‘ट्रम्प के बदले सुर’भारत के प्रति स्टैंड बदलने के संकेत!
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 04:56 AM (IST)
‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने इस वर्ष 20 जनवरी को अमरीका के राष्ट्रपति के रूप में अपनी दूसरी पारी शुरू करने के तुरंत बाद अनेक ऐसे निर्णय लिए जिनसे अमरीका सहित दुनिया भर में रोष भड़क उठा। उनकी नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन तक हुए। उनके अनेक निर्णयों को अदालतों में चुनौतियां दी गईं तथा अदालतों ने उनके कुछ निर्णयों को रद्द भी कर दिया। ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ बार-बार प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’ के साथ अपना अपनत्व भरा सम्बन्ध जाहिर करते रहे हैं परंतु उन्होंने विभिन्न देशों के विरुद्ध ‘टैरिफ’ का हौवा खड़ा करने के साथ ही भारत को भी इसमें लपेट लिया। हालांकि बीच-बीच में वह प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’ को अपना ‘परम मित्र’ भी बताते रहे लेकिन दूसरी ओर 2 अप्रैल, 2025 को भारत तथा विश्व के अनेक देशों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी परंतु इसका क्रियान्वयन कुछ दिनों के लिए रोक दिया और इसके बाद :
* 30 जुलाई, 2025 को ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने घोषणा की कि भारत से आयातित सामान पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।
* 1 अगस्त, 2025 को उक्त 25 प्रतिशत टैरिफ प्रभावी हुआ।
* 6 अगस्त, 2025 को ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीद को कारण बताकर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का आदेश जारी कर दिया।
* 27 अगस्त, 2025 को कुल मिलाकर भारत से आयातित सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ प्रभावी हो गया।
फिर 19 सितम्बर को ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने ‘एच 1-बी वीजा’ पर भी कड़ा रुख अपनाया और इसका आवेदन तथा नवीनीकरण शुल्क 1000 डालर से बढ़ाकर 1,00,000 डालर (लगभग 88 लाख रुपए) कर दिया। ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ के अनुसार इसका उद्देश्य विदेशी कामगारों का अमरीका में आना रोक कर स्थानीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना व कम्पनियों पर विदेशी कर्मचारियों की निर्भरता कम करके स्थानीय नौकरियों की रक्षा करना था।
अमरीका की एक अदालत में इस आदेश के विरुद्ध याचिका दायर करके कहा गया कि इससे नौकरी देने वालों और कर्मचारियों के बीच अफरा-तफरी फैल गई है जिसके बाद 21 अक्तूबर को ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने यह कहते हुए ‘एच 1-बी वीजा’ धारकों को छूट देने की घोषणा कर दी कि यह शुल्क अमरीका के भीतर अपना वीजा स्टेटस बदलने वालों पर लागू नहीं होगा। इसके बाद चंद और नाटकीय घटनाक्रम भी हुए हैं। ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने 11 नवम्बर को भारत पर टैरिफ कम करने का संकेत देते हुए कहा कि भारत और अमरीका बहुत जल्द एक व्यापारिक समझौते के करीब हैं।
और अब 12 नवम्बर को उन्होंने ‘एच-1 बी वीजा’ को लेकर अपने रुख में बदलाव लाते हुए कहा है कि ‘‘अमरीका को अभी कुछ क्षेत्रों में कुशल विदेशी प्रतिभाओं की आवश्यकता है, ïअत: एच 1-बी वीजा जारी रहना चाहिए। देश में कई महत्वपूर्ण नौकरियों के लिए पर्याप्त प्रतिभाशाली (स्थानीय) लोग नहीं हैं इसलिए विदेशी पेशेवर लोगों की जरूरत पड़ती है तथा बेरोजगार लोगों को उठा कर मिसाइल फैक्टरी में नहीं भेजा जा सकता।’’ यही नहीं, अमरीका में पढऩे वाले विदेशी छात्रों को लेकर भी अपने रुख में यू-टर्न लेेते हुए ‘ट्रम्प’ ने कहा कि ‘‘विदेशी छात्रों को अमरीका में पढ़ाई की अनुमति मिलती रहनी चाहिए क्योंकि वह न सिर्फ देश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाते हैं बल्कि विश्वविद्यालयों की आॢथक स्थिति भी संभालते हैं।’’ ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ द्वारा लिए गए उक्त तीनों ही निर्णय जितने भारत के हित में हैं उतने ही अमरीका के हित में भी हैं। ‘डोनाल्ड ट्रम्प’ ने उक्त निर्णय लेकर स्वीकार कर लिया है कि अमरीका चाहे कितनी भी प्रगति कर गया हो, काफी हद तक वह भारत जैसे देशों पर निर्भर है। आशा है कि वह अपने रुख में बदलाव पर कायम रहेंगे जिससे उनकी धूमिल हो रही छवि में सुधार होगा।—विजय कुमार
