ही है। उक्त घटना से जहां ममता बनर्जी की छवि खराब हुई है वहीं बंगाल में ‘पिछली वामपंथी सरकारों की गुंडागर्दी’ समाप्त कर कानून व्यवस्था का शासन बहाल करने के उनके दावे भी खोखले सिद्ध हुए हैं और उनकी पार्टी के लोग ही गुंडागर्दी पर उतर रहे हैं।—विजय कुमार

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